अपने बच्चे के अंदर जगाएँ आत्म विश्वास

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2 months ago

अपने बच्चे के अंदर जगाएँ आत्म विश्वास

आत्मविश्वास वस्तुत: एक मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्ति है। इससे महान कार्यों के संपादन में सहजता और सफलता हमें प्राप्त होती है। बगैर आत्मविश्वास के इन कार्यों की सफलता संदिग्ध ही बनी रहती है।जीवन में सफल होने के लिए आत्‍मविश्वास एक बेहद ही महत्‍वपूर्ण गुण है। लेकिन कुछ बच्चों में इसकी कमी होती है जबकि कुछ बच्चों में परिस्थितियों के कारण इसमें कमी आने लगती है। परन्‍तु कुछ बातों को अपनाकर आप अपने अपने बच्चे के अंदर आत्मविश्वास को बढा सकते हैं।
 

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  • आत्‍मविश्‍वास, जीवन में सफलता की कुंजी है। आत्‍मविश्वास आपके बच्चे के संपूर्ण व्‍यक्तित्‍व को बदल देता है। आत्‍मविश्‍वास की कमी वाला बच्चा जीवन में आने वाली छोटी सी परेशानी से भी घबरा जाता है। जबकि आत्‍मविश्वास से परिपूर्ण बच्चा कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना भी आसानी से कर लेता है। इसलिए हमें अपने बच्चे को आत्‍मविश्वास से परिपूर्ण बनाना चाहिए।
     
  • बच्चे में आत्मविश्वास के निर्माण के लिए जरूरी है कि उसकी शक्तियों और कमजोरियों को एक यथार्थवादी ढंग से समझने की कोशिश करें। इसके लिए अपने यह जाने कि आखिर वह कौन से कारण है जो परिस्थितियों का सामना करने की बजाय आपके बच्चे को कमजोर बना देता है।
     
  • बच्चे के अंदर आत्‍मविश्वास जगाने के लिये उसकी सोच सकारात्‍मक बनाने का प्रयास करें। बच्चे को हमेशा प्रसन्न रखने की कोशिश करें ताकि उसे नकारात्मक भावनाओं से लड़ने की शक्ति मिलती रहें।
     
  • बच्चों की गलतियों से घबराएं नहीं बल्कि उसे अपनी गलतियों से सीखने की प्रेरणा दें। क्‍यों‍कि गलतियां कमियों को बताती है और उस कमी को दूर करके आप अपने बच्चे में आत्‍मविश्वास का निर्माण कर सकते हैं।
     
  • बच्चे का पहनावा भी उसके आत्‍मविश्‍वास पर बहुत प्रभाव डालता है। अच्‍छे से तैयार होने पर आपके बच्चे के अन्‍दर एक अलग सी एनर्जी आती है। और समाने वाले पर भी काफी अच्‍छा प्रभाव पड़ता है। उसके पहनावे को लेकर छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप बच्चे में आत्मविश्वास का निर्माण कर सकते हैं।
     
  • बच्चे में आत्‍मविश्वास के निर्माण में बॉडी लैंग्‍वेज का बहुत बड़ा योगदान होता है। चलने, खड़े होने और उठने बैठने का तरीका आपके बच्चे के आत्‍मविश्वास को दर्शाता है। उसे बताएं कि किसी से भी नजर चुराकर नहीं, बल्कि नजर मिलाकर बात करनी चाहिए।
     
  • जिस भी बच्चे का मन शंका, चिंता और भय से भरा हो वह साधारण से साधारण क्रियाकलाप भी करने में कठिनाई महसूस करता है। चिंता व शंका आपके बच्चे के मन को कभी भी एकाग्र नहीं होने देंगे अत: अपने बच्चे के अंदर आत्मविश्वास बढ़ाने हेतु उसके मन से सभी प्रकार के संदेह निकालें तथा उसकी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करें
     
  • आपको चाहिए कि अपने बच्चे में आत्मविश्वास भरें। उनका आत्मविश्वास कभी कम नहीं करना चाहिए। उन्हें कभी भी इस प्रकार के नकारात्मक शब्द कि 'तुम कुछ नहीं जानते' या 'तुम में इस बात की कमी है' कभी नहीं कहने चाहिए।
     
  • इससे बच्चों का आत्मविश्वास कम होता है तथा इससे उनमें हीनभावना जागृत होती है तथा वे कुंठित हो जाते हैं। आज दुनिया में जो निराशा की भावना तथा गरीबी दिखाई दे रही है उसके पीछे प्रमुख कारण यही हीनभावना है।
     
  • सबसे पहले आपको चाहिए कि अपने बच्चे को हमेशा सकारात्मक चिंतन के लिए प्रेरित करें। अपने बच्चे को सकारात्मक विचार वाले बच्चों के साथ रखने की कोशिश करें। कहा ‍भी जाता है कि 'जैसी संगति, वैसी उन्नति'। जैसी आपकी विचारधारा होगी, दिमाग भी वही सोचने लगता है अत: अपने बच्चे में सकारात्मक ही सोच ही डालें तथा साथ ही उसकी खामियों को भी स्वीकार कर सुधार का प्रयास करें।
     
  • अपने बच्चे  द्वारा भूतकाल में की गईं गलतियों, असफलताओं को भुलाकर नई शुरुआत करें। बच्चे में आत्मविश्वास जगाने हेतु भविष्य की योजना बनाएं तथा लक्ष्य निर्धारित कर उसकी प्राप्ति में जुट जाएं।
     
  • आत्मविश्वास की कुंजी है असफलता को स्वीकारना। अपने बच्चे को इसके लिए प्रेरित करें। उसके द्वारा किए गए श्रेष्ठ काम के लिए उसकी सराहना करें। अपने बच्चे द्वारा सफलतापूर्वक किया गए काम को फिर से दोहराने के लिए उसे प्रेरित करें। इससे आपके बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
     
  • यदि आपके बच्चे को वर्तमान परिस्‍थि‍ति जटिल लगे तो उसे नए तरीके से सिखाने का प्रयास करना चाहिए। कुछ नया सीखने से उसका आत्मविश्वास तथा उत्साह बढ़ेगा तथा उसको इस बात का एहसास होता रहेगा कि 'मैं कुछ अलग व नया जानता हूं।' इससे उसका काम कम समय में बेहतर तरीके से होगा।
     
  • अपने बच्चे के व्यक्तित्व विकास पर ध्यान देती रहें तथा हमेशा उसके व्यक्तित्व को आकर्षक बनाए रखने का प्रयास करें। बच्चे की बॉडी लैंग्वेज और कम्युनिकेशन स्किल को सुधारें। उसे संकीर्ण मनोवृत्ति का न बनने दें। अपने बच्चे को नई जानकारियों से अपडेट रखें।
     
  • इस प्रकार की चंद बातों को आजमाकर आप अपने बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ा सकती हैं तथा जीवन में उन्नति की दिशा में उसे अग्रसर कर सकते हैं। तो आप भी आज से जुट जाइए अपने बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाने व उसकी तरक्की को आसान करने में।
     

कहने का अर्थ यह है कि यदि आप वास्तव में अपने बच्चे का उज्ज्वल भविष्य चाहते हैं तो कभी भी उसके आत्मविश्वास में कमी न आने दें। उसे घर और बाहर एक सकारात्मक माहौल देने की कोशिश करें। जरूरत पड़ने पर आप उसकी काउंसिलिंग भी करा सकती हैं।

 

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