बच्चे के मोबाइल देखने की आदत को कुछ इस तरह छुड़वाए

जब भी कभी माता पिता अपने कामो की अधिकता और व्यस्तता के कारण अपने बच्चे पर ध्यान नही दे पाते है, तो वे अपने बच्चे को हर सुविधा तो उपलब्ध करा देते है लेकिन भावनात्मक रूप से दूर हो जाते है। जिसके कारण बच्चे इन्ही मोबाइल में खो जाते है। और आजकल इन्टरनेट के कारण तो स्मार्टफ़ोन ही मनोरंजन का केंद्र बन गया है जिससे बच्चे लगातार मोबाइल फोन में व्यस्त रहते है। बच्चे को बाहर जाकर खेलने से ज्यादा, घर पर बैठ कर मोबाइल में गेम खेलना या कार्टून देखना अच्छा लगता है। जिसके कारण अनेक प्रकार के दुष्प्रभाव बच्चे के सेहत पर देखने को मिलते है। मोबाइल के ज्यादा यूज़ से बच्चे की आखों पर असर पड़ता है। बच्चे जिद्दी, गुस्सेल और चिडचिडे स्वाभाव के हो जाते है। जो बच्चे मोबाइल पर ज्यादा बिजी रहते है,उनकी क्रिएटिविटी कम जाती है, जो की बच्चे के सेंट्रल ग्रोथ के लिए अच्छी नहीं होती है। जब बच्चे तीन से चार साल के होते है तो इस अवस्था में बच्चे का दिमाग बहुत ही तेजी से विकसित होता है, और मस्तिक विकास में आसपास के वातावरण का प्रभाव सीधा दिमाग पर असर करता है। और जब बच्चे दिन रात इन्ही फोन में खो जाते है, तो उनके दिमाग पर तरह तरह के प्रेशर के प्रभाव देखने को मिलते है। तो आईये जानते है बच्चे के मोबाइल देखने की आदत को कैसे छुड़वाए।
बच्चे के सामने मोबाइल का यूज़ खुद भी कम करना होगा/ use of mobile in front of the child itself will also be reduced: -
बच्चे में मोबाइल देखने की आदत कहाँ से आती है। जी हां बच्चे में ये आदत अपने पेरेंट्स से ही आती है। हम बच्चे को तो मोबाइल देखेने के लिए मना कर देते है,पर खुद क्या करते है सुबह सो कर उठते है,सबसे पहले मोबाइल, फिर पूरा दिन मोबाइल, फिर रात को भी मोबाइल, फिर बच्चे से कैसे उम्मीद करते है,की वो मोबाइल के लिए जिद नहीं करेगा बच्चे आपकी बातो को नहीं आपको फालो करते बच्चा आपको देखकर सीखता है। इसलिए सबसे पहले मोबाइल का इस्तेमाल खुद कम कीजिये अगर बहुत जरुरी नहीं तो बच्चे के सामने मोबाइल का इस्तेमाल मत किजिये जब बच्चा खेलने गया है ,स्कूल गया है या जब सो रहा हो उस समय आप मोबाइल का यूज़ कीजिये इसका एक फायदा और भी है जो समय आप मोबाइल को देती है,वो समय आप अपने बच्चे को दे पाएंगी।
बच्चे को मोबाइल का लालच देना बंद कीजिये/ Stop luring the child to mobile
कुछ माएं अपने बच्चे से अपनी बात मनवाने के लिए उसे मोबाइल का लालच देती है। जैसे खाना खिलाना हो या बच्चा रो रहा हो, या माँ को खुद ही काम में व्यस्त रहना हो, तब भी बच्चे के हाथ में मोबाइल दे दिया जाता है। इस तरह से बच्चे को लालच देने से बच्चे को मोबाइल की आदत पड़ेगी ही, इसीलिए बच्चे को मोबाइल का लालच देना बंद कर दीजिये। हां, कुछ कैसेस में जैसे बच्चा गिर गया है, और उसे चोट लगी है, तो ऐसे में बच्चे का माइंड डाइवर्ट करने के लिए आप उसे मोबाइल दे सकती है, लेकिन नोरमली बच्चे को मोबाइल का लालच नहीं देना चाहिए।
बच्चे के माइंड को दूसरी चीजो की ओर डाइवर्ट करे:-
अगर बच्चा मोबाइल में कुछ देख रहा है, तो अचानक से उससे मोबाइल मत लीजिये। आपको उससे बहुत पोज़िटिविली बात करनी होगी, आप उसे बोल सकती है। ठीक है, तुम ये देख रहे हो, बीच में मत छोड़ो, लेकिन जैसे ये खत्म होता है, तुम मोबाइल मुझे लाकर दोगे, अब तुम्हारा खेलने का टाइम हो गया है। और इस तरीके से बच्चे के माइंड डाइवर्ट करने की कोशिश करे बच्चे का जो भी फेवरेट टॉय है, जो भी फेवरेट एक्टिविटी है, उस ओर उसके माइंड को डाइवर्ट करने की कोशिश कीजिये।
स्ट्रिक्ट बनिए:-
अगर बच्चा मोबाइल के लिए जिद करता है, तो आपको थोडा स्ट्रिक्ट होना होगा। शुरू में बच्चा जिद करेगा, रोयेगा, तो भी आपको उसे अवॉयड करना होगा, और बहुत चालाकी से उसके माइंड को डाइवर्ट करना होगा। आप चाहे तो बच्चे की फेवरेट डिश भी उसे बना कर दे सकती है या उसका फेवरेट टॉय भी उसे दे सकती है। बच्चे से ज्यादा नो, ना, नहीं, ये मत करो, ऐसा मत करो, के बजाय उससे पॉजिटिव कनवरसेसनस कीजिये इस तरह आप अपने बच्चे में मोबाइल की आदत आसानी से छुडवा सकती है।
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