क्या बच्चों को जूस व शेक दिन के खाने की जगह देना सही है - यहाँ जानें

आजकल की भागती-दौड़ती जिंदगी के बीच बच्चों की भी जीवन शैली व खानपान की शैली काफी हद तक बदल गई है। इसी का परिणाम है कि आजकल छोटे-छोटे बच्चों में भी कई ऐसी बीमारियां देखने को मिल रहीं हैं, जो पहले अधिक उम्र में हुआ करती थीं। दरअसल आजकल बच्चे सुंतुलित व पौष्टिक आहार की जगह जंकफूड, जूस व शेक पर ज्यादा ध्यान देते हैं। व्यस्तता की वजह से पैरेंट्स भी बच्चों की इस पसंद से सहमत हो जाते हैं, लेकिन यह बच्चे की सेहत के लिए ठीक नहीं है। जूस या शेक का अपना महत्व है और पौष्टिक आहार का अलग महत्व। आज हम बात करेंगे कि क्या जूस या शेक बच्चों के दिन के खाने की जगह ले सकता है। बच्चे के लिए आखिर क्या जरूरी है।
जूस या शेक मन संतुष्ट करते हैं भूख नहीं
दरअसल जूस या शेक बच्चे को कुछ पल के लिए स्वाद की वजह से खूब संतुष्ट कर सकते हैं, लेकिन कुछ समय बाद इसका असर खत्म हो जाएगा। यह भूख नहीं मिटा सकते। ऐसे में बच्चा भूखा ही रह जाएगा। सही से खाना न खाने से उसके शरीर पर काफी असर पड़ेगा। वह शारीरिक रूप से कमजोर होने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी अच्छा नहीं कर पाएगा। जूस से शरीर में ताकत आती है ये बात सही है, इसके कई फायदे भी होते हैं। पर ये फायदे इतने बड़े नहीं हैं कि जूस दिन के खाने की जगह ले सके। आहार का अपना ही महत्व है।
सही खानपान है जरूरी
आजकल बच्चों को घर में बने खाने की जगह बाहर के जंकफूड, शेक, जूस आइसक्रीम व चॉकलेट जैसी चीजें अच्छी लगती हैं। इसकी वजह से वह घर में बने खाने को नजरअंदाज करते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इस गलत खान-पान की आदत से बच्चों में मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज, अस्थमा, आंख व हृदय संबंधी रोग व अन्य तरह की समस्याएं आ रहीं हैं।
उम्र के हर पड़ाव पर घर का खाना बेहतर
जन्म से 6 महीने तक बच्चे को मां का दूध ही देना चाहिए। 6 महीने के बाद उसे 1 साल तक दलिया व दाल का पानी देना चाहिए। 1 साल से 2 साल तक बच्चे के लिए दिन में दूध, केला, दलिया व साबूदाने का खाना बेहतर विकल्प है। वहीं 2 से 5 साल की उम्र में दिन में तीन बार संपूर्ण आहार यानी घर में बना हुआ भोजन जैसे खिचड़ी, सूजी का हलवा, हरी सब्जियां, दाल व चावल आदि बच्चे को देना चाहिए। इसके अलावा 5 से 8 साल के बच्चों को कैल्शियम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। कैल्शियम उन्हें दूध, पनीर, फल, हरी सब्जियों व घर में बने अन्य आहार से ही मिलता है। अतः बच्चों की उम्र के किसी भी पड़ाव पर आहार सबसे महत्वपूर्ण है। हम कह सकते हैं दिन के खाने की जगह जूस व शेक नहीं ले सकते।
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