पोषण की कमी से हो सकती है बच्च ...
पोषण की कमी से हो सकती है बच्चे को कई बीमारियां

पोषण हर किसी के लिए बहुत जरूरी है। शरीर तभी स्वस्थ रह सकता है जब उसे सभी मिनरल, विटामिन और प्रोटीन तय मात्रा में मिलते रहें। इनमें से कोई भी चीज कम हो जाए तो शरीर को नुकसान पहुंचने लगता है। बच्चों के लिए पोषण का महत्व और बढ़ जाता है। दरअसल इसके अभाव में बच्चों के अंदर कई बीमारियां घर कर जाती हैं। आज हम आपको बताएंगे आखिर पोषण के अभाव में आपके बच्चे को कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं।
ये हैं खतरे
- लंबाई – वैसे तो लंबाई का बढ़ना आनुवांशिक होता है, लेकिन कई बार पोषण की कमी या कुछ अन्य कारणों से भी बच्चे की लंबाई छोटी रह जाती है।
- बेरीबेरी – यह बीमारी विटामिन बी-1 की कमी से होती है। यह बच्चे की मांसपेशियों, दिल और पाचन शक्ति आदि को प्रभावित करती है। बेरीबेरी के 2 प्रकार होते हैं। पहला आर्द्र (वेट) बेरीबेरी और दूसरा शुष्क (ड्राई) बेरीबेरी। आर्द्र बेरीबेरी हार्ट को प्रभावित करता है, जबकि शुष्क बेरीबेरी नर्व को कमजोर करता है।
- घेंघा – पोषण की कमी से कई बच्चों में घेंघा की समस्या भी सामने आती है। घेंघा यानि गोइटर रोग की स्थिति में गले में असामान्य सूजन हो जाती है। यह स्थिति थायरॉइड ग्रंथि से जुड़ी होती है। जब थायरॉइड ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है, तो उसे घेंघा के नाम से जानते हैं। सूजन की वजह से सांस लेने में समस्या होती है। हालांकि यह समस्या बच्चों को बहुत कम आती है।
- स्कर्वी – यह रोग खाने में विटामिन-सी (जिसे एस्कोर्बिक एसिड भी कहा जाता है) की कमी से होता है। विटामिन-सी की कमी होने से शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और बच्चा स्कर्वी का शिकार हो जाता है। इससे सबसे ज्यादा गर्भ में पल रहा शिशु प्रभावित होता है। डॉक्टरों के अनुसार महिला में विटामिन-सी की कमी रहने से पेट में पल रहे शिशु का दिमाग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है। इसके अलावा कई बार इस बीमारी की वजह से छोटे बच्चों के शरीर में सूजन आ जाती है। वैसे तो स्कर्वी की शिकायत भी बहुत कम देखने को मिलती है, लेकिन जिन बच्चों की डाइट में फल और सब्जियों की मात्रा कम होती है, उनमें इस बीमारी के होने की आशंका बनी रहती है।
- रिकेट्स – इस बीमारी में बच्चों की हड्डियां मुलायम हो जाती हैं। कई बार हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि साधारण दबाव से टूट भी जाती हैं। यह बीमारी विटामिन-डी की कमी से होती है। दरअसल विटामिन-डी हड्डियों में कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करता है। ऐसे में विटामिन-डी की कमी होने पर शरीर में विटामिन-सी और फास्फोरस की कमी हो जाती है। 3 से 36 महीने तक के बच्चों में इस बीमारी के होने की आशंका ज्यादा रहती है।
- पिलाग्रा – इस बीमारी की वजह शरीर में विटामिन बी3 की कमी है। यह बीमारी पाचन क्रिया, त्वचा और नर्व को प्रभावित करती है। हरी सब्जियां न खाने वाले बच्चों को इस बीमारी के होने का ज्यादा डर रहता है।
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