टाइम मैनेजमेंट के कुछ गुण आपके बच्चे के लिए

समय सफलता का आधार है, जो समय के साथ नहीं चलते, वे जीवन की दौड़ में बहुत पीछे छूट जाते हैं। बीता समय कभी लौटकर नहीं आता। फ्रांस का सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट एक महान विजेता था, लेकिन वाटरलू के युद्ध में वह अंग्रेजों से बुरी तरह हार गया। इस हार का मुख्य कारण उसके एक सेनापति का मदद के लिए आधा घंटा देरी से पहुंचना था। अगर सही समय पर नेपोलियन को मदद मिल गई होती, तो वह हार से बच सकता था। इससे पता चलता है कि समय का क्या महत्व है।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में टाइम मैनेजमेंट यानी समय का प्रबंधन बहुत जरूरी है, लेकिन बहुत कम युवा इर पर ध्यान देते हैं। इसलिए जरूरी है कि पैरेंट्स बचपन से ही अपने बच्चों को टाइम मैनेज करना सिखाएं। अगर कई कोशिशों के बाद भी आप इसमें सफल नहीं हो रहे तो हम बता रहे हैं कुछ टिप्स जिनसे आप अपने लाडले को आसानी से टाइम मैनेजमेंट के गुर सिखा सकते हैं।
बच्चों को ऐसे सिखाएं टाइम मैनेजमेंट
- बच्चों के लिए टाइम टेबल बनाएं – आप अपने बच्चे की दिनचर्या का एक टाइम टेबल तैयार करें। उसी के अनुसार कुछ दिनों तक उससे काम कराएं, धीरे-धीरे वह खुद उसे फॉलो करने लगेगा।
- महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करना सिखाएं – टाइम टेबल में रोजाना ऐसे 2-3 कार्यों की सूचि बनाएं, जो कठिन है और महत्वपूर्ण भी। इसके बाद इसी काम को सबसे पहले कराएं, ताकि समय का अंदाजा लग सके और धीरे-धीरे बच्चा सुधार ला सके।
- 7-8 घंटे क नींद जरूरी - थके हुए शरीर व दिमाग से ज्यादा काम नहीं किया जा सकता। ऐसा करने पर आपके काम पर असर पड़ता है और टाइम टेबल भी गड़बड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप बच्चे को पर्याप्त आराम का मौका दें, उसे 7-8 घंटे की नींद जरूर लेने दें।
- डेडलाइन तय करें – अपने बच्चे में हर काम के लिए डेडलाइन तय करने की आदत डालें। एक बार अगर उसमें डेडलाइन फॉलो करने की आदत लग गई, तो वह कभी समय की बर्बादी नहीं करेगा। बच्चे को बताएं कि पहला काम 12 बजे तक तो दूसरा काम 2 बजे तक कंप्लीट करना है। इससे उसे काम जल्दी करने व समय बचाने की आदत लग जाएगी।
- बच्चे को दें घड़ी – अगर आपका बच्चा नंबर की पहचान कर सकता है तो उसे एक अलार्म घड़ी दें। इसके बाद उसे अलार्म सेट करना और उसे चलाना सिखाएं, जिससे वह खुद ही समय पर जागना व टाइम मैनेज करना सीख सके।
- हर काम की सूची बनाएं – बच्चे के स्कूल रवाना होने से पहले सुबह किए जाने वाले हर काम की एक सूची बनाएं और इनके लिए टाइम लिमिट तय करें। इससे आपका बच्चा न सिर्फ टाइम के प्रति जिम्मेदार बनेगा, बल्कि वे काम भी खुद करने लगेगा, जिन्हें आप उसके लिए करते आए हैं।
- कैलेंडर को चिह्नित करना सिखाएं – बच्चा समय का उपयोग कर सके, इसके लिए ये भी जरूरी है कि आप उसे कैलेंडर में महत्वपूर्ण तिथियों को चिह्नित यानी मार्क करना सिखाएं। कैलेंडर में मुख्य काम जैसे, होमवर्क, टेस्ट की तारीख, कोई खेल व अन्य गतिविधियों का शेड्यूल आदि को मार्क किया जा सकता है। ऐसा करने से वह इन सब चीजों को मिस नहीं करेगा और समय रहते इन कामों को मैनेज कर लेगा।
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