आप हैं अपने बच्चे के प्रथम गुरु, जानिए क्या है पढ़ाने का सही तरीका

3 to 7 years

Sadhna Jaiswal

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3 years ago

आप हैं अपने बच्चे के प्रथम गुरु, जानिए क्या है पढ़ाने का सही तरीका

छोटे बच्चे, जो की अभी 3-7 साल के बीच के है, उन्हें पढाना आपके लिए थोडा मुश्किल हो सकता है। जबकि बड़े बच्चो को पढाना इतना मुश्किल नहीं होता, क्योकि उन्हें आसानी से समझ में आने लगता है। लेकिन आप पेरेंट्स है आपको थोडा धैर्य रखना होगा आप अपने बच्चे को समझने की कोशिश कीजिये। आप है अपने बच्चे के प्रथम गुरु, आपको ही अपने बच्चे में पढाई के लिए इंटरेस्ट जगाना है और ये आप आसानी से कर सकती है बस आपको अपने बच्चे को पढ़ाने का थोडा से तरीका बदलना होगा। इसी उम्र में ही पेरेंट्स अपने धेर्य से, सकारात्मक माहौल  से बच्चे में पढाई की अच्छी नीव रखते है और इसी नींव पर बच्चे की पूरी लाइफ टिकी होती है। आपको अपने बच्चे पर चिल्लाना नही है अगर आप बच्चे पर पढाई को लेकर चिल्लायेंगी तो बच्चे का उत्साह कम हो जायेगा ऐसा करने से आप पढाई का लोड खुद ही नहीं ले रही बल्कि ये प्रेसर बच्चे को भी दे रही है जिससे आगे चलकर बच्चा पढाई को बोझ समझने लगेगा। आपको बच्चे को फील करना है की पढने में बहुत मजा आता है। पढने के बहुत से फायदे है। अगर आपने बच्चे में पढाई को लेकर इंटरेस्ट जगा दिया तो यकीन मानिये बच्चे को पढाना बहुत ही इंटरेस्टिंग काम हो जायेगा। तो आईये जानते है छोटे बच्चो को पढ़ाने के कुछ ऐसे तरीको के बारें में जिन्हें अपनाकर आप भी अपने बच्चे में पढाई के लिए इंटरेस्ट जगा सकती है।    

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अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए इन तरीकों को आजमाएं /Try these methods to teach your child 

  • बच्चे का एक टाइम टेबल बनाइये: टाइम टेबल अपने हिसाब से नहीं बच्चे के हिसाब से बनाइये। क्योकि बच्चे का पढ़ाने का टाइम ऐसा होना चाहिए जिसके बीच में बच्चे का कोई कार्टून सीरियल न आता हो, या बच्चे के फ्रेंड्स खेलने के लिए ना बुलाने आते हो। टाइम टेबल बनाने के लिए आप बच्चे से पूछिए हमें एक घंटा पढाई करनी है, आपके स्कुल से आने के बाद। आप बताओ कौन सा टाइम ठीक रहेगा। तो बच्चे को भी लगेगा की टाइम टेबल बनवा रहा हुं, तो मै उसके हिसाब से ही चलूँ। तो ये बहुत जरुरी है की बच्चे से पूछ कर ही बच्चे का टाइम टेबल बनाया जाये। 
     
  • स्मार्टली हेंडल करें: बच्चे को थोडा स्मार्टली तरीके से हेंडल करें। आपको सारा दिन पढाई-पढाई नहीं करनी है बच्चे के साथ। आप बच्चे के साथ थोडा अलग अंदाज में बात कर सकती है, जैसे आप उससे कह सकती है “अरे तुम तो बहुत इंटेलिजेंट हो, तुम्हे तो बहुत कुछ आता है, तो चलो आज हम कुछ नया सीखेंगे, जिससे तुम और इंटेलिजेंट बन जाओगे” या फिर पढने को कुछ अलग तरीके से बता सकती है जैसे चलो बुक से मस्ती करने का टाइम हो गया है या इंटेलिजेंट बनने का टाइम हो गया है। इस तरह की बातें बच्चो को बहुत अच्छी लगती है और बच्चा आसानी से पढने लिखने बैठ जायेगा। इससे बच्चे में शुरू से ही सीखने की भावना जागेगी।  
     
  • टॉयज की मदद से:  बच्चो को पढ़ाने  के लिए आप कुछ टॉयज की भी हेल्प ले सकते है। आज कल मार्किट में बहुत सारे टॉयज मौजूद है जैसे अल्फाबेट्स और नंबर्स वाले बिल्डिंग ब्लॉक्स, नंबर सेट्स, डोमेस्टिक एनिमल सेट, वाइल्ड एनिमल सेट आदि जिनकी मदद से आप अपने बच्चो को काफी चीजे सीखा सकती है। इस तरह के टॉयज से बच्चे की क्रिएटिविटी भी काफी बढती है।   
     
  • शाबासी दें: अगर बच्चे ने अपने टाइम टेबल के मुताबिक काम किया है तो बच्चे को शाबासी जरूर दीजिये। उसकी पीठ थपथपाइए। बच्चे को गुड बेबी, वैरी गुड, जैसे शब्द बोलिए। ऐसे शब्द सुनना बच्चे को बहुत अच्छा लगता है।आप बच्चे के काम समय पर पूरा करने पर उसके लिए कुछ स्पेशल भी बना सकती है जो उसे पसंद हो। आप अपने बच्चे को बहुत अच्छे से जानती है। बस आपको धैर्य रखना है और उसे बहुत प्यार से पढाना है।   

बच्चे के प्रथम गुरु उसके पेरेंट्स होते है।  अगर आप थोडा स्मार्टली अपने बच्चे को पढाये और बच्चे के पढ़ने के तरीके में थोडा चेन्ज लाये तो बच्चे में पढाई को लेकर इंटरेस्ट बढेगा और बच्चा ख़ुशी-ख़ुशी से पढ़ेगा और अगर एक बार बच्चे को समझ में आना शुरू हो जायेगा तो बच्चे को पूरी लाइफ कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।   

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