मैटरनिटी लीव के बाद काम पर वापस लौटीं इस देश की पीएम

अपने देश में संशोधित मैटरनिटी लीव साल 2017 में पारित किया गया। इस बिल के पारित होने के बाद अब कामकाजी महिलाओं की मैटरनिटी लीव को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया गया है। आज हम आपको इस ब्लॉग में एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्रधानमंत्री हैं और उन्होंने इस पद पर रहने के दौरान ही एक बच्ची को जन्म दिया है। हाल ही में मैटरनिटी लीव के बाद फिर से वो अपने काम पर लौट गई हैं। इसके अलावा इस ब्लॉग में जानिए अपने देश में मैटरनिटी लीव से जुड़ी हर अहम बातें
हम बात कर रहे हैं न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा एडर्न के बारे में जिन्होंने 21 जून को एक बच्ची को जन्म दिया। 6 हफ्ते के लिए उन्होंने अपने कामकाज से छुट्टी ली थी। मातृत्व अवकाश समाप्त करने के बाद जेसिंडा अब एक बार फिर से न्यूजीलैंड की संसद और अपने दफ्तर जाने लगी हैं। हालांकि हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए बच्चे को जन्म देने वाली पहली महिला पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टों थीं। साल 1990 में बेनजीर भुट्टों ने अपने पद पर रहने के दौरान एक बच्ची को जन्म दिया था। हालांकि इसको लेकर उस वक्त पाकिस्तान में विरोधी दलों से बेनजीर को काफी आलोचना का भी सामना करना पड़ा था।
जेसिंडा एडर्न के विचारों की हो रही है दुनियाभर में सराहना/ Jessica Aden's thoughts are being appreciated all over the world in Hindi
- जेसिंडा एडर्न के काम पर लौटने के बाद न्यूजीलैंड की संसद पहले से ज्यादा बेबी फ्रेंडली हो चुकी है
- अब संसद में होने वाली बहस में भी बच्ची को साथ में रखने की इजाजत मिल चुकी है
- संसद भवन के परिसर में मौजूद स्वीमिंग पुल में अब सांसदों के बच्चे भी तैराकी कर सकते हैं
- महिला सशक्तिकरण की मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है जेसिंडा एडर्न को
- मां के दायित्व को निभाने के लिए पद छोड़ने की जरूरत नहीं- जेसिंडा
- काम करने के साथ-साथ मां का दायित्व भी आसानी से निभा सकते हैं- जेसिंडा
- 38 साल की जेसिंडा एडर्न न्यूजीलैंड की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री हैं
- शुरू में बच्चे के खान-पान और नींद को लेकर परेशान थीं
- लेकिन अब सब कुछ आसान लगने लगा है
- अपने मातृत्व के पलों का भरपूर आनंद ले रही हैं जेसिंडा
अब आप ये भी जान लीजिए कि अपने देश में मैटरनिटी लीव यानि मातृत्व अवकाश से जुड़ी खास बातें क्या हैं।
मैटरनिटी लीव से जुड़ी खास बातें/ Important things related to Maternity Leave In Hindi
- नए बिल यानी कानून के अनुसार, मैटरनिटी लीव को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते किया गया है।
- 26 हफ्ते का अवकाश पहले 2 बच्चों के लिए होगा।
- वहीं तीसरे व इसके बाद अन्य बच्चे के लिए 12 हफ्ते की मैटरनिटी लीव हर कंपनी को देनी होगी।
- बिल में कहा गया है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। ऐसे में महिलाएं मैटरनिटी लीव खत्म होने के बाद भी अगर घर पर कुछ दिनों के लिए आराम करना चाहती हैं और वह इस दौरान घर से काम करने को तैयार हैं, तो घर से काम करने की सुविधा कंपनी को देनी होगी।
- नए कानून के बाद अब भारत गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली छुट्टी के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर आ जाएगा। भारत से अधिक मैटरनिटी लीव सिर्फ कनाडा 50 हफ्ते और नॉर्वे 44 हफ्ते देता है।
- 3 महीने से कम उम्र के बच्चों को गोद लेने वाली या सेरोगेट माताओं को भी 12 हफ्ते की छुट्टी मिलेगी।
- 50 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी को ऑफिस के आसपास क्रेच का इंतजाम करना जरूरी होगा, ताकि महिला स्टाफ अपने बच्चे को वहां रख सकें। इसके अलावा काम के घंटों के दौरान महिलाओं को 4 बार अपने बच्चे से मिलने की अनुमति होगी।
- हर कंपनी को यह सुविधा महिला स्टाफ को उनकी नियुक्ति के समय से ही देनी होगी।
- महिला स्टाफ की नियुक्ति के समय हर कंपनी को अनिवार्य रूप से इस कानून के तहत मिलने वाली सुविधाओं के बारे में लिखित या इलेक्ट्रॉनिक रूप से जानकारी देनी होगी।
- कानून के तहत किए गए किसी भी बात की अनदेखी करने पर संबंधित कंपनी के खिलाफ दंड का प्रावधान किया गया है।
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