ऐसा बनाएं बच्चे का स्टडी रूम

आपके बच्चों का स्टडी रूम कैसा होना चाहिए? मैंने अपने घर में स्टडी रूम को लेकर कुछ प्रयोग किए और मैं उसका परिणाम आप सबों के साथ साझा कर रही हूं। मेरे विचार से बच्चो का स्टडी रूम इस तरह का होना चाहिए की स्टडी रूम में जाते ही बच्चे का ध्यान पढाई की तरफ आकर्षित हो सके। बच्चे का ध्यान भटकाने वाली वहां ऐसी कोई चीज मौजूद ना हो, और बच्चे के पसंद की सारी बुक्स मौजूद हो। मेरा सुझाव है कि अगर आप अपने बच्चे के लिए स्टडी रूम बनवाना चाह रहे हैं तो वहां बहुत अधिक डिज़ाइनर या आधुनिक चीजे ना रखी जाये। बच्चे स्वभाव से ही चंचल होते हैं, उन्हें हर चीज में बस खेल ही नजर आता है। ऐसे में स्टडी रूम ऐसा बनाया जाये जिससे बच्चे का मन पढ़ाई में लगे।
बच्चे का स्टडी रूम कुछ इस तरह का होना चाहिए / Child's Study Room Should Be Something Like This In Hindi
आपको अपने बच्चे के स्टडी रूम का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए क्योंकि स्टडी रूम का माहौल जितना अच्छा रहेगा उतना ही अच्छे से बच्चा एकाग्रचित्त होकर पढाई कर सकेगा।
- स्टडी रूम: स्टडी रूम कभी भी बहुत अधिक बड़ा न बनवाएं। छोटे आकर का कमरा ही पढाई के लिए अच्छा होता है। बड़े कमरे में बच्चे का ध्यान इधर-उधर भटक सकता है। वास्तु के अनुसार बच्चे का स्टडी रूम कभी भी शौचालय के नीचे न बनवाएं। कमरे में शीशे को ऐसे स्थान पर न लगाये जहां किताबों के ऊपर शीशे की छाया पड़े।
- स्टडी टेबल: स्टडी टेबल का आकार गोलाकार, आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए। यदि टेबल का आकार तिरछा या टूटा हुआ होगा तो इससे बच्चा अपनी पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाएगा और भ्रमित होगा। वास्तु के अनुसार बच्चों का स्टडी टेबल हमेशा उत्तर की ओर होनी चाहिये इससे बच्चे में पॉजीटिव एनर्जी आती है और उसकी स्मरण शक्ति बढ़ती है। पढ़ते समय बच्चे का चेहरा भी उत्तर दिशा में होना चाहिये इससे बच्चे की थकान दूर होती है और उसमें ऊर्जा का संचार होता है।
- अधिक आधुनिक चीजे ना हो: बच्चे के स्टडी रूम में बहुत आधुनिक चीजे ना हो जैसे टी वी, फ़ोन, टैब, आईपैड, या और कोई आधुनिक चीज। लेकिन बदलते समय को देखते हुए कम्प्यूटर भी अब स्टडी रूम का जरूरी हिस्सा बन गया है। वास्तु के अनुसार कम्प्यूटर को हमेशा दक्षिण पूर्वी कोण में रखें। इसके अलावा पढ़ाई के कमरे में सिर्फ पढ़ाई का सामान ही रखें और कुछ भी न रखें क्योंकि कमरा जितना भरा होगा उतना ही बच्चे का दिमाग पढ़ाई में नहीं लगेगा।
- स्टडी रूम की खिड़की: स्टडी रूम में खिड़की पूर्व की दिशा में बनवायें और उसे अधिक समय तक खोलकर रखें। इससे ताजी हवा के साथ-साथ सूर्य का प्रकाश भी आयेगा। जिससे बच्चे को पॉजीटिव एनर्जी मिलेगी। इसके साथ ही पढ़ते समय खिड़की बच्चे के पीठ के पीछे होनी चाहिये। इससे पढ़ाई करते समय बच्चे को ऊर्जा मिलेगी और उसका मन भी पढ़ाई में लगेगा। लेकिन स्टडी रूम में डिजाइनर लाइट और पंखे न लगवाएं। हो सके तो बच्चे का स्टडीरूम ऐसे स्थान पर बनवाएं जहां बाहर की आवाज कम से कम जाती हो साथ में बालकनी तो बिलकुल भी नहीं होनी चाहिए।
- स्टडी रूम को व्यवस्थित रखें: स्टडी टेबल को दीवार से सटा कर बिलकुल भी नहीं रखना चाहिए। स्टडी रूम और स्टडी टेबल को व्यवस्थित रखें। जो किताबें और नोट्स काम में नही आने वाले है उन्हें स्टडी रूम से हटा दें। स्टडी टेबल के सामने कम से कम 2 फुट की जगह होनी चाहिये। ऐसा करने से बच्चे को मिलने वाली उर्जा में कोई बाधा नहीं पड़ती है। स्टडी रूम में एक सरस्वती माता का चित्र भी जरुर लगाये। सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है।
- स्टडी रूम की दीवारों का रंग: बच्चों के स्टडी रूम की दीवारों का रंग पीला या वायलेट होना चाहिए। इसी तरह स्टडी रूम की टेबल और कुर्सी का कलर भी ब्राइट कलर का होना चाहिये। इससे स्टडी रूम में पॉजीटिव एनर्जी आएगी और बच्चे का ध्यान भी पढ़ाई में लगेगा।
यदि आप कुछ बातों पर ध्यान दें, तो आप अपने घर में एक अच्छा स्टडी रूम बनवा सकते है जिससे आप अपने बच्चों को घर में पढ़ाई के लिए एक बेहतर माहौल दे सकते हैं। यदि आप अफ़ोर्ड कर सकते हैं तो घर में एक छोटी सी लाइब्रेरी बनवाएं इस लाइब्रेरी में अच्छी एजुकेशनल पुस्तकें रखें। इस से बच्चे में अच्छी किताबें पढ़ने की आदत आएगी।
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