प्रेग्नेंसी में एसिडिटी और सीने में जलन की समस्या से बचने के उपाय

प्रेग्नेंसी में एसिडिटी और सीने में जलन (हार्टबर्न) की समस्या बहुत कॉमन है। यह समस्या तीसरी तिमाही यानी छठे महीने के बाद शुरू होने लगती है। दरअसल पेट में जैसे-जैसे भ्रूण का विकास होने लगता है, वैसे-वैसे वह पेट के अंदर के अंगों को ऊपर की ओर धकेलने लगता है। इससे गर्भवती को एसिडिटी की समस्या होने लगती है। एसिडिटी की वजह से ही सीने में जलन होने लगता है। इसके अलावा कुछ और भी कारण होते हैं जिनकी वजह से गर्भावस्था में एसिडिटी और सीने में जलन की समस्या होने लगती है। इस ब्लॉग में हम इस समस्या पर विस्तार से बात करेंगे और बताएंगे कि कैसे कुछ सावधानी बरतकर आप खुद को इस समस्या से दूर रख सकती हैं।
एसिडिटी और हार्टबर्न क्या होता है ? / Acid Reflux Disease Symptoms In Hindi
प्रेग्नेंसी में अपरा प्रोजेस्टीरोन हार्मोन का निर्माण करती है। यह आपके गर्भाशय की कोमल मांसपेशियों को राहत पहुंचाता है। यह हार्मोन उस वैल्व को भी शिथिल करता है जो भोजन नलिका को पेट से अलग करता है, ताकि गैस्ट्रिक अम्ल फिर से रिसकर नलिका में पहुंच जाए। इस वजह से ही एसिडिटी होने पर सीने में जलन महसूस होती है। प्रोजेस्टीरोन पेट के लहर जैसे संकुचनों को भी धीमा कर देता है, जिससे पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और एसिडिटी की समस्या होती है। यूं तो सीने में जलन को एसिडिटी से ही जोड़कर देखा जाता है, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार यह दोनों अलग हैं। दरअसल एसिडिटी तब होती है जब हमारा पेट भोजन को पचाने में जरूरत से अधिक एसिड का निर्माण करता है। इस स्थिति में आपको पेट या इससे ठीक ऊपर की तरफ जलन महसूस होती है। वहीं हार्टबर्न यानी सीने में जलन तब होती है जब पेट के एसिड ऊपर भोजन नलिका तक पहुंच जाते हैं और नलिका में जलन और दर्द होने लगता है। यह पेट से काफी ऊपर यानी सीने में महसूस होता है।
एसिडिटी और हार्टबर्न से बचने के क्या हैं उपाय? / How to Prevent Acid Reflux and Heartburn In Hindi
यूं तो गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जरूरी है कि आप सबसे पहले डॉक्टर को दिखाएं। अगर आपको भी एसिडिटी और सीने में जलन की समस्या हो रही है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। इसके अलावा कुछ घरेलू उपाय व सावधानियां हैं जिनकी मदद से आप काफी हद तक इस समस्या को कंट्रोल कर सकती हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही उपाय।
- अदरक खाएं – अदरक खाने या अदरक वाली चाय पीने से एसिड रिफ्लक्स या पेट की समस्या दूर होती है। इसके अलावा यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है और सीने में जलन को दूर करता है।
- नींबू का रस – नींबू के रस के सेवन से गर्भावस्था में पाचन क्रिया सुधरती है और एसिडिटी व सीने में जलन की समस्या काफी हद तक खत्म होती है। अगर आपको भी यह दिक्कत हो रही है तो एक लीटर पानी में एक चम्मच नींबू का रस और 2 चम्मच शहद ठीक से मिलाकर पी लें। नींबू और शहद एसिड रिफ्लक्स की प्रॉब्लम दूर करते हैं।
- बादाम – प्रोटीनयुक्त बादाम में तेल होता है, जिससे एसिडिटी दूर होती है और सीने में जलन की समस्या भी खत्म होती है। गर्भवास्था के दौरान इसका सेवन कई और फायदे देता है।
- सौंफ – सौंफ में कैल्शियम, सोडियम, आयरन, पोटैशियम जैसे कई उपयोगी तत्व होते हैं जो एसिडिटी व सीने में जलन की समस्या को दूर करने में कारगर होते हैं। आप सौंफ को मिश्री के साथ पीसकर चूर्ण बना लें और करीब 5 ग्राम चूर्ण सोते समय गुनगुने पानी के साथ खाएं। इससे गैस व कब्ज की समस्या नहीं होगी।
- दही – दही में प्रोबायोटिक्स बैक्टीरिया होता है, जो पेट में सूक्ष्म वनस्पति में संतुलन बना कर रखता है, इससे एसिडिटी से राहत मिलती है। इसके अलावा दही पाचन तंत्र को भी बेहतर करता है। ऐसे में गर्भावस्था में महिलाओं के लिए यह काफी उपयोगी है।
- एलोवेरा – एलोवेरा के सेवन से एसिडिटी व सीने के जलन से तुरंत राहत मिलती है। आपको गर्भावस्था में एलोवेरा जूस को पानी में मिलाकर लेना चाहिए।
- खाने को ठीक से चबाएं - खाने को दौरान अपने निवाले को ठीक से चबाएं। ऐसा करने से खाना आसानी से पेट में पच जाएगा और एसिडिटी की समस्या नहीं होगी।
- नुकसानदायक आहार से बचें - कार्बोनेटेड पेय, कैफीन, खट्टे फल, मसालेदार, वसायुक्त भोजन, जंक फूड व प्रोसेस्ड मीट से आपको गर्भावस्था में दूर रहना चाहिए। दरअसल ये सभी गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट के लिए खतरनाक माने जाते हैं। इससे एसिडिटी और सीने में जलन की समस्या बढ़ सकती है।
- धूम्रपान से दूर रहें – गर्भावस्था में धूम्रपान वैसे भी नुकसानदायक माना जाता है। इससे न सिर्फ सीने में जलन की समस्या बढ़ती है बल्कि यह मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप प्रेग्नेंसी के दौरान शराब, तंबाकू, सिगरेट व बीड़ी का सेवन न करें।
- तरल और ठोस पदार्थ एक साथ न लें – गर्भावस्था में भोजन के साथ पानी न पिएं। भोजन के साथ पानी पीने से पाचन प्रक्रिया धीमी होती है। अगर आप एसिडिटी व सीने में जलन की समस्या से राहत चाहती हैं, तो भोजन के साथ किसी भी तरल पदार्थ का सेवन न करें।
- ज्यादा पानी पिएं – डिहाइड्रेशन से भी एसिडिटी की समस्या होती है। अगर आप चाहती हैं कि आपके साथ ऐसा न हो, तो आपको दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। हालांकि एक साथ सारा पानी पीने से बचें।
- सोने से तीन घंटे पहले खाना खाएं – खाने के तुरंत बाद सोना भी एसिडिटी और सीने में जलन की एक बड़ी वजह है। ऐसे में जरूरी है कि आप रात को सोने से करीब 3 घंटे पहले भोजन कर लें। कई बार खाने के तुरंत बाद ही लेटने से छाती में जलन होने लगती है, क्योंकि गुरुत्व बल के कारण पेट से अम्ल बाहर निकलने लगते हैं।
- सोने की मुद्रा का ध्यान रखें - एसिडिटी कई बार गलत तरीके से सोने के कारण भी होता है। ऐसे में आपको सोने की मुद्रा पर भी ध्यान देने की जरूरत है। भारी भोजन करने के बाद शरीर को थोड़ा ऊंचा करके सोएं, ताकि पेट का एसिड आसानी से ऊपर आकर सीने में जलन का कारण न बने। बाईं करवट सोना काफी फायदेमंद होगा। सीधे व कमर के बल सोने पर एसिड वापस आकर इसोफैगस में आ जाता है। सिर के नीचे थोड़ा ऊंचा तकिया रखकर सोने से आप एसिड को इसोफैगस में जाने से रोक सकते हैं।
- ढीले कपड़े पहनें - गर्भावस्था के दौरान आपको तंग यानी टाइट कपड़े नहीं पहनने चाहिएं। दरअसल टाइट कपड़ों से पेट पर दबाव बढ़ता है और यह एसिडिटी व सीने में जलन का कारण हो सकता है।
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