सेहत के लिए अनार के फायदे, नुकसान और उपयोग के तरीके

अनार (Pomegranate) मेरे फेवरेट फलों में से एक है और सबसे बड़ी बात की मेरे बच्चों को भी अनार खाना व इसका जूस पीना बहुत ज्यादा अच्छा लगता है। दरअसल मैं तो अनार के गुणों को से भली-भांति परिचित थी लेकिन मेरे लिए ये ज्यादा महत्वपूर्ण था कि मेरे बच्चे भी मौसमी फलों व सब्जियों को उतना ही चाव से खाएं ताकि उनको भरपूर पोषण मिल सके। इसलिए मैंने अपने बच्चे को शुरुआती दिनों से ही अनार का सेवन कराया। जैसा कि आप जानती हैं कि अनार का सेवन करने से कई प्रकार की बीमारियां दूर होती हैं और आपने बड़े-बुजुर्गों की जुबानी ये मुहावरा तो जरूर सुना होगा कि एक अनार, सौ बीमार। अनार को देश के अलग-अलग हिस्सो में कई नामों से जाना जाता है जैसे कि बांग्ला में इसे बेदाना कहते हैं तो संस्कृत में इसको दाड़िम भी कहते हैं। आज इस ब्लॉग में हम आपको अनार के अनेक गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं और ये भी कि आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अनार कितना महत्वपूर्ण है।
अनार की खास बातें क्या है?
अनार का बीज अंदर और उसका रस बाहर होता है । इसका खाने का स्वाद अलग ही है और इसे बीज के साथ भी खाया जा सकता है। इसके रस के भी बहुत लाभदायक उपयोग हैं। इसके लाल दाने जितने दिखने में तो सुन्दर होते है, उतने ही लाभदायक भी होते हैं। अनार दानों को डिश को सजाने के लिए किया जा सकता है। लाल पीले या दोनों रंगों का यह फल वनस्पति विज्ञान के Lythraceae (लिथ्रेसे) परिवार से संबंधित हैं।
अनार का उत्पादन कहां होता है?
अनार की खेती मुख्य रूप से गर्म इलाकों में ज्यादा होती है। अनार का उत्पादन हमारे देश में भी प्रचुर मात्रा में होता है। पहले यह माना जाता था कि यह फारस और उत्तरी भारत के उप-हिमालयी तलहटी इलाकों में पाया जाता है। यह साथ ही साथ ईरान और भूमध्य रेखा के कुछ क्षेत्रों पर भी प्रचुर मात्रा में उगाया जाता है ।
अनार खाने का सबसे सही समय क्या है?
अनार को खाने का सबसे सही समय सुबह का वक्त है। सुबह के समय इसे खाने से शरीर में एनर्जी बनी रहती है। हमें कभी भी कोई भी फल खाते समय उसके सिर्फ स्वाद का ही नहीं उसे खाए जाने का सही समय भी पता होना आवश्यक है तभी यह अधिक फायदेमंद होता है। अनार का रस और साबुत अनार की तासीर हमेशा से ठंडी ही रही है, इससे शरीर को ठंडक मिलती है और यह खून बढ़ाने में भी मदद करता है ।
अनार में पाए जाने वाले मुख्य पोषक तत्व / What are the nutrients in a pomegranate In Hindi
बच्चों को अनार देने से पहले उसके पोषक तत्व और फायदे जानना अनिवार्य है, जो इस तरह से है,
अनार में कितने पोषक तत्व ( प्रति 100 ग्राम) | मात्रा |
ऊर्जा | 83 किलो कैलोरी |
कार्बोहाइड्रेट | 18.7 ग्राम |
शुगर्स | 13.67 ग्राम |
आहार फाइबर | 4 ग्राम |
प्रोटीन | 1.67 ग्राम |
अगर हम विटामिन की बात करें तो अनार में थायमिन (बी 1) , राइबोफ्लेविन (बी 2) , नियासिन (बी 3) , पैंटोथेनिक एसिड (बी 5) , विटामिन बी , फोलेट (B9) Choline , विटामिन सी , विटामिन ई , विटामिन के भी पाए जाते हैं। इसके अलावा अनार में कैल्शियम , आयरन , मैग्नीशियम , मैंगनीज , फास्फोरस, पोटेशियम , सोडियम , जिंक जैसे पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में होते हैं।
अनार खाने के मुख्य फायदे क्या हैं? / Health Benefits of Pomegranate In Hindi
न्यूट्रीशन एक्सपर्ट के मुताबिक जैसा की हम जानते हैं कि अनार में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं और अनार हमें अनेक प्रकार की बीमारियों से भी बचाता है।
- एंटीऑक्सीडेंट- पॉलीफेनोल्स अनार के दानों में मौजूद पॉलिफिनॉल्स नामक लाल रंग का चमकीला पदार्थ इसे एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट बनाता है , बच्चों की कोशिकाओं में मौजूद मुक्त कणों को हटाता है और सूजन कम करता है।
- विटामिन C- घर के बने ताज़ा अनार जूस में बच्चों की दैनिक आवश्यकता का 40% विटामिन C है।
- कैंसर- अनार कैंसर से भी बचाव में मदद करता है लेकिन अभी इसके परिणाम पर सकारात्मक अध्ययन चल रहे हैं ।
- अल्जाइमर रोग- अल्जाइमर रोग को बढ़ने से रोकने में भी यह कारगर है और साथ ही साथ यह बच्चों की याददाश्त को बनाए रखने में भी मदद करता है।
- पाचन- अनार का जूस बच्चों की आँतों की सूजन को कम करके पाचन में मदद करता है।
- एंटी इंफ्लामेट्री- पाचन क्रिया में मदद करने के लिए यह आंतों की सूजन को कम करता है । बच्चों के शरीर में सूजन को कम करने के लिए तथा ऑक्सीडेटिव तनाव से होने वाली क्षति से निपटने के लिए यह एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण बहुत सहायक है।
- एंटीवायरल- क्योंकि इसमें विटामिन सी और विटामिन ई जैसे पोषक तत्व मौजूद हैं जो कि प्रतिरक्षा बढ़ाने में मदद करते हैं इसी वजह से यह बच्चों में बीमारी को रोकने और उनसे लड़ने में अति सहायक सिद्ध होता है । यह एक एंटीबैक्टीरियल भी है इस कारण संक्रमण को भी रोकता है ।
- विटामिन से भरपूर- विटामिन ई और विटामिन सी के अलावा इसके अंदर फोलेट पोटेशियम और विटामिन के, होने के कारण यह हमेशा से एक विटामिन का बहुत बड़ा स्रोत रहा है । हां, इसे पीते वक्त ताजा और बिना चीनी मिला हुआ, बच्चों को देना ही बेहतर होता है।
- सहनशक्ति- अनार से खेल के प्रदर्शन में भी सुधार होता है क्योंकि इससे बच्चों में होने वाला स्पोर्ट्स के दौरान ऑक्सीडेटिव वाला दर्द भी कम होता है और बच्चे अगले दिन के लिए फिर से दौड़ भाग के लिए तैयार हो जाता है।
- दाँत- दांतो का स्वास्थ्य भी इससे काफी अधिक प्रभावित होता है। जिन बच्चों के मुंह में प्लेक का निर्माण होता है, वह इसे अगर खाएं तो एंटी बैक्टेरिया और एंटी फंगल के गुण ,इसे मुंह में होने वाले इन्फेक्शन और सूजन से लड़ने में मदद करते है।
- खांसी- खांसी और सांस में अगर इसे शक्कर और सेंधा नमक के साथ पिया जाए तो बच्चों की खांसी और श्वास रोग भी ठीक हो जाते है |
- हड्डियां- इसमें क्योंकि विटामिन सी भरपूर मात्रा में मौजूद है, इस कारण यह बच्चों की हड्डियों को भी मजबूत बनाता है |
अनार का उपयोग / इस्तेमाल कैसे करे
अनार का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों में घरेलु नुस्खों की तरह भी किया जाता है।
- अगर पेट दर्द की समस्या हो रही है तो आप इसके आधा कप रस में काली मिर्च और नमक डालें और बच्चे को देने पर उसका पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
- दस्त और पेचिश की समस्या होने पर थोड़े से अनार के छिलकों में दो लौंग मिलाकर पानी में उबाल ने और इसे पूरे दिन में 3 बार बच्चे को दें इससे बच्चे की दस्त की तकलीफ ठीक हो सकती है
- हाजमा दुरुस्त करने के लिए यानि बच्चों को खाना खाने की जब इच्छा ना हो तो इसे देने में से बच्चों का खाने के प्रति रुचि बढ़ जाती है और वह एक स्वादिष्ट और लाभकारी दवाई का काम करता है।
- खांसी की समस्या के दौरान अगर आप चाहें तो इसे 10 ग्राम 2 ग्राम नमक में मिलाकर पीस लें और बच्चे को शहद के साथ चाटने को दें, इससे बच्चे की खांसी ठीक हो जाएगी |
- नकसीर में बच्चे के नाक में अगर इसके दो बूंद दोनों तरफ डालेंगे तो कुछ समय बाद खून आना बंद हो जाता है।
- खूनी बवासीर- अगर बच्चे को खूनी बवासीर की शिकायत है तो इसके अनार के दानों का नियमित सेवन करने से यह बीमारी काफी हद तक ठीक हो जाती है |
क्या अनार के सेवन से नुकसान भी होते हैं?
अत्यधिक मात्रा में किसी भी प्रकार के फूड आइटम्स का सेवन करने से नुकसान तो हो ही सकते हैं। आपके लिए ये जानना भी जरूरी है कि अनार का सेवन किन परिस्थितियों में नहीं करना चाहिए।
- अगर हम अनार को त्वचा पर लगाते हैं तो कई बार बच्चों की त्वचा को संवेदनशीलता के कारण सूजन या खुजली, जैसा एहसास या लक्षण देखने को मिलते हैं।
- जिन बच्चों को ब्लड प्रेशर लो की शिकायत रहती हो, उस दौरान इसका सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए क्योंकि उससे नुकसान हो सकता है ।
- क्योंकि यह एक ठंडी तासीर वाला फल है तो इसे जब बच्चे को सर्दी खांसी अधिक हो रही हो तो जूस के रूप में नहीं देना चाहिए।
- अगर लीवर में कुछ समस्याएं / विकार है जिनकी वजह से बच्चा परेशान हैं उस समय भी इसको डॉक्टर लेने को मना करते हैं।
- यह फल कैलोरी काउंट में वृद्धि करता है जिसके कारण बच्चों के वजन में वृद्धि होती है।
बच्चे को छोटी मात्रा में अनार देकर पहले जाँच लें कि वह इसे पचा पा रहा है या नहीं। बच्चे को कोई प्रतिक्रिया नहीं है। कभी-कभी बच्चा अनार के बीज को निगलने में भी सक्षम नहीं होता है। उस स्थिति में अनार के बीजों के बजाय रस दें ।
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