2 साल तक के बच्चों को कितना फ ...
2 साल तक के बच्चों को कितना फ्रूट जूस पिलाना चाहिए?

वैसे तो फलों का जूस (Juice) हेल्थ (health) के लिए बहुत फायदेमंद है और कई बीमारी में डॉक्टर भी फ्रूट जूस (Fruit Juice) लेने की सलाह देते हैं। लेकिन बदलते समय के साथ चीजें भी बदल रहीं हैं। बात अगर बच्चों की करें तो उनके मामलों में जूस उतना फायदेमंद नहीं है, जितना बड़ों के लिए। दरअसल जूस में चीनी (Sugar) की मात्रा अधिक होती है, जो बच्चों को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में जूस उनकी उम्र के हिसाब से देना चाहिए। इस ब्लॉग में हम विस्तार से बताएंगे कि 2 साल तक के बच्चों को कितना जूस देना चाहिए, इससे ऊपर के उम्र के बच्चों के लिए क्या करना चाहिए।
बच्चे को जूस देना सही या गलत
छोटे बच्चों को जूस पिलाने को लेकर अलग-अलग संस्थाओं की ओर से किए गए अध्ययन को लेकर कई चौंकाने वाली बात सामने आई है। अमेरिकन एकैडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAOP) की रिपोर्ट कहती है कि 12 महीने से कम उम्र के बच्चों को जूस नहीं देना चाहिए। वहीं 1 साल की उम्र के बाद बच्चे को जूस दे तो सकते हैं, लेकिन इसकी मात्रा नियंत्रित होनी चाहिए। वहीं इंडियन एकैडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की रिपोर्ट कहती है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को ताजा या पैकेटबंद जूस नहीं देना चाहिए। दरअसल इसमें कैलोरी और शूगर बहुत ज्यादा होता है।
किसे दे सकते हैं कितना जूस?
अमेरिकन एकैडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, 1 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी कीमत पर जूस नहीं देना चाहिए। इस उम्र में जूस देने से फायदे की जगह नुकसान ही हो सकता है। बच्चों के दांत जूस से खराब हो सकते हैं। बच्चा अगर 1 से 3 साल के बीच है तो उसे एक दिन में 4 औंस (120 मिलीलीटर) से अधिक जूस न दें। जूस की मात्रा 4 औंस से कम ही रहे तो बेहतर। बच्चे की उम्र 4 से 6 साल के बीच है तो आप उसे रोजाना 6 औंस (180 मिलीलीटर) तक जूस दे सकते हैं। वहीं 7 से 18 साल तक के बच्चे को रोजाना 8 औंस (240 मिलीलीटर) तक जूस दे सकते हैं। यहां इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है बच्चे को पूरे दिन जूस न दें। इसे भोजन या नाश्ते की तरह ही दें। कुछ इमरजेंसी में डॉक्टर 1 साल से कम उम्र के बच्चों को भी जूस देने की सलाह दे सकते हैं। यह स्थिति तब आती है जब बच्चे को कब्ज या दस्त हो। लेकिन यहां भी आपको ध्यान रखना होगा कि उसे ज्यादा मीठा जूस न दें। आप बच्चे को 1 छोटे चम्मच से आलूबुखारा, मुनक्का, सेब व नाशपाती का जूस दे सकते हैं।
इन बातों का रखें खास ध्यान
बच्चे को अगर जूस दे रहे हैं, तो जूस के डिब्बे या बोतल पर इंडिग्रेंट जरूर चेक करें। कोशिश करें कि उसे मीठे यानी शूगर मिक्स्ड जूस या अन्य फलों के जूस की जगह 100 प्रतिशत किसी एक फल का ही रस दें। फल अपने आप में मीठे होते हैं, ऐसे में अगर अलग से चीनी मिक्स्ड जूस बच्चों को ज्यादा देंगे तो वह नुकसान ही करेगा। आप चाहें तो फलरों के रस में थोड़ा पानी मिलाकर भी बच्चे को दे सकते हैं। जब इंडिग्रेंट चेक करें तो ध्यान रखें कि वह 100 प्रतिशत शुद्ध फलों का रस हो। वह 100 प्रतिशत पास्चरीकृत हो। कोशिश करें कि बच्चे को सेब, नाशपाती जैसे हल्के फलों के जूस ही दें। इनमें भी अलग से चीनी न मिलाई गई हो। जूस के पैकेट या डिब्बे पर ‘’cocktail’’, ‘’drink’’, ‘’beberage’’, या ‘’–ade’’ न लिखा हो।
बच्चों को ज्यादा जूस देने के नुकसान
बच्चों को ज्यादा मात्रा में जूस देना उन्हें कई तरह के नुकसान पहुंचा सकता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट उम्र के हिसाब से तय मात्रा में ही बच्चे को जूस देने की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ज्यादा फ्रूट जूस देने के नुकसान।
- शूगर व कैलोरी की मात्रा अधिक होने की वजह से ज्यादा जूस देना बच्चे के नए दांतों या जल्दी निकलने वाले दांतों को नुकसान पहुंच सकता है। कई मामलों में दांतों की सड़न की समस्या भी देखने को मिलती है।
- जूस ज्यादा पीने से आपके बच्चे को डायरिया (दस्त) की समस्या भी हो सकती है।
- अगर आप बच्चे को हमेशा जूस देते रहेंगे तो उसे मीठे पानी की आदत लग सकती है। इससे वह सादा पानी पीना छोड़ देगा।
- अगर आप बच्चे को नियमित रूप से जूस पिलाएंगे तो इससे उसका पेट जल्दी भरेगा और वह दूसरे आहार नहीं खाएगा। इस स्थिति में उसे नुकसान ही पहुंचेगा।
- कैलोरी की मात्रा अधिक होने की वजह से जूस अधिक मात्रा में पीने से बच्चे का वजन भी तेजी से बढ़ता है, वह जल्द ही मोटापे का शिकार हो सकता है।
जूस देते वक्त बरतें सावधानी
बच्चे की उम्र व जूस की मात्रा को तय करने के बाद भी आपको बच्चे को जूस देते वक्त कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। यहां हम बता रहे हैं ऐसे ही कुछ टिप्स जिन पर आपको विचार करना चाहिए।
- कभी भी बच्चे को सीधे बोतल से जूस न पीने दें। उसे चम्मच या कप से जूस पिलाएं।
- बच्चों को रात को फलों का जूस न दें। रात को जूस देने से पेट फूलने, गैस व अपच की समस्या उसे हो सकती है।
- बच्चे को फल की जगह सब्जी का जूस दें तो ज्यादा बेहतर।
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