पानी से होने वाली बीमारियों को ...
पानी से होने वाली बीमारियों को इस तरह रोकें

जल ही जीवन है, इस पंक्ति को आप अक्सर सुनते होंगे। ऐसे में इसका शुद्ध व साफ होना हमारे लिए बहुत जरूरी है। बात जब बच्चों की आती है, तो ये और जरूरी हो जाता है। दरअसल दूषित पानी की वजह से शरीर में कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। यह बीमारियां दूषित पानी पीने के साथ-साथ हमारे आसपास जमा गंदे पानी से भी हो सकती हैं। आज हम बात करेंगे पानी से होने वाली कुछ बड़ी बीमारियों के बारे में और आपको बताएंगे कि आखिर कैसे आप अपने बच्चे को इनसे बचा सकते हैं।
ये हैं पानी से होने वाली 5 बड़ी बीमारियां और बचने के उपाय/ Major Diseases Caused By Water And Measures To Avoid In Hindi
1. डायरिया –डायरिया गंदे पानी से होने वाली सबसे बड़ी बीमारी है। इससे सबसे ज्यादा बच्चे ही प्रभावित होते हैं। बच्चों को अगर दिन में तीन या इससे अधिक बार पतला दस्त आए तो ये डायरिया के लक्षण ही हैं। डायरिया में शरीर से पानी कम होने लगता है। आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में प्रतिघंटे 1000 बच्चों की मौत सिर्फ डायरिया के कारण ही हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि इससे सावधानी बरतते हुए लड़ा जाए।
डायरिया से बचाव के उपाय –बच्चे को एक गिलास पानी में 2 चम्मच चीनी और चुटकी भर नमक व नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर पिलाएं। इसके अलावा नारियल पानी पिलाना भी फायदेमंद होगा। बच्चे को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दें। ओआरएस व इलेक्ट्रॉल पाउडर का घोल भी कारगर हो सकता है।
2. हेपेटाइटिस –हेपेटाइटिस बीमारी भी दूषित पानी से ज्यादा फैलता है। इसके 5 वायरस हैं, जिन्हें ए, बी, सी, डी और ई नाम से जाना जाता है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक बी होता है। हेपेटाइटिस बी का वायरस लीवर को गंभीर रूप से संक्रमित व लीवर में सूजन पैदा करता है।
हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय–
सबसे जरूरी है कि उसे हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाएं। इसके अलावा रोजाना 100-250 ग्राम चीनी पानी में घोल कर बच्चे को पिलाएं। हरी पत्तेदार सब्जियों को सेवन कराएं। पानी साफ पिलाएं।
3. मलेरिया –
मलेरिया बुखार प्लास्मोडस परजीवी मच्छर द्वारा फैलता है। ये मच्छर गंदे पानी में ही पैदा होते हैं। इस बीमारी से बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए तो मलेरिया घातक बीमारी है। इससे पेट में पल रहे शिशु की मृत्यु तक हो सकती है।
मलेरिया से बचाव के उपाय –
मलेरिया के अधिकतर लक्षण फ्लू, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे ही होते हैं। अगर बच्चे को तेज बुखार व ठंड लगे तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा इससे बचने के लिए बच्चे को ज्याजा से ज्यादा आराम कराएं और तरल पदार्थ का सेवन कराएं। साफ पानी व भोजन दें। सिर पर गीले कपड़े की पट्टी बनाकर भी दे सकते हैं।
4. हैजा–
हैजा भी गंदे पानी से होने वाली एक बीमारी है। यह रोग विबियो कोलेरी नामक बैक्टीरिया से फैलता है। दूषित पानी के अलावा यह गंदे खाने, दूध व कटे हुए फल से भी फैलता है।
हैजा से बचाव के उपाय –
शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने के लिए बच्चे को ज्यादा से ज्यादा नारियल पानी पिलाएं। तरल पदार्थों का सेवन अधिक कराएं। पानी को पीने से पहले उसे उबाल लें। पानी का साफ होना बहुत जरूरी है। इसके अलावा बच्चे को शक्कर या नमक मिलाकर नींबू का शरबत दें। इससे भी हैजा को दूर किया जा सकता है।
5. टाइफाइड –
पानी से जुड़ी बीमारियों में टाइफाइड भी शामिल है। यह साल्मोनेला टाइफी नाम के बैक्टीरिया से फैलता है। कटे हुए फल-सब्जियां व दूषित पानी पीने से यह बीमारी होती है। टाइफाइड के लक्षणों में बुखार का लगातार बढ़ना, ठंड लगना, पसीना आना व हाथ-पैर में दर्द होना शामिल है। बच्चों के लिए यह बीमारी ज्यादा खतरनाक है।
टाइफाइड से बचाव के उपाय–
अगर बच्चे में टाइफाइड के लक्षण दिख रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर एंटीबायोटिक दवाई देना शुरू करें। इसके अलावा उसे उबला हुआ पानी ही पिलाएं। बच्चे को लहसुन की कलियां गर्म पानी के साथ दें। अगर व चबा न पाए तो उसे कूटकर पानी में मिलाकर दें। लहसुन से बुखार तो कम होगा ही बल्कि इम्यून सिस्टम भी बेहतर होगा।
साफ पानी के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान
पीने के पानी को साफ कपड़े से छान लें, बेहतर होगा कि फिल्टर का प्रयोग करें। पीने के पानी को धूप में यानी प्रकाश में रखना चाहिए। तांबे के बर्तन में अगर पानी रखें तो सबसे बेहतर। क्योंकि तांबे के बर्तन में पानी सबसे ज्यादा साफ रहता है।
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