प्रेग्नेंसी में क्यों सुन्न पड़ जाता है शरीर, जानें कारण और उपाय

Pregnancy

स्पर्धा रानी

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4 years ago

प्रेग्नेंसी में क्यों सुन्न पड़ जाता है शरीर, जानें कारण और उपाय

सुरभि एक सुबह जागी तो उसके हाथ और पैर दोनों सुन्न पड़े थे। उसने अपने हाथ और पैरों को हिलाने की कोशिश की लेकिन फिर भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ा। तब उसने अपने हसबैंड को आवाज दी लेकिन उनके स्पर्श के बावजूद सुरभि को कोई फर्क नहीं पड़ा। वह बहुत घबरा गई। करीब 5 मिनट के बाद उसके हठ- पैरों की सुन्नता गई। सुरभि ने आज से पहले कभी इस तरह का अनुभव नहीं किया था। बीते 2 महीने से उसकी बॉडी में तरह- तरह के बदलाव हो रहे थे और वह इन सबको समझ नहीं पा रही थी। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले 2 महीने से सुरभि प्रेगनेंट है। ऐसा कोई उसके साथ नहीं रहता, जो उसे यह बता सके कि प्रेग्नेंसी में इस तरह के बदलावों का होना आम है। यह कहानी सिर्फ सुरभि की नहीं, बल्कि कई प्रेगनेंट महिलाओं की हैं, जो प्रेग्नेंसी में सुन्नता का अनुभव करती हैं।

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कब सुन्न पड़ जाता है शरीर 

प्रेग्नेंसी में शरीर के सुन्न पड़ जाने का मतलब है कि शरीर के कुछ अंगों में किसी तरह के अहसास को न महसूस कर पाना। अमूमन जब प्रेगनेंट महिला सुबह सोकर जागती है तो उसे अपने शरीर में किसी तरह की हरकत का अहसास नहीं होता है। यह बहुत देर टक एक ही पोजीशन में सोने की वजह से हो सकता है। कई दफा प्रेगनेंट बिना ध्यान दिए ही भारी चीजें उठा लेती हैं। इस वजह से भी शरीर के कुछ हिस्से सुन्न पड़ जाते हैं।

प्रेग्नेंसी में शरीर के सुन्न पड़ जाने के कारण

अब सवाल यह उठता है कि प्रेग्नेंसी में इस तरह की सुन्नता कब और क्यों होती है। इसके क्या कारण हैं? प्रेग्नेंसी में सुन्नता के कुछ कारण हैं :

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  • हारमोन में बदलाव- यह जग जाहिर बात है कि प्रेग्नेंसी में एक महिला की बॉडी में कई बदलाव होते हैं। ऐसा हार्मोन में नित नए आने वाले बदलावों की वजह से होता है।
     
  • एनीमिया- अगर प्रेग्नेंट के शरीर में आयरन की कमी है तो उसकी वजह से भी बॉडी के कुछ हिस्से सुन्न पड़ सकते हैं।
     
  • नसों पर दबाव- पेट में जैसे- जैसे शिशु बढ़ता जाता है, वैसे ही गर्भाशय का आकार भी बढ़ता जाता है। इसकी वजह से नसों पर दबाव पड़ता है और पैर सुन्न पड़ जाते हैं। यह बहुत आम बात है, हालांकि हर महिला की प्रेग्नेंसी की यात्रा अलग- अलग होती है।
     
  • पेरीफेरल न्यूरोपैथी- जब कसी प्रेग्नेंट महिला की पेरीफेरल नसें सही तरीके से काम नहीं करती हैं तो उसके शरीर के कुछ हिस्से सुन्न पड़ जाते हैं। यहीं पर बात आती है ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की। इसलिए कहा जाता है कि नियमित तौर पर ये सब चेक कराते रहना चाहिए।
     
  • कार्पल टनल सिंड्रोम- नसों पर जब बहुत अधिक दबाव पड़ता है तो इससे कार्पल टनल सिंड्रोम की समस्या हो जाती है। हठ और कलाई में दर्द का अनुभव होना, कमजोरी महसूस होना, हर समय दर्द रहना, सूजन और साथ में झुनझुनी ये सब कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण हैं।

प्रेग्नेंसी में शरीर के सुन्न पड़ जाने के उपाय

खान-पान : अगर आपको एनीमिया है तो आपको अपनी बॉडी में आयरन के स्तर के सुधारना होगा। इसलिए आपको अपनी डाइट में अच्छी तरह से पका हुआ डेयरी प्रोडक्ट्स, हरी साग- सब्जियां, ब्रोकली, संतरा, बीन्स, संतरा, नट्स, अंडा और चिकन आदि का सेवन करना चाहिए।

मूवमेंट : प्रेग्नेंसी में हिलने- डुलने में दिक्कत होती है, बावजूद इसके आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप हमेशा एक ही पोजीशन में ना बैठें। अपने पोजीशन की आदतों पर ध्यान दें। हाथ- पैर को हिलाते रहें। अगर आपको रात में सोने में तकलीफ होती है तो किसी सॉफ्ट तकिये का सहारा लेकर अपने पेट के नीचे रखें। सोते समय एक ही अवस्था में सोने की बजाय करवट बदलना सही रहता है। हाथ का सहारा लेकर ना सोएं, वरना हाथ के सुन्न पड़ जाने का खतरा रहता है। भारी चीजें कतई न उठाएं।

अगर इन सब उपायों के बावजूद आपकी बॉडी के कुछ हिस्से सुन्न पड़ जाते हैं तो उसे ठीक करने के लिए आप गर्म या ठंडा सेंक की मदद ले सकती हैं। गुनगुने पानी में नमक डालकर पैर को डुबोकर रखने से आराम मिलता है। इससे थकान भी जाती है। चाहें तो हल्की मालिश करें। पट्टी बांधना भी मददगार है।

कब जाएं डॉक्टर के पास

अगर आपके शरीर के हिस्से में लगातार सुन्नता बनी रहती है और कमजोरी महसूस होती है तो अपनी गायनोकोलॉजिस्ट से जरूर मिलें।

प्रेग्नेंसी एक खूबसूरत यात्रा है। आपको अपनी इस यात्रा को खूबसूरत बनाने के लिए अपने डॉक्टर की बात माननी चाहिए। साथ ही पौष्टिक खान- पान पर ध्यान देना चाहिए।

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