प्रेगनेंसी के दौरान कमर दर्द (पीठ दर्द) के कारण और उपाय?

आमतौर पर प्रेगनेंसी के दौरान कमर दर्द- पीठ होना लजमी है इसके कई कारण हो सकते हैं। गर्भ में पल रहे शिशु के बढ़ने से आगे का भाग काफी भारी हो जाता है। इसके साथ ही आपका वजन बढ़ने से पीठ में झुकाव आना शुरू हो जाता है। इस वजह से प्रेग्नेंसी के दौरान पीठ में दर्द होना शुरू हो जाता है।
पीठ दर्द होने के कारण / reasons of back pain
अगर आप पीठ और कमर दर्द से परेशान है तो यह आपकी गर्भवस्था के पहले कुछ लक्षणों में से एक है | इस अवस्था में पीठ दर्द होने के पीछे कुछ महत्वपुर्ण कारण हो सकते हैं।
- पहली तिमाही में पीठ दर्द के कारण / back pain in first trimester -- प्रेगनेंसी में जिन हार्मोंस का उत्पादन आपका शरीर करता है वह आपके श्रोणि के जोड़ को मुलायम और लचीला करता है इस वजह से डिलीवरी में आसानी होती है। यह हॉर्मोन्स आपके कमर और पीठ दर्द का कारण बन सकता है |अपनी प्रेगनेंसी के आगे की टेंशन या तनाव पीठ दर्द का दूसरा कारण हो सकता है क्योंकी अगर हॉर्मोन्स ने पहले ही अपना काम शुरू कर दिया है तो थोड़ा सा भी तनाव चाहे वो किन्हीं कारणों से हो आपको पीठ दर्द का सामना करना पड़ सकताहै।
- दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही में पीठ दर्द /back pain in second and third trimester --दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही तक आपका बच्चा बड़ा हो चूका होता हैऔर गुरूत्वाकर्षण- केन्द्र उसे निचे की ओर खींचता है जिससे आपका पेट आगे की तरफ झुकता है और निचे की तरफ बढ़ता है | आपकी मुद्रा का सही न होना ,ज्यादादेर खड़े रहना ,झुकना आदि आपके दर्द को और भी बदत्तर कर सकते है | वजन का अधिक होना और प्रेगनेंसी से पहले ही कमर दर्द की समस्या होना भी इस समस्या को बढ़ा सकता है
गर्भावस्था में अधिकतर महिलाएं किसी ना किसी बात को लेकर तनाव में आ ही जाती हैं। कभी डिलीवरी को लेकर डर, तो कभी होने वाले बच्चे की सेहत को लेकर। इस कारण भी गर्भवती को पीठ में दर्द हो सकता है।
कमर दर्द (पीठ दर्द) से बचने और उसे कम करने के लाभदायक उपाय /Some useful tips to prevent and reduce back pain
अब हम आपको कुछ उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके लिए बहुत कारगर सिद्ध हो सकते हैं।
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मालिश -- गर्भावस्था के दौरान मालिश करने से आपका तनाव खत्म होता है। गर्भावस्था के दौरान पैरों की मालिश से रक्त संचार तेज होता है और पैरों की जकड़न से राहत मिलती है। गर्भावस्था के दौरान कभी जी मचलने, सीने में जलन या दर्द की शिकायत होती है। पीठ की मालिश से इन समस्याओं से छुटकारा मिलता है।मालिश से कमर में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है।
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पीठ को टेक देकर बैठे -- जब बैठे हों, तो अपने पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें और सुनिश्चित करें कि आपकी कुर्सी पीठ को समर्थन कर रही है। आप चाहें तो अधिक समर्थन के लिए पिलो का उपयोग कर सकती हैं।
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वजन उठाने से बचे -- गर्भावस्था में भारी सामान उठाने से बचना चाहिए। इससे आपकी पीठ पर बुरा असर पड़ता है और दर्द बढ़ सकता है।
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पीठ के बल ना झुकें : अपने पेट और पीठ को मजबूत करने के लिए गर्भावस्था-सुरक्षित व्यायाम का अभ्यास करें। यदि आपको कुछ लेने की आवश्यकता है, तो कमर झुकाने की बजाय स्क्वाट करना याद रखें। कोशिश करें कि पीठ के बल ना झुकें। अगर आपको झुककर कोई सामान उठाना भी पड़े, तो पहले घुटने के बल झुके और फिर सामान उठाएं। इस दौरान अपनी पीठ पर दबाव ना पड़ने दें।
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मेटरनिटी बेल्ट : आपको बाज़ार में आसानी से गर्भावस्था के दौरान पेट पर बांधने वाली बेल्ट मिल जाएगी। आप इस बेल्ट का इस्तेमाल पीठ दर्द में राहत पाने के लिए कर सकती हैं। यह बेल्ट बढ़े हुए पेट का भार संभाल लेती है, जिससे आपको पीठ दर्द से राहत मिल सकती है ।
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सोने का तरिका बदले -- बाई ओर सोने की कोशिश करें पीठ के बल नहीं , अपने पेट के नीचे और अपने घुटनों केबीच तकिए रखे ताकि आपको सोने में सहायता मिल सके ।
इन उपायों को आजमा कर आप गर्भावस्था के दौरान होने वाले कमर और पीठ के दर्द से राहत पा सकती हैं। अगर फिर भी आपको आराम ना मिले तो तत्काल अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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