अपने बच्चे को पिलाएं सत्तू का शर्बत, इसके हैं एक नहीं अनेक फायदे

आपने बड़े-बुजुर्गों के मुंह से ये बात जरूर सुनी होगी की जो जैसा आहार ग्रहण करेगा उसका व्यवहार भी वैसा ही होगा। एक मां होने के नाते आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता अपने बच्चे को समय-समय पर पौष्टिकता से भरपूर आहार मुहैया देना होता है। अब बच्चे हैं तो खाने के समय में नखरे दिखाएंगे ही कि मुझे ये अच्छा नहीं लगता है या फिर मुझे अभी नहीं खाना है लेकिन आपको ये बखूबी मालूम है कि आपके बच्चे के विकास में आहार कि कितनी बड़ी भूमिका होती है। आज हम आपको एक ऐसे देसी आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके लिए और आपके पूरे परिवार के लिए सर्वश्रेष्ठ है। हम इस ब्लॉग में आपको बताने जा रहे हैं सत्तू और उसके फायदे के बारे में।
सत्तू मुख्य रूप से चने और जौ का बनता है। बिहार, उत्तर प्रदेश के लोगों का सत्तू मुख्य आहार होता है। सत्तू के गुणों को देखते हुए अब तो विदेशों में भी सत्तू की भारी मांग हो रही है। सत्तू को सुपाच्य आहार माना जाता है। सत्तू का सेवन करने से दिन भर शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। गर्मी के मौसम में सत्तू का इस्तेमाल हेल्थ ड्रिंक के तौर पर भी किया जाता है। सत्तू में फाइबर और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। बढ़ते बच्चों को अगर 2 चम्मच सत्तू खिलाया जाए तो उनकी मांसपेशियों गठीली बनती है।
सत्तू का सेवन करने से हैं इतने सारे फायदे/ Sattu Eating Has Many Advantages In Hindi
- पाचन व्यवस्था को ठीक रखता है: चने में फाइबर की बहुतायत होती है। गर्मी के मौसम में सत्तू पिने से बहुत लाभ मिलता है। मसालेदार खाना की वजह से अपच की समस्या हो जाती है ऐसे में अगर सत्तू का शर्बत बना कर पिया जाए तो बहुत लाभ मिलता है। सत्तू में मौजूद फाइबर खाने की प्रक्रिया को तेज कर शरीर के अंदर पाचन व्यवस्था को दुरुस्त रखने में मदद करता है।
- मोटापा को कम करे: अनियमित लाइफस्टाइल और ज्यादा मात्रा में फास्टफूड का सेवन करने से बच्चों में मोटापा की समस्या हो जाती है। सत्तू का सेवन करने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती है और पेट भी भरा रहता है। चने का सत्तू न केवल आपके बच्चे की भूख को शांत करने का काम करता है बल्कि पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को भी पूरा करता है।
- शरीर को त्वरित एनर्जी देता है सत्तू- चने के सत्तू में बहुत सारे मिनरल्स जैसे आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस पाए जाते हैं और इसका सेवन करने से आपके बच्चे के शरीर को त्वरित ऊर्जा मिल सकती है।
- पेट को ठंडा रखता है सत्तू- सत्तू ना सिर्फ पेट को ठंडा रखता है बल्कि पेट से संबंधित कई सारी बीमारियों को भी दूर करता है। सत्तू का सर्वाधिक लाभ तब मिलता है जब इसका सेवन खाली पेट में किया जाए। सत्तू शरीर के तापमान को भी कंट्रोल में रखता है।
- . एनीमिया की समस्या को भी दूर करता है : सत्तू ना सिर्फ आपके बच्चे के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए स्वास्थ्यवर्धक है। शरीर में आयरन की कमी होने पर रोजाना सत्तू पीने से काफी लाभ मिलता है। प्रेगनेंसी के बाद होने वाली कमजोरी से निपटने में सत्तू का सेवन लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
- . लिवर के लिए : सत्तू में प्रोटीन भी अच्छे खासे मात्रा में पाया जाता है और लिवर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी होता है।
- डायबिटीज की समस्या :सत्तू में मौजूद बीटा-ग्लूकेन शरीर में ग्लूकोस के अवशोषण को नियंत्रण में रखता है। डाइबिटीज के रोगी अगर नियमित रूप से सत्तू का सेवन करें तो इस पर काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
सत्तू का सेवन करने के दौरान कुछ सावधानियां भी जरूर बरतें / Some Precautions Should Also Be Taken While Using Sattu In Hindi
- सत्तू को खाते हुए बीच में पानी नहीं पीना चाहिए
- दिन भर में सिर्फ एक बार ही सत्तू का सेवन करें
- सत्तू को नमक, चीनी या गुड़ मिलाकर ही इस्तेमाल करें
- खाना खाने के फौरन बाद सत्तू नहीं खाएं
- बारिश के मौसम में सत्तू का कम ही इस्तेमाल करें
सत्तू का शर्बत बनाने की विधि/ The process Of Making Sattu's Sharbat
एक गिलास पानी में 2 से ढाई चम्मच तक सत्तू मिला लें। फिर इसको किसी चम्मच की मदद से अच्छे से मिला लें। इसके बाद इसमें स्वादानुसार नमक, प्याज, धनिया इत्यादि मिला लें। बस हो गया तैयार सत्तू का शर्बत। अगर आप चाहें तो इसमें नमक की जगह चीनी या गुड़ मिलाकर भी पी सकते हैं।
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