बड़ी हो रही बेटी को पीरियड्स के बारे में कैसे बताएं?

माहवारी एक प्राकृतिक प्रकिया है, जो हर महीने होती है। कम उम्र की लड़कियों को इसे स्वीकारने में दिक्कत होती है। बेटी की परवरिश जिम्मेदारी आपकी है। उसे बताना होगा कि टीनऐज में आते ही उसके शरीर में तरह-तरह के बदलाव होंगे, जिसे उसे स्वीकारना होगा। इन पर शर्माने या झिझकने की आवश्यकता नहीं। ऐसे में आप बेटी से संशय व संदेह रहित महावारी की पूरी प्रक्रिया बताएं।
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बेटी को कैसे बताएं महावारी का पूरा सच / How to talk to your daughter about her period and puberty In Hindi?
- सहजता से रखें बात- बेटी हो या बेटा माता-पिता को दोनों से ही महावारी की बात करनी चाहिए। यहां बात सहजता और दोस्ताना रूप में करें। यह जरूरी इसलिए है कि बेटी अपने शारीरिक बदलावों से रूबरू होगी। दूसरी ओर बेटे से करने पर वो महिलाओं की इज्जत करना सीखेगा। इस दौरान लड़कियां मूड स्विंग और दर्द से गुजरती हैं। आप यह इंतजार नहीं करें कि बेटी को पीरियडस होने पर ही बताएंगे। पहले से वाकिफ होने पर उसे कुछ अटपटा नहीं लगेगा। बता दें कि आमतौर 11 से 13 उम्र में पीरियडस आरंभ हो जाते हैं। कुछ लड़कियों में 8 साल की उम्र से शुरू हो जाते हैं। आपको उसे बताना होगा कि हर किसी की शारीरिक बनावट अलग होती है। यह प्रक्रिया सब लड़कियों के साथ होती है।
- लंबी बातचीत से बचें- सिर्फ एक ही दिन बेटी से पीरियड पर बात नहीं करें। आपकी इस लंबी बात से वो घबरा सकती है। प्यूबेट्री की उम्र आते ही रोजाना इस विषय पर उसे बात करें। उसके मन में आते हर सवाल का जवाब दें। इससे उसके मन में पीरियडस के प्रति डर नहीं सताएगा। नतीजतन वो इसे सहज स्वीकारेगी।
- शर्म छोड़ दें- बेटी से पीरियडस की बात खुलकर करें। उसे बताएं कि हर महिला को 11 से 13 की उम्र में पीरियडस शुरू हो जाते हैं। बेटी को बताएं कि आपको पीरियडस किस उम्र में आरंभ हुए थे। यह जान वो पीरियडस को दैनिक जिंदगी का हिस्सा मान लेगी। यदि बेटी से पिता या कोई पुरुष गार्जियन बात कर रहा है, तो उन्हें भी बेटी से पीरियडस टाॅक करनी होगी।
- अलर्ट हो जाएं- समय के साथ आप पीरियडस से जुड़ी कुछ बातों को भूल गए होंगे। इसे जीवन का हिस्सा आप स्वीकार कर चुकें हैं, परंतु आपका बच्चा शायद नहीं करे। ऐसे में जरूरी है कि पीरियडस से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी से आप वाकिफ हों, जैसे सैनेटरी पैड को कब-कब बदलें, टैम्पून कैसे इस्तेमाल करें, पैड कैसे डिस्पोज करें आदि। हो सके तो घर में सभी सैनेटरी प्रोडक्टस रखें, ताकि बेटी निर्णय ले पाए कि उसे क्या प्रयोग में लाना है। यही नहीं बेटी को बताएं सैनेटरी प्रोडक्ट टाॅयलेट या उसके बेडरूम में रखे हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर वो प्रयोेग कर पाए।
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