क्या है बच्चों के दांत निकलने ...
क्या है बच्चों के दांत निकलने की सही उम्र, लक्षण व दर्द से बचने के घरेलू उपाय

बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता अपने शिशु में आने वाले हर शारीरिक व मानसिक विकास व बदलावों को लेकर रोमांचित रहते हैं। उसके बोलने, चलने, खाने व अन्य गतिविधियों से वह काफी खुशी होते हैं। बच्चे का दांत निकलना भी कुछ ऐसी ही कड़ी है जिसमें पैरेंट्स काफी खुश होते हैं, लेकिन इस खुशी में बच्चे बहुत दर्द से गुजरते हैं। बोल न पाने की वजह से वे अपनी तकलीफ किसी को बता नहीं पाते, लेकिन उनका लगातार रोना व कुछ शारीरिक कष्ट अभिभावकों को भी काफी परेशान करता है। कई पैरेंट्स बच्चे की तकलीफ को समझ भी नहीं पाते। इसकी वजह होती है, बच्चे के दांत निकलने की सही उम्र की जानकारी न होना। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे आखिर क्या है बच्चों के दांत निकलने की सही उम्र, क्या हैं लक्षण व इस दर्द से बचने के उपाय।
बच्चों के दांत किस उम्र से निकलने शुरू होते हैं? / Baby’s First Tooth In Hindi
यूं तो अधिकतर केस में बच्चों के दूध के दांत 6 महीने की उम्र से निकलने लगते हैं, लेकिन कुछ बच्चों के ये दांत 3 से 4 महीने की आयु में भी निकल जाते हैं तो कुछ मामलों में 12 महीने की आयु के बच्चों के भी दूध के दांत नहीं निकले होते। अगर महीने के हिसाब से देखें तो नीचे के सामने वाले कृन्तक दांत 3 से 7 महीने की उम्र में निकल सकते हैं। ऊपर के सामने वाले कृन्तक दांत 6-8 महीने में आते हैं। वहीं ऊपर के पिछले कृन्तक दांत ऊपर के सामने वाले दोनों भागों में होते हैं और 9 से 11 महीने में आते हैं। नीचे के पिछले भाग वाले कृन्तक दांत जो नीचे के सामने के दोनों तरफ होता है, आखिरकार 10-12 महीने में आ जाते हैं। हालांकि कई बच्चों के दूध के दांत देरी से निकलते हैं। आपको इसकी वजह से परेशान नहीं होना चाहिए। इसके पीछे आनुवांशिक, बच्चे के शरीर में पोषण में कमी व शिशु का समय से पहले जन्म जैसे कारण हो सकते हैं। इनमें से कोई समस्या न होने के बाद भी बच्चे के दांत निकलने में देरी हो रही है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
बच्चों के दांत निकलने के लक्षण / Teething in Babies: Symptoms In Hindi
दांत निकलते समय बच्चों को कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं और ये काफी दिनों तक तंग करती हैं। बोल न पाने के कारण बच्चा पैरेंट्स को अपनी तकलीफ नहीं बता पाता, ऐसे में जरूरी है कि आप खुद सजग होकर दांत निकलने के लक्षणों पर नजर रखें। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में।
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मसूड़ों में दर्द व सूजन – जब बच्चे का पहला दांत यानी दूध का दांत निकलता है, तो उसके मसूड़े लाल हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है। सूजन से मसूड़ों में काफी दर्द व जलन भी होता है, जिसकी वजह से बच्चा लगातार रोता है।
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गाल को खींचना – मसूड़ों में दर्द की वजह से बच्चा अपने गालों और ठोड़ी को खींचने लगता है। यह कोशिश वह दर्द से आराम पाने के लिए करता है।
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चिड़चिड़ा होना – दांत निकलने के दौरान होने वाले दर्द की वजह से बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है और काफी रोता है।
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लार टपकना – इस अवस्था में बच्चे के मुंह से बहुत ज्यादा लार टपकती है। लार टपकने की समस्या तब तक बनी रहती है, जब तक कि पूरी तरह दांत निकल न जाएं।
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मसूड़ों में खुजली की वजह से चीजों को चबाना – दांत निकलने के दौरान बच्चे के मसूड़ों में मीठी-मीठी खुजली होने लगती है। बच्चा इस खुजली को मिटाने के लिए किसी भी चीज व खिलनौने को मुंह में लेकर चबाने लगता है।
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कानों को खींचना - दरअसल कानों और मसूड़ों का नर्वस सिस्टम एक ही होता है। ऐसे में दांत निकलने के दौरान मसूड़ों में होने वाले दर्द की वजह से कानों में भी दर्द होता है। राहत पाने के लिए बच्चा अपने कानों को भी खींचता है।
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कम खाना – मसूड़ों में दर्द की वजह से बच्चा इस दौरान खाना भी कम कर देते हैं।
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रैशेज निकलना – जैसा कि हमने पहले बताया कि दांत निकलने के दौरान बच्चों में ज्यादा लार निकलती है। इस वजह से उनके मुंह और छाती के आसपास रैशेज हो जाते हैं।
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दस्त आना – पहला दांत निकलने के दौरान दस्त की समस्या भी बच्चों को काफी तंग करती है। अगर बच्चे को पतले दस्त होने लगे तो समझ लीजिए कि उसके दांत निकल रहे हैं।
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बार-बार उल्टी आना – दांत निकलने के दौरान बच्चे दूध व अन्य आहार को सही से पचा नहीं पाते। ऐसे में वह बार-बार उल्टी करते हैं।
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बुखार व जुकाम – कई बच्चों को दांत निकलने के दौरान बुखार व जुकाम की समस्या भी होती है।
दर्द दूर करने के घरेलू उपाय / Teething in Babies: Remedies In Hindi
दांत निकलने के दौरान बच्चे जिस दर्द से गुजरते हैं, उससे पैरेंट्स भी काफी परेशान होते हैं। उनके लिए बच्चों को इस तरह रोते देखना काफी पीड़ादायक होता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे घरेलू उपाय, जिनकी मदद से आप दांत निकलने के दौरान बच्चों को होने वाले दर्द को कम कर सकते हैं।
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मुलायम व गीला कपड़ा चबाने को दें – आप बच्चे को मुलायम व गीला कपड़ा चबाने के लिए दें। इससे मसूड़ों का दर्द कम होगा।
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ठंडा खाना या आइसक्रीम – अगर बच्चा 6 महीने या उससे ऊपर का है और ठोस आहार लेना शुरू कर दिया है तो उसे आप दांत के दर्द से बचाने के लिए ठंडा खाना या आइसक्रीम दे सकती हैं। इससे भी उसे काफी राहत मिलेगी।
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टीथर – इस स्थिति में बच्चे को ठंडा टीथर देना भी काफी कारगर होगा। दरअसल टीथर एक खिलौने जैसा होता है। यह मुलायम पदार्थ से बना होता है। इसे चबाने से शिशु के नाजुक मसूड़ों को राहत मिलती है। आप फ्रिज में इसे 15-20 मिनट रखकर ठंडा कर सकते हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि टीथर ज्यादा ठंडा भी न हो, इससे तकलीफ बढ़ सकती है। टीथर देने से पहले उससे जुड़ी सावधानी डॉक्टर से जरूर समझें।
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मसूड़ों पर मालिश - बच्चे को दर्द से बचाने के लिए आप अपनी साफ उंगली से उसके मसूड़ों पर मालिश भी कर सकते हैं। इससे उसे काफी आराम मिलेगा।
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फलों के रस को बर्फ बनाकर दें – पोषक तत्वों की मौजूदगी की वजह से फल सभी के लिए फायदेमंद होते हैं। बच्चा अगर ठोस आहार ले रहा है, तो फल दर्द दूर करने के लिए बेहतर विकल्प है। आप फलों के रस को बर्फ बनाकर बच्चे को खाने के लिए दे सकती हैं। लेकिन बर्फ बहुत ठोस न बने इसका ध्यान रखना चाहिए। इस बर्फ को अपनी मौजूदगी में ही खिलाएं, ताकि वह बच्चे के गले में न फंसे।
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दही व जूस – बच्चे को इस स्थिति में ठंडी दही, जूस व सेब से बनी सॉस देना भी काफी फायदेमंद हो सकता है।
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बच्चे को ज्यादा प्यार दें – मां-बाप का प्यार बच्चों को किसी भी बीमारी व दर्द में काफी आराम देता है। दांत निकलने के दौरान अपने शिशु को ज्यादा से ज्यादा प्यार दें। इससे उसका ध्यान दर्द से हटकर आप पर आएगा।
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शिशु का ध्यान भटकाएं – आप बच्चे को दर्द से बचाने के लिए उसका ध्यान भटकाने की कोशिश करें। ध्यान भटकने से उसे दर्द का पता नहीं चलेगा। ध्यान भटकाने के लिए आप उसे नया खिलौना देने, कहीं घुमाने ले जाने व गाना सुनाने जैसी गतिविधियां कर सकते हैं।
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नरम खाद्य पदार्थों का सेवन - बच्चे के दर्द को कम करने के लिए आप उसे केला, सेब, आलू जैसे नरम खाद्य पदार्थ भी दे सकते हैं। इसके अलावा हरि पत्तेदार सब्जियों का सूप बनाकर देना भी अच्छा विकल्प है।
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ठंडा गाजर – बच्चा अगर ठोस आहार खाने लगा है तो आप उसे ठंडा गाजर भी खाने को दे सकते हैं, इससे भी दर्द से काफी आराम मिलता है। गाजर देने से पहले उसे धोकर छील लें। उसे 15-20 मिनट तक फ्रिज में रखने के बाद निकालकर बच्चे को दें।
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बबूने का फूल – बबूने का फूल एक वर्ष व उससे अधिक उम्र के बच्चों को दांत निकलने के दौरान होने वाले दर्द से काफी राहत देता है। इसमें सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं। आप आधे चम्मच में बबूने के सूखे फूल लें। इसके बाद इसे एक कप गर्म पानी में मिलाएं। इसको छानकर रख लें और एक या दो घंटे में इस मिश्रण को 1-1 चम्मच बच्चे को पिलाएं।
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तुलसी व शहद – अगर घर में तुलसी है, तो इसके पांच पत्तों का रस शहद में मिलाएं। इसके बाद इस मिश्रण को बच्चे के मसूड़ों पर लगाएं या इसे चटाएं। इससे उसका दर्द खत्म हो जाएगा।
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वंशलोचन - बच्चे के दर्द को खत्म करने के लिए वंशलोचन और शहद का मिश्रण भी बच्चे को चटाना एक बेहतरीन विकल्प है।
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अंगूर का रस – इस स्थिति में आप बच्चे को रोजाना अंगूर का 2 चम्मच रस पिलाएं। अंगूर के रस में शहद भी मिलाकर दे सकते हैं। इससे दर्द खत्म होगा और दांत भी मजबूत निकलेंगे।
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