कितनी जल्दी या कितनी देर से देना चाहिए बच्चों को सेक्स एजुकेशन

11 to 16 years

Parentune Support

162.1K बार देखा गया

2 months ago

कितनी जल्दी या कितनी देर से देना चाहिए बच्चों को सेक्स एजुकेशन

भारत में आज भी सेक्स पर लोग खुलकर बात नहीं करते हैं। इसे अब भी गोपनीय विषय माना जाता है। ऐसे में बच्चों को सेक्स एजुकेशन देना तो बहुत दूर की बात है। पर आज के मॉडर्न जमाने में बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन बहुत जरूरी है। अगर आप बच्चे को सेक्स के बारे में नहीं बताएंगे, तो इसके कई नुकसान हो सकते हैं। दरअसल बच्चों को कुछ गलत दोस्तों की संगत, अश्लील पत्रिकाओं, टीवी, फिल्म व इंटरनेट के जरिये सेक्स संबंधी आधी-अधूरी व उत्तेजक जानकारी मिलती है, जिससे वह गुमराह हो जाते हैं। उस अवस्था में चंचल मन होने की वजह से वह कई ऐसे कदम उठाने लगते हैं, जिनसे उनको कई शारीरिक व मानसिक नुकसान होता है। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे को समय रहते सेक्स एजुकेशन दें। हम आपको बता रहे हैं आखिर क्या है सही उम्र बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने की व इसका सही तरीका क्या है।

Advertisement - Continue Reading Below

 

पहले साल से ही शुरू करें कोशिश

हर इंसान में सेक्स की भावना होती है। बच्चे में भी यह भावना रहती है। वह अपने शरीर के सभी अंगों के बारे में जानने के लिए उत्सुक भी रहता है। यह सामान्य बात है, लेकिन अधिकतर पैरेंट्स इस पर ध्यान नहीं देते। कई बार ऐसा भी होता है कि हम खुद ही बच्चे के नाजुक मन में बचपन से ही सेक्स के बारे में उत्सुकता जगाने लगते हैं। बच्चे को अपने शरीर के बारे में कुछ पता नहीं होता है। ऐसे में जब बच्चा कभी अन्य अंगों की तरह अपने प्राइवेट पार्ट्स को हाथ लगाता है या सबके सामने बिना कपड़े पहने आ जाता है, तो माता-पिता उसे डांट देते हैं। उस समय बच्चे को अपनी गलती का एहसास नहीं होता, बल्कि उलटा उसके मन में उत्सुकता जागने लगती है कि आखिर मेरे शरीर के इन हिस्से को छूने के लिए मना क्यों किया जाता है। ऐसे में वह अकेले में अपने गुप्तांगों को छूने व सहलाने लगता है। इस स्थिति से बेहतर है कि आप अपने बच्चे को शुरू से ही शरीर के अंगों के बारे में बताएं। उम्र बढ़ने पर आगे की शिक्षा दें।

 

Advertisement - Continue Reading Below

3-4 साल की उम्र में ये बताएं

3-4 साल की उम्र में बच्चे को समझाएं कि जिस तरह सभी लोगों के ब्रश, टॉवेल आदि बिल्कुल निजी और अलग-अलग होते हैं व उन्हें किसी और को यूज नहीं करना चाहिए। ठीक उसी तरह तुम्हारे शरीर के ये अंग भी बिल्कुल निजी हैं, जिन्हें आपको किसी दूसरे के सामने नहीं खोलना चाहिए। साथ ही उसे ये भी बताएं कि यदि कोई उनके इन अंगों को छूए या सहलाए तो वह फौरन आपको बता दें। ऐसा करने से हम बच्चों को उनके गुप्तांगों की निजता की जानकारी के साथ-साथ उन्हें यौन शोषण से भी बचा सकते हैं।   
 

5-6 साल की उम्र में ये बताएं

5-6 साल के बच्चे से आप ये कह सकते हैं कि आपको अब अपने प्राइवेट पार्ट्स मुझे भी नहीं दिखाने चाहिए। अत अब आपको खुद नहाना होगा, इस तरह से वह जान सकेंगे कि उनके प्राइवेट पार्ट्स बिल्कुल निजी हैं, जिन्हें किसी दूसरे को देखने व छूने का हक नहीं है।

 

9-11 साल की उम्र में ये बताएं

7-8 साल की उम्र में बच्चा काफी हद तक सही गलत समझने लगता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप उसे धीरे-धीरे शरीर के अंगों से आगे उन्हें सेक्स एजुकेशन भी दें। अगर वह मानव अंगों या सेक्स से संबंधित कुछ सवाल पूछता है, तो उसे डांटने की जगह सही जानकारी दें। इससे वह गलत दिशा या संगत में नहीं भटकेगा। 

Be the first to support

Be the first to share

support-icon
Support
share-icon
Share

Comment (0)

share-icon

Related Blogs & Vlogs

No related events found.

Loading more...