क्या करें जब आपका बच्चा सोते हुए डर जाये या बुरा सपना देख कर उठ जाये ?

बच्चों को बुरे सपने आना बिलकुल सामान्य बात है. ये उनकी कल्पनाशीलता के कारण होता है और ये संकेत है कि बच्चे का दिमागी विकास ठीक से हो रहा है. 3 से 6 साल की उम्र के बच्चों में बुरे सपने देखने की समस्या बेहद आम है. इसलिए हर मां-बाप को इस समस्या से निपटना आना चाहिए.
हर दो में से एक बच्चे को सोते हुए बुरे सपने आते हैं. इससे कई बार बच्चे बहुत डर भी जाते हैं. किसी भी माता-पिता के लिए अपने बच्चे को डरा हुआ देखना अच्छा नहीं होता. बुरे सपने बच्चों पर इतना गहरा प्रभाव डालते हैं कि कई बार तो बच्चे नींद से जाग जाते हैं और उन्हें एक-एक बात याद रहती है कि उन्होंने सपने में क्या देखा. आप इन सपनों को रोक नहीं सकते, लेकिन इनका सामना करने में बच्चे की मदद ज़रूर कर सकते हैं.
ऐसे में आपको उन्हें समझाने और सँभालने के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
- बच्चे के मन में डर न बैठे इसके लिए उसे दोबारा सुलाना ज़रूरी होता है. आपको उससे कहना चाहिए कि उसे डरने की ज़रूरत नहीं है, आप उसके साथ हैं और सब कुछ ठीक है. इसके लिए ज़रूरी नहीं है कि आप उन्हें अपने साथ सुलाएं. आप बस उनके पास रहें और उनके सोने का इंतज़ार करें.
- वैसे तो बुरे सपने बच्चे को कभी भी आ सकते हैं, लेकिन अगर सोने से पहले वो कोई डरावनी फ़िल्म या शो देखते हैं या डरावनी कहानी सुनते हैं, तो बुरे सपने आने की सम्भावना बढ़ जाती है. अगर वो नकारात्मक ख़बरें भी देख रहे हैं, तो ये उनके दिमाग पर असर डाल सकता है.
- बच्चों के लिए अच्छी नींद लेना बेहद ज़रूरी होता है. अगर वो पूरी नींद न लें, तब भी बुरे सपने आने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसा न हो, इसके लिए उनकी सोने की रूटीन तय करें. अगर फिर भी वो रात में चौंक के उठ रहे हैं या डर रहे हैं तो आपको उन्हें दोबारा सुलाने पर फ़ोकस करना होगा.
- बच्चे से उसी वक़्त ये न पूछें की उसने क्या देखा. बेहतर होगा कि दिन में आप उससे इस बारे में बात करें.
- आप उन्हें बहलाने के लिए कुछ ट्रिक्स भी अपना सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर वो भूत या किसी मॉन्स्टर से डरने के बारे में बताते हैं तो आप उनसे कह सकते हैं कि आपके पास “Monster Repellent” है. पानी भरी स्प्रे की बोतल को भी आप इस चीज़ का नाम दे सकते हैं. आप उसे ये कह कर बहला सकते हैं कि इसे छिड़कने से उसके पास कोई मॉन्स्टर नहीं आएगा.
- घर में कोई लाइट जली छोड़ दें, पूरी तरह अंधेरा न करें. आप उनके कमरे का दरवाज़ा भी खुला छोड़ सकते हैं.
- उन्हें बताएं कि बुरे सपने कभी भी सच नहीं होते, इसलिए उन्हें डरने की ज़रुरत नहीं है.
- आप उससे एक एक्सरसाइज़ करने को भी कह सकते हैं. उन्हें अपने डर या मॉन्स्टर की तस्वीर बना कर फाड़ देने को कहें.
- यदि किसी हादसे या बुरी घटना के बाद बच्चे को बार-बार उसका सपना आता हो, तो आप उससे उस बारे में बात करें. बात करने से बच्चों को बहुत मदद मिलती है.
- आपको कभी भी उनके डरों को नकारना नहीं चाहिए. आपको उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए.
इन टिप्स को आज़मा कर आप अपने बच्चे को उसके डरों पर काबू करना सिखाने में मदद कर सकते हैं.
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