स्कूली बच्चों को लू और गर्मी से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी, जान लीजिए 10 अहम बातें

पूरा देश तपती और भीषण गर्मी से परेशान है। सुबह के 6-7 बजते ही सूर्य की तेज किरणें समस्या देने लगती है। सबसे ज्यादा मुश्किलें तो स्कूल जाने वाले बच्चों के बढ़ गए हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे को लू के भीषण थपेड़ों से कैसे बचाया जाए ये पेरेंट्स के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। शिक्षा मंत्रालय ने इस विषय की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कुछ खास गाइडलाइंस जारी किए हैं। हम आपको इस ब्लॉग में बताने जा रहे हैं कि स्कूली बच्चों को गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए गाइडलाइंस की खास बातें क्या हैं?
लू के प्रकोप से स्कूली बच्चों को बचाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने जारी किए गाइडलाइंस
स्कूल के बच्चों के लिए शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए गाइडलाइंस के मुताबिक उनको ड्रेस के नियमों में छूट पर ज्यादा ध्यान दिया गया है।
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शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अब स्कूल के बच्चे ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनकर भी स्कूल आ सकते हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक गर्मी से बचाव के लिए स्कूल ड्रेस के नियमों में छूट देने का स्कूलों को निर्देश दिया गया है। स्कूली बच्चों को गर्मी के मौसम में नेक टाई लगाने की बाध्यता भी समाप्त कर दी गई है। बच्चों को आरामदायक ड्रेस में स्कूल आने देने को लेकर निर्देश जारी किया गया है।
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दिशानिर्देश के मुताबिक बच्चे अब चमड़े के जूते की बजाय स्पोर्ट्स शूज पहनकर भी स्कूल आ सकते हैं। गर्मी के दौरान बच्चों को पूरी बाजू की शर्ट पहनने की सलाह भी दी गई है।
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स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि स्कूल बस या वैन में क्षमता से ज्यादा यानि ठूंस-ठूंसकर बच्चों को नहीं भरा जाए। बस या वैन में बैठने की जितनी क्षमता है उतने ही बच्चों को बस में बैठाया जाए। इसके अलावा स्कूल बस में पीने का पानी और प्राथमिक चिकित्सा किट भी मुहैया कराया जाए।
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स्कूली बच्चों से पानी की बोतलें, टोपी और छाता लेकर आने का सुझाव दिया गया है। घर से स्कूल और स्कूल से घर जाने के दौरान बाहर निकलने पर टोपी औऱ छाता का प्रयोग अवश्य करें। इसके अलावा स्कूल से घर जाने के दौरान पानी की बोतलें भी भर लें।
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नियमित अंतराल पर बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी गई है।
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स्कूल कैंपस में शौचालय की साफ सफाई व स्वच्छता का खास ध्यान रखने का सुझाव दिया गया है।
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स्कूल में बच्चों को परोसे जा रहे भोजन की ताजगी और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है। स्कूल के कैंटीन को स्वस्थ भोजन परोसे जाने का सुझाव दिया गया है।
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पेरेंट्स को सुझाव है कि वे अपने बच्चे को लंच या टिफिन के समय में हल्का भोजन दें। बहुत ज्यादा मसालेदार या तैलीय भोजन से इन दिनों परहेज रखना ही बेहतर
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स्कूल प्रशासन को ये सुनिश्चित करना होगा कि क्लासरूम के सभी पंखे काम कर रहे हों और कक्षा हवादार हो ताकि बच्चों को घुटन महसूस ना हो।
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अगर संभव हो सके तो उन इलाकों में जहां पावर कट की समस्या होती है वहां पर वैकल्पिक पावर बैकअप का इंतजाम किया जाना चाहिए।
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सूर्य के प्रकाश की किरणें अगर सीधे क्लासरूमें आते हों तो उसको रोकने के लिए पर्दे, बांस या जूट की चिक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
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सभी विद्यालयों में हीट स्ट्रोक के इलाज के लिए ओआरएस या नमक-चीनी के घोल का पर्याप्त इंतजाम पहले से ही रहना चाहिए।
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हल्के लू लगने की स्थिति में बच्चों को प्राथमिक उपचार मुहैया कराने के लिए सभी स्कूल के कर्मचारियों को बाकायदा प्रशिक्षित किया जाए।
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लू लगने या हीटस्ट्रोक की स्थिति में बच्चों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाने के लिए तुरंत पहुंचाया जा सके ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।
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सभी स्कूलों में चिकित्सा किट मौजूद रहना चाहिए।
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स्कूलों में खेल या शारीरिक शिक्षा से संबंधित गतिविधियां शाम के समय में ही आयोजित की जाए।
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भीषण गर्मी से बचाव के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं ये स्कूलों में अच्छे से प्रदर्शित किया जाना चाहिए ताकि बच्चे भी जागरुक रह सकें।
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बच्चे अगर परीक्षा दे रहे हैं तो परीक्षा केंद्र में उनको पारदर्शी बोतल में पानी लाने की अनुमति दी जा सकती है।
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परीक्षा केंद्रो को निर्देश दिया गया है कि पर्याप्त मात्रा में पीने के पानी का इंतजाम करके रखें और अगर कोई भी छात्र पीने का पानी मांगे तो उनको तुरंत उपलब्ध करवाया जाए।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए गाइडलाइंस के मुताबिक स्कूलों के खुलने, बंद होने के समय को अनुकूल बनाने और स्पोर्ट्स से संबंधित गतिविधियों को धूप में संचालित नहीं करने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं।
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