गुरु नानक जी के जन्मदिवस पर मनाया जाता है गुरु पर्व

सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी के जन्मदिवस के दिन गुरु पर्व या प्रकाश पर्व मनाया जाता है। सिख धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह-सुबह प्रभात फेरी निकालते हैं वहीं गुरुद्वाराों में शबद-कीर्तन करते हैं। गुरुद्वारों में इस दिन लंगर भी खिलाया जाता है। हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु नानक देव प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी का जन्म राय भोई की तलवंडी नामके स्थान पर हुआ था। अब ये जगह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब में है।
गुरु नानक जी ने सिख समाज की नींव रखीं। गुरु नानकजी ने अपना पूरा जीवन इंसानियत की सेवा में लगा दिया। इन्होंने अपने देश के अलावा अफगानिस्तान, ईरान, और अरब देशों में भी जाकर उपदेश दिए। इनके अनुयायी इन्हें नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह के नाम से पुकारते हैं। 1539 ईसवी में करतारपुर जो कि अब पाकिस्तान में है वहीं के एक धर्मशाला मेंं इनकी मृत्यु हुई। अपनी मृत्यु होने से पहले ही इन्होंने अपने शिष्य भाई लहना को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था जो बाद में गुरु अंगद देव के नाम से जाने गए।
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