क्या हैं गर्भावस्था में पैर फूलने के लक्षण, जोखिम और उपाय ?

प्रेग्नेंसी के दौरान केवल आपका पेट ही नहीं बल्कि हाँथ और पैर भी फूलते हैं। गर्भावस्था के दौरान, आपके पूरे शरीर में हल्की सूजन हो सकती है, आपका पैर और टखना गुरुत्वाकर्षण के कारण ज्यादा फूल सकता है। आपको होने वाली सूजन की मात्रा घंटे (शाम को बढ़ना) और मौसम के अनुसार (गर्म तापमान में पैर का अधिक फूलना) हो सकती है।गर्भावस्था में पैर कब फूलता है? पैर फूलने के क्या कारण हो सकते हैं? पैरों के फूलने के क्या जोखिम हो सकते हैं ? ऐसे कुछ सवाल जो किसी भी गर्भवती महिला को अवश्य जान लेना चाहिए।
क्या हैं प्रेगनेंसी में पैर फूलने का कारण?/ When Do Feet Swelling During Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के दौरान महिलाओ के पैरों में सूजन आ जाती है, आइये जानते हैं प्रेगनेंसी में पैरों के फूल जाने के कारण। अगर आप गर्भवती हैं या बच्चा प्लान करने की सोंच रहे हैं तो आपको गर्भावस्था से सम्बंधित नीचे दिए गए सवालों के उत्तर जरूर जान लेना चाहिए...
प्रश्न: गर्भावस्था के समय में पैर कब फूलता है?
उत्तर - गर्भावस्था के दौरान, एडिमा गर्भवती महिलाओं के लगभग तीन चौथाई हिस्से को प्रभावित करती है। यह गर्भावस्था के 22 वें सप्ताह से 27 वें सप्ताह के बीच शुरू हो सकता है, और जब तक आप जन्म नहीं देते तब तक रहता है |
प्रश्न: प्रेग्नेंसी दौरान पैर फूलने के क्या कारण हो सकते हैं ?
उत्तर - गर्भावस्था के दौरान, एडिमा तब होता है जब शरीर के तरल पदार्थ आपके और आपके बच्चे दोनों के पोषण के लिए बढ़ जाते हैं और रक्त के प्रवाह में वृद्धि के परिणामस्वरूप आपके बढ़ते गर्भाशय के दबाव के कारण श्रोणि शिराओं पर दबाव पड़ता है | यदि आपके वजन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है तो आप अपने पैरों में अधिक सूजन हो सकता हैं।
प्रश्न: पैरों के फूलने से जुड़े जोखिम क्या हो सकते हैं ?
उत्तर - एडेमा के कारण पैरो और टखनो का हल्का फूलना हानिरहित और नार्मल है। यह प्रेगनेंसी में पैर ना फूलने के बराबर ही नार्मल है। अगर आपके पैर में सूजन लगातार बरक़रार है और यह एक दिन से अधिक रहता है तो यह प्रीक्लम्पसिआ के लक्षण हो सकते है लेकिन प्रीक्लम्पसिआ के सूजन के आलावा भी कई लक्षण होते है जैसे बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर ,अचानक वजन का बढ़ना ,पेशाब में प्रोटीन का आना । यदि आपका ब्लड प्रेशर और पेशाब नार्मल है तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
गर्भावस्था में पैरों के फूलने(पैरों में सूजन) की समस्या से निपटने के उपाय / Ways to Reduce Swollen Feet in Pregnancy in Hindi
जैसा कि आप जानती हैं कि गर्भावस्था के दौरान पैरों के फूलने या सूजन हो जाने पर अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है लेकिन अब हम आपको कुछ आसान उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके लिए काफी कारगर सिद्ध हो सकते हैं...
- पैर का मसाज करे /Feet Massage - सूजन वाली जगह पर मसाज massage करने से ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है, जो सूजन को कम करता है। इससे ऐंठन की समस्या भी कम होती हैं। पैरो के पंजे,उंगलियों और तलवे पर तेल से मालिश करें।
- चिलचिलाती धूप मे जाने से बचे /Avoid Going in Hot Days -- अधिक गर्मी और धूप में बाहर जाने से बचे ।
- सोडियम कम खाये /Reduce Sodium Intake -- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो नमक की मात्रा कम कर दें। खाने में सोडियम sodium की मात्रा कम करे साथ ही अपने खाने में ऊपर से नमक छिड़कने से बचे क्युंकी खाने में ऊपर से नमक छिड़कने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है।
- स्वस्थ प्रोटीन युक्त भोजन करें /Eat Healthy -- अपने खाने में कैल्शियम और प्रोटीन का सेवन करें। पानी अधिक पिएं साथ ही तरल पदार्थ भी लेते रहें जिससे आपके शरीर के विषैले पदार्थ बाहर हो जाये और पानी की कमी न हो पाए।
- आरामदायक जूते चप्पल पहने/Use Comfy Shoes -- सूजन के कारण आपके पैरो की उंगलियों मोटी हो जाती है जिससे आपको चलने में तकलीफ हो सकती है | इसलिए अपने पैरो का ख्याल रखते हुए comfortable और बैक-स्ट्रेप वाले सैंडल खरीदें। इससे आपके पैरों को पीछे से सपोर्ट मिलेगा। फ्लिप फ्लॉप और हाइ हील्स सैंडल न लें।
- लगातार लंबे समय तक खड़े न रहे/Avoid Long Standing Hour -- ज्यादा देर खड़े रहने से बचे ,इससे आपके पैरो पर बहुत देर तक प्रेशर नहीं बनेगा और सूजन काम होगा| पैरों में वाटर रिटेन्शन(water retention) से बचनें के लिए मोजे (socks) ज़रूर पहनें। ध्यान रहे कि ज्यादा टाइट मोजे ना पहनें। इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है।
- बंद गोभी के पत्तों का इस्तेमाल/Use of Cauliflower Leaf --माना जाता है कि गाढ़े हरे रंग के बंद गोभी के पत्तों को सूजन वाली जगह पर लपेटने से आराम मिलता है। पत्तों को धोएं नहीं, बल्कि सिर्फ गंदगी साफ करके इन्हें फ्रिज में ठंडा होने को रख दें। कुछ पत्तों को इस्तेमाल करने के बाद दूसरे ठंडे पत्ते लगाएं।
- पैर लटका कर न बैठें -- किसी कुर्सी या टेबल का सहारा लें। काम करने वाली महिलाएं आरामदायक कुर्सी पर ही बैठें। लंबे समय तक एक ही अवस्था बैठे या खडे़ ना रहें। नियमित रुप से व्यायाम करें।
तो उम्मीद करता हूं कि ये सारे उपाय आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होंगे और हां आप अपने अनुभवों के बारे में हमें जरूर बताएं।
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