गर्भावस्था में सफ़ेद पानी आने के कारण, होने वाले बदलाव, लक्षण और सावधानियाँ

प्रेग्नेंसी के दौरान आप अपने शरीर में अनेक प्रकार के बदलावों को महसूस करती होंगी और इसी तरह का एक बदलाव है गर्भावस्था में सफेद पानी का आना। प्रेग्नेंसी के दौरान सफेद पानी आने को मेडिकल साइंस की भाषा में ल्यूकोरिया कहा जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान सफेद पानी आना बेहद सामान्य बात है लेकिन इसको लेकर वैसी महिला जो पहली बार मां बनने जा रही हैं, जानकारी के अभाव में परेशान हो जाती हैं। आज हम इस ब्लॉग में प्रेगनेंसी के दौरान सफेद पानी आने के कारणों और इससे बचाव के टिप्स के बारे में आपको जानकारी देने जा रहे हैं।
गर्भावस्था में सफेद पानी आने के कारण / Reason for White Water During Pregnancy in Hindi
प्रेगनेंसी के दौरान सफेद पानी(Watery or Vaginal Discharge) का निकलना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। दरअसल इस पानी में मृत कोशिकाएं होती हैं और ये आपकी योनी को स्वच्छ बनाए रखने और बैक्टीरिया से मुक्त रखने में सहयोग करता है। गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी किसी को कम और किसी को ज्यादा आ सकता है। ये प्रेगनेंसी की प्रत्येक तिमाही में दिखाई देता है। जैसा की आप जानती हैं कि इसे लिकोरिया (Leukorrhea) या व्हाइट डिस्चार्ज (White Discharge) भी कहते हैं। आप इसको ऐसे समझिए कि ये एक गंधहीन पानी है जो प्रेग्नेंसी के दौरान जनन तंत्र को सही रखने में सहयोग करता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान सफेद पानी आने में किस तरह के बदलाव आते हैं? / What Do Different Colors of Discharge Mean in Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय ग्रीवा में बनने वाला ये सफेद पानी योनि से बाहर निकलते रहते हैं हालांकि समय के साथ इनमें थोड़ा बहुत बदलाव भी आ जाता है जैसे कि कभी गाढ़ा या कभी गुलाबी भी हो जाते हैं। अगर आप इस तरह के अनुभवों का सामना कर रही हैं तो आपको डरने या फिर तनाव में आने की आवश्यकता नहीं है। जरूर पढ़ें...
- शुरुआत के पहले से 13 सप्ताह के बीच में - इस दौरान निकलने वाला पानी पतला और रंगहीन होता है हालांकि बाद में ये कुछ गाढ़ा होने लगता है। अगर आपको इससे अलग लक्षण दिखाई दें या फिर आप खुद को असहस महसूस कर रही हों तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- 14वें से 26वें सप्ताह में - इस अवधि को दूसरी तिमाही के रूप में जाना जाता है। इस समय में पानी थोड़ा गाढ़ा, गंधहीन निकल रहा हो तो आपको घबड़ाने की जरूरत नहीं है। लेकिन इस पानी के साथ अगर खून निकले तो निश्चित रूप से आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- 27वें से 40वें सप्ताह तक - तीसरी तिमाही में पानी का रंग और गाढ़ा हो सकता है। प्रेग्नेंसी के आखिरी सप्ताह में पानी के साथ खून भी आ सकता है लेकिन ये एक सामान्य प्रक्रिया है। कभी-कभार पानी निकलने के साथ खून के थक्के भी आ सकते हैं। इसके बारे में आप अपने डॉक्टर से भी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
- प्रसव से पहले के संकेत - प्रेग्नेंसी के आखिरी पड़ाव में पानी आना ये संकेत भी देता है कि अब आपका शरीर शिशु को जन्म देने के लिए तैयार हो रहा है। डिलीवरी से कुछ दिन पहले अगर पेशाब जैसा पतला पदार्थ निकल रहा है तो परेशान ना होएं। फिर भी अगर आपके मन में किसी प्रकार की शंका उत्पन्न हो तो निश्चित रूप से आप अपने डॉक्टर से मिल कर जानकारी प्राप्त करें। अगर आपको लग रहा हो कि सफेद पानी ज्यादा निकल रहा है तो डॉक्टर से जरूर मिलें।
क्या करें अगर गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी आये? / Watery (Vaginal) Discharge While Pregnant in Hindi
सफेद पानी निकलने के दौरान आपको कुछ लक्षणों पर ध्यान देना आवश्यक होता है। अगर आपको कुछ भी असामान्य नजर आए तो तत्काल अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। जरूर पढ़ें...
- सफेद पानी का स्राव अगर जरूरत से ज्यादा हो रहा है तो डॉक्टर को जरूर बताएं
- योनि से सफेद पानी निकल रहा हो और इसके साथ ही पेशाब करने के समय में किसी प्रकार का दर्द या जलन जैसा कुछ भी महसूस हो तो डॉक्टर से मिलें।
- सफेद पानी से बदबू आ रही हो
- सफेद पानी का रंग अगर हरा हो जाए और उसमें से ज्यादा बदबू आ रही हो तब डॉक्टर से मिलें
- सफेद पानी निकलने समय में ज्यादा झाग बने
- पेशाब करने में तकलीफ हो या इसके साथ बुखार आ जाए तो
- एक और बेहद जरूरी बात कि अगर प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह से पहले यदि आपको पानी स्राव अत्यधिक मात्रा में दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रेग्नेंसी के दौरान किस तरह की सावधानियां बरतें / What Precautions If Facing Vaginal Discharge in Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के दौरान आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही बरतने से कई प्रकार के संक्रमण होने का खतरा बना होता है। इसलिए बेहतर ये होगा की आप सावधानियां बरतें और सुरक्षित रहें।
- संक्रमण से बचने के लिए आपको सार्वजनिक शौचालय का प्रयोग करने से परहेज रखना चाहिए
- अपने गुप्त अंगों की साफ-सफाई व स्वच्छता का ध्यान रखें। साफ-सफाई के लिए आप अपने डॉक्टर के द्वारा बताई गई दवाओं का ही प्रयोग करें। धोने के बाद साफ कपड़े से सुखाकर रखें।
- हमेशा साफ और कॉटन के अंडरगारमेंट्स का ही प्रयोग करें।
- गुप्त अंगों पर पाउडर स्प्रे, लोशन, आर्टिफिशियल क्रीम का प्रयोग इन दिनों में ना करें क्योंकि इसमें मौजूद केमिकल आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।
- वैसा कपड़ा पहनें जिसमें आप खुद को आरामदायक महसूस कर सकें। कॉटन के कपड़े आपके लिए ज्यादा बेहतर हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान अपने आहार का भरपूर ख्याल रखें। संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार आपके लिए और होने वाले शिशु के स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है।
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