माँ बनने के बाद कैसे रखें अपने खाने-पीने का ख्याल

जन्म देने का मतलब है, अपने ही जैसे एक जीव को इस दुनिया लाना, जिसके लिये भरपूर ऊर्जा और ताकत की जरूरत होती है.....और आपने अभी-अभी अपने जीवन के इस सबसे अनोखे अहसास का अनुभव किया है।
माँ बनते ही आपके लिये जिम्मेदारियों का एक न थमने वाला सिलसिला शुरू होता है और इसमें सबसे ऊपर है शिशु को स्तनपान कराना क्योंकि प्रसव के लगभग फौरन बाद ही यह शुरू हो जाता है, इसलिये अब आपको ऐसे खानपान की जरूरत होती है जो न केवल आपके शरीर को ताकत दे बल्कि शरीर में सेहतमंद दूध बनाने के लिये भी मदद करे।
यहाँ खानपान के ऐसे जांचे-परखे तरीके बताये गये हैं जो बेशक आपके माँ होने के अनुभव को बढ़ायेंगे-
क्या खायें जिससे शरीर में ज्यादा दूध बनेः बादाम, काजू, अखरोट, तिल और अलसी के बीज, खजूर, किषमिष, जीरा, मेथी के बीज, अजवाइन, सूखा अदरख, गोंद और गुड़।
इन चीजों से आप घर में ही रिवायती पंजीरी या लड्डू बना सकती हैं (यदि वजन बढ़ने को लेकर सचेत हैं तो घी के ज्यादा इस्तेमाल से बचें)। इसके साथ-साथ गुनगुना पानी, जीरे का पानी, सूप, मट्ठा, एगनाॅग और दूध जैसी चीजें भी ज्यादा से ज्यादा पीनी चाहिये क्योंकि यह तरल पदार्थ शरीर में ज्यादा दूध बनाने के लिये जरूरी होते हैं।
तनाव और मानसिक उतार-चढ़ाव के लियेः फल, सब्जियां, सूखे मेवे, साबूत अनाज, फली और बीज।
यह चीजें काॅर्टिसोल हारमोन पर काबू रखती हैं क्योंकि यह हारमोन मानसिक तनाव को बढ़ाता है। इसलिये एसा खानपान जो शरीर में काॅर्टिसोल हारमोन को काबू करे या घटाये, मानसिक तनाव को खत्म करने में मदद करता है।
दूसरी ओर, सेरोटाॅनिन दिमाग में बनने वाला एक रसायन है जो निराशा को खत्म करने और मन बदलने में मददगार होता है। ऐसा खाना जो मिश्रित कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होता है जैसे साबूत और चोकर वाले अनाज, फलियां, ज्यादा फाईबर वाली सब्जियां और फल- शरीर में सेरोटाॅनिन का स्तर बढ़ाते हैं, और इसका नतीजा होता है कि आप ज्यादा शांत और खुश रहती हैं। मछली का सेवन करना आपको खुशमिजाज रखने में बड़ा कारगर है क्योंकि मछली में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में सेरोटाॅनिन का स्तर बढ़ाता है। अखरोट, और अलसी के बीज में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है पर कैफीन वाली चीजों और रिफाइन्ड चीजों को खाने से परहेज करना चाहिये।
बेहतर पाचन के लियेः खाना बनाने में अजवाईन, जीरा, लहसुन, अदरख और हींग का इस्तेमाल खाना पचाने की ताकत को बढ़ाता है।
एक स्तनपान करने वाली माँ को आसानी से पचने वाला खाना खाना चाहिए जिससे शरीर को खाना पचाने के लिये ज्यादा मेहनत न करनी पड़े। दिनभर में तीन बार भरपेट खाने से अच्छा है कि थोड़ी-थोड़ी देर पर लगातार खाया जाए।
शारीरिक ताकत बढ़ाने के लियेः अण्डा, दूध से बनी चीजें, मुर्गा/मछली, दालें, फलियां, अनाज जैसे बाजरा, रागी, दलिया, भूरा चावल, गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां, गुड़, खजूर, काली किशमिश और तिल के बीज।
यह चीजें ‘पी.सी.आई’ यानि प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होती हैं (पी.सी.आई. शब्द इसलिये इस्तेमाल किया गया है जिससे इसे याद रखने में आपको आसानी हो)। यह तीनों पोषक तत्व आपके शिशु को हष्ट-पुष्ट और सेहतमंद रखने में मददगार होते हैं। खान-पान में इनमें से किसी की भी कमी होने पर यह न केवल शिशु बल्कि माँ बनने वाली महिला, दोनों की सेहत पर खराब असर करता है और प्रसूता में एनीमिया होने, हड्डियों की कमजोरी और शरीर की रोगप्रतिकारक ताकत के कम होने जैसे ख़तरे को बढ़ाता है।
गलतफ़हमियों से बचना
हे भगवान!! इसे कहाँ से शुरू किया जाए? गर्भवती होते ही ‘ये खाना है’, ये नहीं खाना है’ इसके अलावा और कोई बात सुनने को नहीं मिलती... है न? और जब आप स्तनपान कराने वाली माँ होती हैं तो लोगों के सलाह-मशविरे खत्म होने का नाम ही नहीं लेते। तो कौन सी बात मनगढ़ंत है और वास्तविकता क्या है? -यह जानना जरूरी हैः
गर्म तासीर वाली चीजें माँ का दूध बढ़ाने में मदद करती हैः
वास्तविकता- अखरोट, सूखे मेवे, तरह-तरह के बीज, गुड़, लहसुन और अदरख जैसी चीजों की तासीर गर्म होती है और आमतौर पर माना जाता है कि यह चीजें माँ के शरीर में दूध बढ़ाने में मददगार होती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनमें से ज्यादातर चीजों से शरीर के लिये जरूरी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कैल्शियम और जरूरत के हिसाब से वसा मिल जाती है।
तरल चीजों के सेवन की सीमा होनी चाहिएः
गलतफ़हमी- शरीर में बनने वाले दूध में तरल और पानीदार चीजों का एक अहम् किरदार होता है क्योंकि माँ के दूध में ज्यादा तादाद पानी की ही होती है और आप जितना ज्यादा तरल और पानीदार चीजों का सेवन करेंगी (खासकर शिशु को स्तनपान कराने से पहले), यह उसी तादाद में शरीर में दूध बढ़ायेगा तो सादा पानी पीने से अच्छा है कि कुछ पौष्टिक चीज पी जाए जैसे सूप, एगमाॅग, दूध, मट्ठा या जीरा पानी।
तीखे फ्लेवर वाली चीजें माँ के दूध के स्वाद पर असर करती हैंः
वास्तविकता- बेशक तीखे फ्लेवर वाला खान-पान और लहसुन जैसे मसाले माँ के दूध के स्वाद पर असर करते हैं पर यह भी कह सकते हैं कि यह चीजें शिशु को इसके बात के लिए तैयार कर देती हैं कि जब वे ठोस खाना शुरू करें तो वे इनके तीखेपन से तालमेल कर सके।
ठण्डी तासीर वाली चीजों जैसे खट्टे फल, दही और चावल खाने से परहेज करना चाहिएः
गलतफ़हमी- ऐसा परहेज किए जाने को साबित करने के लिये कोई वैज्ञानिक सबूत मौजूद नहीं है।
स्तनपान करा रही माताओं को शराब और कैफीन वाले पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिये क्योंकि ये चीजें माँ के दूध में मिल कर शरीर को नुकसान पहंुचा सकती हैं और केवल डाक्टर द्वारा बताई गई दवाईयां ही लेनी चाहिऐ।
तो जन्म देने के बाद क्या आप एक सेहतमंद माँ का खिताब जीतने के लिये तैयार हैं? खानपान को लेकर ऊपर दिये गये उपायों को अपनायें और बिल्कुल चिंता किये बिना अपने माँ होने का मजा लें।
हमें अच्छा लगेगा यदि आप अपने जांचे-परखे खानपान के तरीकों के बारे में हमें बताएंगी।
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