दफ्तर और घर की जिम्मेदारियों को आसान बना देंगे ये 6 टिप्स

Prasoon Pankaj के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Jan 03, 2021

आज हम आपको एक ऐसे मां की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने पारिवारिक जीवन की तमाम जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने के साथ-साथ अपने प्रोफेशनल लाइफ में भी उच्च स्थान हासिल किया है। कुछ ऐसे सवाल हैं जिनसे आप अक्सर जूझती होंगी जैसे कि घर और ऑफिस के बीच में कैसे संतुलन बना कर रखा जाए? एक महिला के जीवन में उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता उसका परिवार है या पेशेवर कमिटमेंट? तो इस तरह के जटिल सवालों का जवाब आपको इस ब्लॉग में आसानी से मिल जाएगा।
आपने अंशुला कांत का नाम तो जरूर सुना होगा? जी हां, वहीं अंशुला कांत जो पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर हुआ करती थीं और अब वे वर्ल्ड बैंक की एमडी और चीफ फाइनांशियल ऑफिसर बनाई गई हैं। मूल रूप से उत्तराखंड के रूड़की की रहने वाली अंशुला ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से से ग्रेजुएशन और फिर दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मास्टर्स की डिग्री हासिल की। साल 1983 में बतौर प्रोबेशनरी ऑफिसर इन्होंने SBI ज्वाइन किया और इसके बाद फिर ये इसी बैंक में MD के पद तक पहुंचीं। इनके साथ काम करने वाले इनके सहयोगी इन्हें काफी मेहनती और अपने काम के प्रति संकल्पित मानते हैं।
अंशुला के पति संजय कांत वाराणसी में चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। अशुला कांत का बेटा सिद्धार्थ न्यूयॉर्क में सेटल्ड है जबकि बेटी नुपूर सिंगापुर में है। अंशुला बताती हैं कि जॉब और परिवार के बीच टाइम मैनेज करना उनके लिए भी चुनौती थी खास तौर पर जब उनके बच्चे छोटे थे। इस काम में उनके परिवार ने भी पूरा सहयोग किया।
कामकाजी महिलाओं की समस्याएं और उनके समाधान / How can working women succeed in work and life In Hindi?
आज के दौर में महिलाएं नित्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। खेल, राजनीति, प्रशासनिक सेवाएं, पुलिस, सेना, कॉरपोरेट, मेडिकल, इंजीनियरिंग, मीडिया, एंटरटेनमेंट या अन्य किसी भी क्षेत्र में महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं हैं। लेकिन इसके साथ ही ये भी उतना ही बड़ा सच है कि उन्हें कामकाज का तनाव भी झेलना पड़ता है और दूसरी तरफ परिवार के सदस्यों की तमाम जरूरतों का भी ध्यान रखना होता है। अगर आप वर्किंग हैं तो कुछ बातों का जरूर ख्याल रखें।
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सेहत का ध्यान रखना जरूरी- एसोचैम के सर्वे के मुताबिक 78 फीसदी कामकाजी महिलाएं लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारियों से ग्रसित हैं। इस सर्वे के मुताबिक 42 फीसदी महिलाएं पीठ दर्द, मोटापा, डिप्रेशन, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप की समस्या से परेशान हैं। इस सर्वे में ये भी बताया गया है कि 60 फीसदी महिलाओं को 35 साल की उम्र तक जाते जाते दिल की बीमारी होने का भी खतरा है। इसके बारे में डॉ रमा का कहना है कि अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के चक्कर में महिलाएं अपने सेहत को लेकर लापरवाही बरत रही हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की 83 फीसदी महिलाएं किसी प्रकार का एक्सरसाइज नहीं करती हैं और 57 फीसदी महिलाएं अपने खाने में फलों और सब्जियों का बहुत कम प्रयोग करती हैं। तो हमारी सलाह है कि आप अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें उतना ही ध्यान जितना आप अपने बच्चे के खाने को लेकर सजग रहती हैं। अपने दिनचर्या में व्यायाम को जरूर शामिल करें और साल में एक बार हेल्थ चेकअप जरूर करवा लें।
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टाइम मैनेजमेंट- आप टाइम मैनेजमेंट करना सीखें इसके बाद आप हर काम में सफल हो सकती हैं। समय प्रबंधन, मेहनत, और लगन से हर मुश्किल काम को पूरा करने में आप सक्षम हो सकती हैं। जरूरी ये नहीं कि हर छोटे-बड़े काम आप खुद ही कर लें और इसको लेकर टेंशन में रहें। घर के काम में पति व बच्चों की मदद जरूर लें। इसके अलावा आप सहयोग के लिए घर में मेड भी लगा सकती हैं।
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प्राथमिकता तय करें- हर काम एक ही समय में और एक ही साथ नहीं किया जा सकता है तो बेहतर होगा कि आप अपने कामों कि लिस्ट बना लें और फिर उनकी प्राथमिकता तय करते हुए कार्य करें।
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तनावमुक्त रहने का प्रयास करें- ऑफिस के काम को वहीं निपटा लें और जब आप अपने घर वापस लौटें तब अपना वक्त परिवार के साथ बिताएं। अगर इसको मैनेज करने में आप सफल हो गईं तो यकीन मानिए आप तनावमुक्त रहेंगी और अपने काम को भी एन्जॉय करेंगी।
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मुस्कुराना बहुत जरूरी है- सुबह उठने और अपनी दिनचर्या की शुरुआत करने के बाद कुछ पल अपने परिवार के सदस्यों के साथ हंस कर जरूर बातचीत करें। आप जब ऑफिस पहुंचे तो वहां भी अपने सहयोगियों का हाल-चाल पूछें और उनसे मुस्कुराकर बातचीत करें। अगर आपने मुस्कुराने की आदत लगा ली तो फिर आधे से ज्यादा तनाव तो यूं ही गायब हो जाएगा।
- कामकाज के बीच में मनोरंजन- जब आप ऑफिस में हों तो थोड़ा वक्त चाय या कॉफी के लिए जरूर निकालें। लंच टाइम में अपने सहयोगियों के साथ लंच करें। दिन भर में कम से कम एक बार अपने बच्चे या पति को कॉल जरूर कर लें। अपने ऑफिस के सहकर्मियों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें और हां रात को फैमिली के संग डिनर करें और मनोरंजक बातचीत करें। डिनर टाइम में मोबाइल से दूरी बना कर रखना बिल्कुल ना भूलें।
बस यही कुछ बातें हैं जिनका आपको ध्यान रखना है फिर आप आसानी से ऑफिस के कामकाज और घरेलू मोर्चे पर सामंजस्य स्थापित कर सकती हैं। इसके अलावा भी अगर आपके पास कुछ अनुभव हो या आप अपने टिप्स अन्य वर्किंग मां के साथ साझा करना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर कमेंट करके बताएं।
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इस ब्लॉग को पेरेंट्यून विशेषज्ञ पैनल के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा जांचा और सत्यापित किया गया है। हमारे पैनल में निओनेटोलाजिस्ट, गायनोकोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, चाइल्ड काउंसलर, एजुकेशन एंड लर्निंग एक्सपर्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, लर्निंग डिसेबिलिटी एक्सपर्ट और डेवलपमेंटल पीड शामिल हैं।

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