आपके बच्चे में हो सकता है निओफोबिया (नए व्यंजनों का डर) इसे पढ़े

Parentune Support के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Nov 18, 2020

अकसर बच्चा खाना खाने में आना कानी करता है और माँ बाप परेशान होने लगते हैं| आप जानते हैं बच्चे थोड़े मूडी होते हैं और अपने हिसाब से ही खाते पीते हैं| एक बच्चे की खाने की आदतें माता पिता के लिए चिंता का एक विषय हो सकती हैं।लेकिन यदि आपका बच्चा कोई भी नहीं चीज खाने से डरता है ,तो हो सकता है की इसके पीछे कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या छुपी हो या फिर बच्चे को निओफोबिया(नई चीज खाने का डर) हो| क्यकी यह उनमे बुरी आदतों को बढ़ावा दे सकता है इसलिए सही समस्या को पहचानना बहुत जरुरी है वरना बच्चों में खाने की समस्या का सही निदान मुश्किल हो सकता है।
कुछ आदते जो आपके बच्चे को निओफोबिया की समस्या का शिकार बना सकता है |
खाने को लेकर सलेक्टिव होना -- यह समस्या बच्चों में आम तौर पर पाई गई है। कुछ बच्चे सीमित खाना ही खाते है और बाकि चीजो को रिजेक्ट कर देते हैं। जैसे की हरी सब्जियों को बिलकुल ही न खाना ,दूध या दही की महक से ही भागना आदि | कभी -कभी जब आपके बचच्चे एक जैसा खाना रोजना खाकर थक जाते है तब भी कर सकते है |
सीमित भोजन खाना-- कई बच्चे जिन्हें जितना भोजन खाना चाहिए, उससे कम खाते हैं|सही पोषण न मिलाने के कारण वो कमजोर होने लगते है। इन बच्चों को शायद कम खाने की आदत रही हो या उनके परिवार में कम खाने की इतिहास हो सकती है ।
फूड फोबिया -- कुछ बच्चे खाने और पीने को लेकर बहुत ही प्रतिबंधीत हो सकते हैं। यह माता पिता के लिए मुख्य चिंता का विषय हो सकता है। वे अक्सर कुछ खानों से बचते हैं क्योंकि वे बिमार होने , नए खाने और उलटी करने से डरते हैं। हालांकि फूड फोबिया वाले बच्चे स्वस्थ होते है और विकास सही ढंग से करते है अगर जो वो खाते -पीते हैं उसी से ज्यादा कैलोरी और पोषक मिलता हो तो ।
दूसरो के सामने ना खाना -- कुछ बच्चे बिना कोई शिकायत और समस्या के जो उन्हें पसंद होता है वह खाना खा लेते हैं और कुछ खानों के लिए मना कर देते हैं |वे कुछ वातावरण में खाना नहीं खाते है ,जैसे किन्ही विशेष लोगों या मेहमान या फिर घर पर ।इस स्थिति में आपका बच्चा शर्मीला हो सकता है |
कैसे निपटे इस स्थिति से -- अपने बच्चे के इस फोबिया से बचाने के लिए आपको कई सारे तरीके अपनाने पड़ेंगे जिससे वो सब कुछ खाए और स्वस्थ्य रहे |अगर आपका बच्चा खाने में फल और दाल आराम से ले लेता है तो आप फोबिया वाले चीजो को नार्मल फल या स्वाद वाले खानों में मिला कर दे सकते है | एक बार उन्हें उन्हें उसका स्वाद पसंद आ गया तो बाद में कोई परेशानी नहीं होगी|जब उनके मुह का जायका बन जायेगा तो उन्हें उस चीज को खाने में दिक्कत नहीं होगी |दूसरा तरीका ये है की उन्हें बार बार खाने को ना बोले और उनकी फोबिया वाले भोजन उनके सामने बड़े ही स्वाद से खाए , इससे उन्हें भी उसे एक बार खाने का मन जरुर करेगा |तीसरा तरीका है की अगर आपका बच्चा टीवी देखने या खेलने में व्यस्त है तो आप वो चीज उसके आस -पास रख दे ,वे अचानक से वो चीज खा सकते है और अगर उन्हें अच्छा लगा तो आपको पता भी नहीं चलेगा की कब वो चीज आपके बच्चे का पसंदीदा खाना बन जायेगा |
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इस ब्लॉग को पेरेंट्यून विशेषज्ञ पैनल के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा जांचा और सत्यापित किया गया है। हमारे पैनल में निओनेटोलाजिस्ट, गायनोकोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, चाइल्ड काउंसलर, एजुकेशन एंड लर्निंग एक्सपर्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, लर्निंग डिसेबिलिटी एक्सपर्ट और डेवलपमेंटल पीड शामिल हैं।
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