बच्चे क्यों करते हैं बिस्तर गीला? जानें बेड-वेटिंग से जुड़ी अहम बातें

Created by Parentune Support Updated on Nov 25, 2017

बच्चों का बिस्तर गीला करना आम तौर पर कोई गंभीर समस्या नहीं है. ज़्यादातर मामलों में बच्चों के बड़े होने के साथ ही ये समस्या भी खुद ठीक हो जाती है. लगभग 20% बच्चे स्कूल जाने की उम्र तक इस समस्या से जूझते हैं.
कई बार बच्चों को स्कूल जाना शुरू करने पर ये समस्या होने लगती है. इस समस्या को लेकर माता-पिता को ज़्यादा परेशान नहीं होना चाहिए. ये बिलकुल सामान्य है.
जेनेटिक भी होती है बेडवेटिंग की समस्या
- इसका कारण परिवार में इस समस्या का चलते आना भी हो सकता है और बच्चों के ब्लैडर का साइज़ छोटा होना भी हो सकता है. दूसरी सवास्थ्य संबंधित परेशानियों के कारण भी ये समस्या हो सकती है.
बच्चों का नहीं होता इस पर वश
- कई माता-पिता इसे बच्चे का ज़िद्दीपन या आलस समझ बैठते हैं, जबकि ऐसा असल में नहीं होता. इसका एक ही समाधान है कि आप धैर्य रखें.
- बहुत छोटी उम्र से बच्चों से ये उम्मीद करना बेकार होता है कि वो कभी बिस्तर गीला नहीं करेंगे. कई माता-पिता सोने से पहले बच्चों को तरल पदार्थ देना बंद कर देते हैं, तो कई माता-पिता उन्हें हर 3 घंटे में टॉयलेट जाने के लिए जगाते रहते हैं. आपके प्रयास सफल न होने पर आपको फ्रस्ट्रेशन ही होगा.
- कई बच्चों को 10 साल की उम्र तक भी इस समस्या से जूझना पड़ता है. दुनिया में 2% लोग वयस्क होने के बाद भी इस समस्या से जूझते रहते हैं. ये समस्या डायबिटीज़ और UTI के कारण भी हो सकती है.
अचानक भी शुरू हो सकती है ये समस्या
- जब बच्चे स्कूल जाना शुरू करते हैं, तब उनका शरीर इस रूटीन का आदि नहीं होता. वो थकन की वजह से गहरी नींद में सोने लगते हैं, जिसके कारण अचानक बिस्तर गीला करने की समस्या लौट आती है. आपको उनके शरीर के इस दिनचर्या में ढल जाने का इंतज़ार करना चाहिए.
- इसका ध्यान रखें कि बच्चा स्कूल में भी समय-समय पर टॉयलेट जाये. अगर उनका पेट ठीक से साफ़ नहीं होगा, तो उन्हें पेशाब रोकने में दिक्कत हो सकती है. उन्हें स्ट्रेस से दूर रखें. कई बच्चे स्ट्रेस में आने पर बिस्तर गीला करने लगते हैं.

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