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गर्भावस्था में तुलसी का सेवन करने से इन 5 बीमारियों से होगा बचाव

तुलसी का हिंदू धर्म में खास महत्व है। घर-घर में इसकी पूजा की जाती है। वहीं धर्म व पूजा से अलग तुलसी में कई औषधीय गुण भी हैं, जो इसके महत्व को और बढ़ा देते हैं। कई प्रकार के विटामिन, खनिज और पोषक तत्वों से भरपूर तुलसी न सिर्फ कई बीमारियों को दूर भगाने में कारगर है, बल्कि यह शरीर को फिट रखने में भी मदद करती है। प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी यह बहुत उपयोगी है। आज इस ब्लॉग में हम बात करेंगे कि गर्भावस्था में तुलसी का सेवन करने के क्या फायदे हैं और यह कौन सी बीमारियों से हमें बचाता है। [इसे भी पढ़ें - गर्भावस्था में लौकी का जूस पीने के फायदे और नुकसान]
तुलसी का सेवन इन बीमारियों से करता है बचाव / Tulsi protects from these diseases in Hindi
- एनीमिया को भगाए दूर – महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान एनीमिया का खतरा अधिक हो जाता है। दरअसल जिन महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान खून की कमी हो जाती है, उन्हें कई दूसरी समस्याएं होने का खतरा भी बढ़ जाता है। रिसर्च के अनुसार, तुलसी आयरन का बेहतरीन स्रोत है। ऐसे में गर्भावस्था में इसका नियमित सेवन करने से आयरन की बदौलत शरीर में हीमोग्लोबिन की संख्या बढ़ती है और इससे शरीर में आपकी लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में भी इजाफा होता है। बढ़ती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान रोजाना तुलसी के पत्तों का सेवन एनीमिया से बचाता है।
- संक्रामक रोगों से बचाए - एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर तुलसी में हीलिंग का गुण भी पाया जाता है। इसके अलावा इसकी पत्तियां एंटी वायरल और एंटी फंगल गुणों से भी भरपूर होती है। ऐसे में गर्भावस्था में तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन करने से अलग-अलग तरह के संक्रामक रोग होने का खतरा नहीं रहता।
- स्वस्थ रक्त की आपूर्ति – प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में स्वस्थ रक्त की काफी जरूरत होती है। अक्सर देखा जाता है कि इस दौरान महिलाओं में साफ खून कम होने लगता है, लेकिन तुलसी के नियमित सेवन से यह समस्या दूर होती है। तुलसी के पत्तों को खाने से शरीर में साफ खून की कमी पूरी होती है और स्वस्थ बच्चा जन्म लेता है।
- ब्लड क्लॉटिंग करे नियंत्रित – तुलसी गर्भावस्था में ब्लड क्लॉटिंग को नियंत्रित करने में भी मदद करती है। इसकी पत्तियों में काफी मात्रा में विटामिन-के होता है, जो शरीर के स्वस्थ रखने के साथ ही खून की कमी को भी दूर करता है। ऐसे में महिलाओं को रोजाना 2-3 तुलसी के पत्ते का सेवन करना चाहिए।
- भ्रूण के विकास में करता है मदद - तुलसी में मौजूद विटामिन ए भ्रूण के विकास में काफी मदद करता है। यह बच्चे के शारीरिक विकास व तंत्रिका तंत्र के समुचित विकास में भी सहायता प्रदान करता है। तुलसी में मैंगनीज भी प्रचूर मात्रा होती है। यह पेट में पल रहे बच्चे की हड्डियों और कार्टिलोज को बनाने में मदद करती है। इसके अलावा मैंगनीज एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है और गर्भवती महिलाओं में सेलुलर डैमेज के जोखिम को रोकता है। इसके अलावा तुलसी के नियमित सेवन से गर्भावस्था के दौरान होने वाली थकान व तनाव की दिक्कत भी दूर हो जाती है।
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