क्या हैं बच्चों के पालन-पोषण में की जानें वाली 5 गलतियां और कैसे बचें इनसे ?

Rashmi Balagopal के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Jan 12, 2021

मेरे बच्चे को कामयाबी मिले, वो एक अच्छा और नेक इंसान बने। आप भी अपने बच्चे के बारे में ऐसा ही सोचते होंगे और अपनी इस सोच को साकार करने के लिए आप बच्चे के पालन-पोषण पर भी खूब ध्यान देते होंगे। लेकिन आज हम आपका ध्यान उस तरफ दिलाना चाहते हैं जहां कई पैरेट्स अनजाने में गल्ती कर जाते हैं। बच्चे को लाड़-प्यार देना ही चाहिए और अपने माता-पिता से लाड़-प्यार पाना प्रत्येक बच्चे का जन्मसिद्ध अधिकार भी तो होता है।
लेकिन क्या आपको मालूम है कि जरूरत से ज्यादा लाड़-प्यार दिखाने के भी कुछ साइड इफेक्ट्स हैं। आज हम आपको यहां बताएंगे कि बच्चों के लालन-पोषण में किन पांच गलतियों से बचना चाहिए।
इन 5 गलतियों से माता-पिता को बचना चाहिए/ Parents Should Avoid These 5 Mistakes in Hindi
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बच्चे की हर मांग पूरी ना करें - अक्सर देखने में आता है कि पैरेंट्स बच्चे को खुश करने के लिए उसकी हर मांग पूरी कर देते हैं। पर यह गलत है। इससे बच्चे में हमेशा हां सुनने की आदत विकसित हो जाती है। वह जिद्दी हो जाता है। उसकी मांग भी बढ़ती जाती है, क्योंकि उसे पता होता है कि उसके मां-बाप हर मांग पूरी कर देंगे। कई बार बच्चे पैरेंट्स को इमोशनली ब्लैकमेल करने के लिए दूसरे लोगों या घर में आए मेहमानों के आगे रोने व जिद करने लगते हैं। दरअसल उन्हें ये लगता है कि पैरेंट्स अपनी इज्जत बचाने के चक्कर में जिद पूरी कर देंगे। पैरेंट्स ऐसा करते भी हैं, अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो इसे फौरन बंद करें। बच्चे के आगे समर्पण न करें। उसे न कहना सीखें।
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बच्चे के सामने गुस्सा करने से बचें – बच्चे को क्रोध, झुंझलाहट व चिड़िचिड़ाहट में अनुशासन न सिखाएं। अगर आप इस तरह उन्हें अच्छी बात भी बताएंगे, तो उनका उत्साह खत्म हो जाएगा और वह उन बातों पर अमल नहीं करेगा। यही नहीं अगर आप अक्सर गुस्सा करते हैं, या छोटी छोटी बातों पर चिड़चिड़े हो जाते हैं, तो इस आदत को भी बदल डालें। ऐसी चीजें बच्चे के सामने न करें। नहीं तो बच्चा भी गुस्सा करना व चिड़चिड़ापन सीख लेगा।
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गलत काम को न करें नजरअंदाज - अगर बच्चा कोई गलत काम कर रहा है, तो ये सोचकर न टालें कि ऐसा पहली बार कर रहा है। उसे फौरन टोकें और उस गलत काम के नुकसान बताएं। अगर आप उसे नहीं टोकेंगे तो वह आगे भी इसे दोहराता रहेगा। धीरे-धीरे ये उसकी आदत बन जाएगी। बच्चे के सामने कभी भी गाली-गलौज न करें।
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एकमत रहें - बच्चे को अगर अनुशासित करना है, तो इसके लिए पूरे परिवार का भी एकमत होना जरूरी है। अगर पिता बच्चे को किसी गलती के लिए डांट रहा है, तो मां या घर के दूसरे सदस्य को बच्चे का बचाव नहीं करना चाहिए। अगर कोई बचाव पर उतरेगा, तो बच्चा आगे भी वही गलती करेगा क्योंकि उसे पता होगा कि मुझे बचाने कोई न कोई जरूर आएगा।
- मन पर बोझ न डालें – अक्सर पैरेंट्स बच्चों पर अपनी अपेक्षाएं लाद देते हैं। यह गलत है। आपको बच्चों पर अपनी कोई भी अपेक्षा या इच्छा लादने से पहले यह सोचना चाहिए कि उसकी रुचि किसमें है। यदि आप उन्हें अपने मन का करने देंगे, तो वह सहजता से उसे करेंगे।
तो इन बातों को आप जरूर ख्याल रखें। शुरू-शुरू में आपको और खास कर के बच्चे को थोड़ी बहुत परेशानी का सामना जरूर करना पड़ सकता है लेकिन आप इस बात को गांठ बांधकर रख लीजिए कि बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए माता-पिता को अपने बच्चे को कई बार कड़वी दवा भी पिलानी पड़ जाती है।
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इस ब्लॉग को पेरेंट्यून विशेषज्ञ पैनल के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा जांचा और सत्यापित किया गया है। हमारे पैनल में निओनेटोलाजिस्ट, गायनोकोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, चाइल्ड काउंसलर, एजुकेशन एंड लर्निंग एक्सपर्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, लर्निंग डिसेबिलिटी एक्सपर्ट और डेवलपमेंटल पीड शामिल हैं।



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