क्या आपके बच्चे भी देर रात तक जगते हैं ?

आज कल टीनएजर्स का देर रात तक मोबाइल चलाना ,लैपटॉप पर लगे रहना, घंटों टीवी पर प्रोग्राम देखना या फिर दोस्तों के साथ मोबाइल पर बातें करना इन सब के कारण किशोरों को देर से सोने और कम नींद लेने की आदत पड़ जाती है। और इस आदत का खामियाजा किशोरों के लिए काफी बड़ा होता है।नींद की कमी टीनएजर्स को बीमार कर सकती है। कम सोना सेहत के लिए नुकसानदेह होता है ,इसकी वजह से दिल की बीमारी और डायबिटीज आदि हो सकते हैं। देर रात तक जगना आज कल के बच्चो के लिए आम बात हो गयी है। पर इसके बहुत सारे नकारात्मक प्रभाव होते है जो आपके बच्चो को बीमार बना सकते है। ऐसे बच्च को धुम्रपान ,शराब और अवैध नशे की लत लग जाती है।
- पूरी नींद ना हो पाने की वजह से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, जुकाम और फ्लू जैसी दिक्कतें किशोरों के बीच बेहद आम है। लंबे समय तक कम सोने से किशोरों में ना सिर्फ नींद से जुड़ी समस्याएं होती हैं बल्कि कम सोने वाले किशोर अधिकतर मोटापे के शिकार होते हैं।
- इन लोगों में धूम्रपान और नशे की आदत ज्यादा होती है जिसके कारण यह सामाजिक लोगो से अलग अलग रहना पसंद करते है। इन्हें डिप्रेशन आदि होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
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इसके साथ ही देर रात तक जागने वाले समूह के लोग डायबिटीज, पेट और सांस की तकलीफ, मनोवैज्ञानिक विकार, कम नींद की समस्या से ग्रस्त होते हैं. साथ ही ये लोग शराब, कॉफी का सेवन भी अधिक करते हैं।
- इन लोगों में मौत का जोखिम इसलिए भी अधिक होता है क्योंकि देर से सोकर उठने की वजह से इनकी बॉयलाजिकल क्लॉक अपने आसपास के वातावरण से मेल नहीं खाती। रिसर्चरों की टीम का दावा है कि गलत समय पर खाना, शारीरिक गतिविधियां कम करना, अच्छे से नहीं सोना, पर्याप्त व्यायाम नहीं करना आदि के चलते लोगों को मानसिक तनाव हो सकता है|
कैसे छुटकारा दिलाये इस आदत से / How to get rid of this habit in hindi
बच्चो के मोबाइल ,लैपटॉप ,टीवी आदि का टाइम सेट करे। उन्हें निर्धारित समय से ज्यादा इन उपकरणों का उपयोग ना करने दें। रात को बिस्तर पर जाते ही उनके सभी उपकरण उनसे ले लें। सोने से पहले उन्हें पढने की आदत डाले इससे उन्हें अच्छी नींद आयेगी।
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