गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) में बार-बार पेशाब आना

गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) में बार-बार पेशाब आने की समस्या आम है। इस समस्या से हर दूसरी महिला गुजरती है। आमतौर पर यह समस्या गर्भधारण के एक हफ्ते बाद से शुरू हो जाती है। इसे यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन(Urinary tract infection) के नाम से भी जाना जाता है। यूरिनरी सिस्टम (मूत्र प्रणाली) में बैक्टीरिया बन जाने की स्थिति में अगर कुछ सावधानी न बरती जाए तो कुछ दिक्कत भी हो सकती है। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे आखिर गर्भावस्था में बार-बार पेशाब आने के क्या कारण हैं और इसका इलाज क्या है।
गर्भावस्था में बार-बार पेशाब आने के क्या हैं कारण / Urinary tract infection: Causes, symptoms In Hindi
यूं तो यह समस्या प्रेग्नेंसी के दौरान आम है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह मूत्र प्रणाली में वैक्टीरिया का पनपना होता है। दरअसल गर्भधारण के दौरान डिम्ब और शुक्राणु मिलते हैं और इससे अंडा निषेचित होता है। ऐसे में अंडा खुद को गर्भाशय की दीवार पर प्रत्यारोपित करता है। इससे ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन नामक प्रेग्नेंसी हार्मोन स्त्रावित होता है। यह हार्मोन शरीर व श्रोणि एरिया में ब्लड के प्रवाह को बढ़ाता है। इससे मूत्राशय ज्यादा सक्रिय हो जाता है और बार-बार पेशाब व प्यास की समस्या होती है। इसके अलावा जैसे-जैसे गर्भावस्था बढ़ती है गर्भाशय में उभार आने लगता है और यह मूत्राशय पर दबाव डालता है। इस कारण भी बार-बार पेशाब लगता है। यह समस्या पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान रह सकती है।
इसके लक्षण व समस्याएं
यूं तो अगर गर्भवती कुछ बातों का ध्यान रखे तो इससे नुकसान नहीं होता। पर ध्यान रखने के लिए इसके लक्षणों को समझना जरूरी है। आइए जानते हैं क्या हैं इसके लक्षण।
- यूरिन निकालते समय गुप्त अंग में जलन और दर्द महसूस होना।
- कमर के निचले हिस्से व पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।
- हल्का-हल्का बुखार आना।
- पेशाब से अजीब सी दुर्गंध आना।
- यूरिन इन्फेक्शन की वजह से मितली या उल्टियां भी हो सकती हैं।
यूरिन इन्फेक्शन होने पर बरतें ये सावधानियां / Urinary Tract Infections Prevention In Hindi
इस समस्या से आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। कुछ सावधानियां बरत के आप इसे आराम से झेल सकती हैं। हम बता रहे हैं ऐसी ही कुछ सावधानियां।
- पेशाब को न रोकें – अक्सर देखने में आता है कि बार-बार पेशाब आने पर कुछ महिलाएं इसे रोकती हैं और काफी देर बाद उसे निकालती हैं। ऐसा करना गलत है। जितनी बार पेशाब आए उसे फौरन पास करें। दरअसल पेशाब रोकने की स्थिति में आपका ब्लैडर पूरी तरह खाली नहीं हो पाता है और इससे मूत्र मार्ग में संक्रमण होने का खतरा रहता है।
- मसालेदार चीज न खाएं – इस समस्या से लड़ने के लिए जरूरी है कि आप मसालेदार चीजों से परहेज करें। मसालेदार व तली हुई चीजें बिल्कुल न खाएं। इनका सेवन करने से दिक्कत और बढ़ सकती है।
- चाय, कॉफी से दूर रहें – अगर बार-बार पेशाब की समस्या है तो चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक व कोल्ड ड्रिंक का सेवन कम करें। दरअसल ये हल्के मूत्रवर्धक (डायरेटिक) होते हैं और बार-बार पेशाब बनाते हैं।
- सफाई रखें – गर्भावस्था के दौरान अपने अंडरगारमेंट्स को साफ रखना बहुत जरूरी है। प्रेग्नेंसी के दौरान आम दिनों की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में प्राइवेट पार्ट्स के पास गंदगी होने से यूरिन इन्फेक्शन का खतरा रहता है।
- कीगल – कीगल एक्सरसाइज भी इस समस्या को रोकने में काफी कारगर है। इससे पेल्विक एरिया की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और बार-बार पेशाब आना कंट्रोल होता है।
- रात को सोने से पहले बहुत ज्यादा पानी व तरल पदार्थ लेने से बचें- इससे आपको रात में बार-बार पेशाब नहीं लगेगा। पर इसका मतलब यह नहीं कि हाइड्रेट रहने के लिए आप बाकी समय में उपयुक्त पानी व तरल पदार्थ लें। आपको इस अवस्था में हाइड्रेट रखना जरूरी है। आप दिन में 10-12 गिलास पानी जरूर पीएं।
- खुद दवाई न लें – सबसे अहम सावधानी ये बरतें कि इस अवस्था में खुद से कोई भी दवाई न लें। इस दिक्कत पर एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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