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जब बच्चा जिद करे तब हम क्या करें ? आजमाएं ये उपाय

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जब बच्चा जिद करे तब हम क्या करें ? आजमाएं ये उपाय

Published: 09/11/25

Updated: 09/11/25

आजकल के बच्चे बड़े जिद्दी हो गए है, कहना ही नहीं मानते माँ बाप की सबसे बड़ी शिकायत यही रहती हैं। हमें भी समझ में नहीं आता कि प्रेम से समझाये, डांटे ,मारे या जिद करने दे या उनकी बात मान ले। हम अपने स्वभाव या किसी की सलाह पर कोई एक विकल्प चुन लेते हैं ,पर अधिकत्तर बिना सोचे समझे निर्णय लेने पर न हम खुश रह पाते है ना हमारे बच्चे।

तो क्या किया जाये इन जिद्दी बच्चो के साथ सीधी ऊँगली से घी निकाला जाए, ऊँगली टेढ़ी की जाये, चम्म्च उपयोग किया जाये या घी का डिब्बा थोड़ा गर्म किया जाये।

बच्चों की जिद्द को कम करने के कुछ उपाय / How to Win Over Stubborn Children in Hindi

नीचे दिए गए कुछ उपायों द्वारा बच्चो की जिद व गुस्से को कम किया जा सकता हैं। इसे जरूर पढ़ें..

  • बच्चो को सीधे तौर पर ना कहने की जगह कुछ अच्छे सुझाव या विकल्प दे ।
  • बच्चो की जिद करने पर यदि कुछ सबसे अच्छा कर सकते है तो अपना मन शांत रखे ।बच्चे की बात सुने उसे बताये की मैं तुम्हारी जिद समझ सकता हूं पर अमुक वस्तु तुम्हे नहीं दे सकता या अमुक चीज मैं नहीं कर सकता ।
  • बच्चे जब ज्यादा जिद कर रहे तो तब ज्यादा न ज्ञान न दे । बच्चो को समझाने के लिए जब बच्चे अच्छे मूड मे हो तो खुद बच्चा बनकर जिद करें ।उदहारण के तौर पर 2 चाकलेट देकर 3 वापिस मांगे तब बच्चो को समझा सकेंगे हमारे पास भी सीमित साधन है और हर बार हम तुम्हारी जिद पूरी नहीं कर सकते।
  • जिद करने का कारण भूखा होना ,बोर होना या थकान होना भी हो सकता हैं।
  • यदि बुरे व्यहार के लिए हम डाँटते हैं तो उससे ज्यादा अच्छे व्यहार के लिए उत्साहित करे ।
  • बच्चो को पहिले से बदलाव के संकेत जरूर दे ,जैसे पार्क से 6.30 शाम वापिस जाने का तय किया है तो 6 बजे ही बता दे की 15 मिनिट बाद हम वापिस चलेंगे।
  • बॉय बॉय करना सिखाये मान लीजये बच्चे ने काँच का गिलास हाँथ मे लिया है तो आप बच्चे से गिलास तुरंत न छीनकर बच्चे को बताये की गिलास को बॉय बॉय करो और बच्चा थोड़ा ना -नुकर कर वापिस कर देता हैं।
  • कभी कभी अपनी समस्या भी बच्चो को बताये इससे उनके अंदर जिम्मेदारी का अहसास होता है ,वो समझ पाते हैं आप किन परिस्थियों से गुजर रहे हैं और कई बार वो इतना अच्छा समाधान देंगे जो आप कभी सोच भीं नहीं सकते ।
  • जहाँ तक संभव हो बच्चो पर हाँथ न उठाये ।
  • अपने बच्चे की हमेशा बुराई न करे ,न दूसरे बच्चो से तुलना करे । यह लड़ाई आप के खुद के बच्चे से है इसिलए जहाँ तक हो शांत मन से व क्रिएटिव तरीके से समस्या का हल निकाले ।आपके युद्ध का अंतिम उद्देश्य आपके दुश्मन का भला करना हैं।वो आप से सीख रहा है कि कठिन परिस्थियों का हल कैसे निकाला जाता है ।

 

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आपको हमारे सुझाव कैसे लगे, हमें अपने कमैंट्स के जरिये अवश्य बताएं । 

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