बेटी के जन्म लेने से पहले IITian ने नौकरी छोड़ दी क्योंकि बच्ची की देखभाल को दी प्राथमिकता

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Prasoon Pankaj

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2 years ago

बेटी के जन्म लेने से पहले IITian ने नौकरी छोड़ दी क्योंकि बच्ची की देखभाल को दी प्राथमिकता
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एक वर्किंग कपल जब पेरेंट्स बनने का प्लान करते हैं तो इन दोनों में से ज्यादा छुट्टी कौन लेता है? यकीनन, आपका जवाब होगा कि मां ही लेती है। अपने देश में मैटरनिटी लीव के नाम पर कई जगहों पर 3 महीने या उससे ज्यादा की लीव मिलती है वहीं दूसरी तरफ पिता बनने पर बमुश्किल 10 से 12 दिनों की छुट्टी मिलती है। इस ब्लॉग में हम आपको एक ऐसे पिता के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी बच्ची के जन्म लेने से पहले लाखों के पैकेज की नौकरी इसलिए छोड़ दी ताकि उन्हें बच्चे की देखभाल करने के लिए भरपूर वक्त मिल सके। हम बात कर हैं IIT खड़गपुर से पढ़ाई करने के बाद किसी कंपनी में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पद पर कार्यरत रहे अंकित जोशी की। अंकित जोशी की ये कहानी अपने बच्चे से प्यार करने वाले सभी पिता के लिए प्रेरणादायक हो सकती है। जब आप एक व्यक्ति से पिता बन जाते हैं तो आपकी जिम्मेदारियां और बढ़ जाती है और अपने प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ में कैसे तारतम्य स्थापित कर पाते हैं ये तय करना सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है। 

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बेटी के जन्म से पहले IITian ने छोड़ दी लाखों की नौकरी

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हां ये बात बिल्कुल सही है कि जिंदगी जीने के लिए और अपनी जरूरतों के लिए पैसा कमाना बहुत जरूरी है। लेकिन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण अपनी प्राथमिकताएं तय करना है। अब आप IITian अंकित जोशी को ही ले लीजिए। किसी कंपनी में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पद पर कार्यरत रहे अंकित जोशी की सैलरी काफी अच्छी थी। अंकित जोशी ने नौकरी छोड़ दी, वजह तो आप अब तक जान ही गए होंगे कि वे चूंकि पिता बनने वाले थे और अपनी बच्ची की अच्छे से देखभाल कर सकें इसलिए उन्होंने ये कठिन फैसला आखिरकार ले ही लिया। मुमकिन है कि कई लोग अंकित के इस फैसले से इत्तिफाक नहीं रखते होंगे और उन्हें ये भी लगता होगा कि आज के दौर में अंकित के इस निर्णय को कम से कम प्रैक्टिकल तो नहीं ही कहा जा सकता है। लेकिन अगर आप इसे अंकित के नजरिए से देखें तो उनका मानना है कि वे इस पूरे एपिसोड को करियर में अपने प्रोमोशन के तौर पर देखते हैं।

अपनी नवजात बेटी के साथ कीमती वक्त बिताने का समय मिल सके इससे बेहतर अंकित की नजर में कुछ और हो ही नहीं सकता है। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के साथ एक इंटरव्यू में अपने फैसले के बारे में अंकित जोशी ने कहा की, अपनी बिटिया के जन्म लेने से कुछ ही दिन पहले उन्होंने नौकरी छोड़ दी, हालांकि लोगों की नजरों में ये एक अजीबोगरीब फैसला था, कुछ लोगों ने तो उन्हें कहा की भविष्य में आगे उन्हें कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन इस दौरान उनकी पत्नी ने समर्थन किया।

ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे से बातचीत में अंकित ने कहा कि नौकरी की कार्यप्रणाली में उन्हें बार-बार कई जगहों की यात्रा करनी पड़ती थी, अपनी बेटी स्पीती के इस दुनिया में आने से पहले ही मैंने मन बना लिया था कि मुझे उसके साथ ज्यादातर समय बिताना है। हफ्ते भर के पितृत्व अवकाश में मैं इन पलों को अच्छे से आनंद नहीं उठा सकता था क्योंकि कुछ महीने पहले ही मैंने वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में एक नया काम शुरू किया था।

बच्ची का नाम स्पीती क्यों चुना?

अब आप ये भी जान गए होंगे की अंकित ने अपनी प्यारी सी बच्ची का नाम स्पीती रखा है, ये ही नाम क्यों इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वे और उनकी पत्नी स्पीती घाटी घूमने के लिए गए थे। स्पीती घाटी की यात्रा से लौटने के बाद ही इन दोनों ने तय कर लिया था की अगर उनकी बिटीया हुई तो वे उसका नाम इस खूबसूरत जगह के नाम पर ही रखेंगे। हालांकि अंकित ने ये भी कहा है के वे कुछ महीनों के बाद ही नई नौकरियों के लिए आवेदन करना शूरू कर देंगे। इसके साथ ही अंकित ने ये सवाल भी उठाया है कि कई जगहों पर पितृत्व अवकाश को बहुत कम या नहीं के बराबर दिया जाता है। अंकित का मानना है कि बच्चे की परवरिश में मां के साथ ही पिता का भी हर स्तर पर समान भागीदारी रहनी चाहिए।

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