जानिए कैसे L.reuteri (प्रोबायोटिक्स) पेट की समस्याओं को दूर करता है?

Vandana Chawla के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Apr 19, 2019

यूं तो जन्म के बाद बच्चे का रोना जरूरी माना जाता है। यह रोना सामान्य बात है, लेकिन कई मामलों में ऐसा नहीं होता। कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, जो लगातार बहुत अधिक रोते हैं। पैरेंट्स बच्चे को चुप कराने की तमाम कोशिशें करते हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं दिखता। उन्हें बच्चे के रोने की वजह भी पता नहीं चल पाती। यह स्थिति काफी खराब होती है। आपके दिमाग में तरह-तरह के सवाल उठते हैं। कई बार आपको लगता है कि आपके दूध या बच्चे को दिए जाने वाले आहार में दिक्कत है। पर जरूरी नहीं कि उसके रोने की यही वजह हो। बच्चे के अधिक रोने की एक बड़ी वजह कोलिक (पेट दर्द) होती है। कई शोधों के अनुसार कोलिक को दूर करने में L.Reuteri प्रोबायोटिक काफी उपयोगी है। आज हम इस ब्लॉग में बात करेंगे कि आखिर कोलिक क्या है और कैसे L.Reuteri प्रोबायोटिक आपके बच्चे को कोलिक से बचाने में मदद करता है।
कोलिक क्या है ?
कोलिक कोई बीमारी नहीं है। यह कई कारकों का एक संयोजन है। यह आमतौर पर जन्म के 2 से 4 सप्ताह के बाद बच्चों में देखा जाता है। इसमें बच्चा लगातार काफी देर तक रोता रहता है। शुरू में पैरेंट्स बच्चे के रोने की वजह समझ नहीं पाते। कई केसों में कुछ समय बाद यह समस्या अपने आप दूर हो जाती है।
क्या हैं लक्षण
अलग-अलग शोधों व डॉक्टरों के अनुसार कुछ लक्षणों से कोलिक की पहचान की जा सकती है। जो लक्षण आम हैं, वो हैं –
-
बच्चे का सप्ताह में तीन बार, एक दिन में तीन बार व तीन महीने की उम्र तक अधिक रोते मिलना। उसे शांत कराने के लिए की गई तमाम कोशिशों का नाकाम रहना।
-
कोलिक से पीड़ित बच्चे का पेट फूला हुआ या कठोर लगता है।
-
आप पाएंगे कि बच्चे के पेट की मांसपेशियां तन गई है और कठोर हो गई हैं
-
चेहरा फड़कना, पैर ऊपर चढ़ जाना, मुड़ी हुई मुट्ठियां बंध जाना।
कोलिक के कारण
वैसे तो कोलिक का कारण अभी तक पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है। यह कई कारकों के संयोजन से हो सकता है। माता-पिता चिंतित हो जाते हैं या जिस तरह से बच्चे को दूध पिलाने के बाद आराम दिया जाता है। लैक्टोज असहनशीलता, एलर्जी, अपरिपक्व पाचन तंत्र व आंतों में खराब बैक्टीरिया इसके कारण हैं।
L.Reuteri क्या है?
Lactobacillus reuteri या L. reuteri एक प्रोबायोटिक बैक्टीरिया है जो मुंह और आंत में रहता है। यह शिशुओं और बच्चों में कई स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने में मदद करता है। L.reuteri का सबसे खास फायदा यह है कि यह शिशुओं में कोलिक का इलाज करने में प्रभावी है।
कैसे करता है काम
-
L. reuteri एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक पदार्थ के उत्पादन के माध्यम से कार्य करता है जिसे reuterin कहा जाता है। Reuterin हानिकारक बैक्टीरिया, खमीर, और कवक के विकास को रोककर आंतों के सूक्ष्म जीव प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
-
आंतों में अच्छे बैक्टीरिया न होने से भी पेट दर्द (कोलिक) की समस्या होती है। कई रिसर्च में ये सामने आया कि अगर शिशु को प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स जैसे L. reuteri दिया जाए तो कोलिक को दूर करने में काफी हद तक मदद मिलती है। इटली में शोधकर्ताओं द्वारा किया गया ऐसा ही एक अध्ययन * बाल रोग, 2007, जिसमें L. reuteri की मदद से 95 प्रतिशत बच्चों में कोलिक की समस्या खत्म हो गई।
-
**JAMA बाल रोग (2013) में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि L. reuteri बच्चे के रोने के इलाज में काफी प्रभावी होता है।
-
L. reuteri प्रोबायोटिक्स जीवित सूक्ष्मजीव यानी अच्छे बैक्टीरिया हैं, जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं और सभी आवश्यक पोषक तत्वों को निकालते हैं। इसके अलावा इससे बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली भी विकसित होती है। यह पाचन प्रक्रिया के दौरान बरकरार रहते हैं और बड़ी आंत में सीधे स्वस्थ बैक्टीरिया पहुंचाते हैं। इसलिए, प्रोबायोटिक की खुराक बच्चे के आंत (पेट) में स्वस्थ बैक्टीरिया के निर्माण में मदद करती है।
अतः यह साफ है कि L. reuteri प्रोबायोटिक्स शिशुओं को कम रोने में मदद कर सकता है। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि खुद इसका इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
Disclaimer:
L.reuteri (Lactobacillus reuteri) is a healthy probiotic culture naturally occurring in breast milk, which has been found to be especially effective in reducing crying and colic. Talk to your child specialist/ doctor to know more about the right milk with L.reuteri.
आपका एक सुझाव हमारे अगले ब्लॉग को और बेहतर बना सकता है तो कृपया कमेंट करें, अगर आप ब्लॉग में दी गई जानकारी से संतुष्ट हैं तो अन्य पैरेंट्स के साथ शेयर जरूर करें।
इस ब्लॉग को पेरेंट्यून विशेषज्ञ पैनल के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा जांचा और सत्यापित किया गया है। हमारे पैनल में निओनेटोलाजिस्ट, गायनोकोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, चाइल्ड काउंसलर, एजुकेशन एंड लर्निंग एक्सपर्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, लर्निंग डिसेबिलिटी एक्सपर्ट और डेवलपमेंटल पीड शामिल हैं।



टॉप पेरेंटिंग ब्लॉग
टॉप पेरेंटिंग बातचीत
टॉप पेरेंटिंग प्रश्न
Explore Baby Names
- छोटे बच्चों के नाम की लिस्ट अर्थ सहित
- लड़कों के नाम की लिस्ट अर्थ सहित
- लड़कियों के नाम की लिस्ट अर्थ सहित
- हिन्दू लड़कों के नाम की लिस्ट अर्थ सहित
- हिन्दू लड़कियों के नाम की लिस्ट अर्थ सहित
- मुस्लिम लड़कों के नाम की लिस्ट अर्थ सहित
- मुस्लिम लड़कियों के नाम की लिस्ट अर्थ सहित
- सिख,पंजाबी लड़कों के नाम की लिस्ट अर्थ सहित
- सिख,पंजाबी लड़कियों के नाम की लिस्ट अर्थ सहित