क्या आपका घर बेबी प्रूफ है

Supriya Jaiswal के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Mar 12, 2018

बच्चे के जन्म से जहां पैरेंट्स की खुशी दोगुनी हो जाती है, वहीं बच्चे के एक साल के होते ही उसकी सेफ्टी को लेकर पैरेंट्स की चिंताएं भी बढ़ने लगती हैं। दरअसल 1 साल का होते ही बच्चा इधर-उधर टहलने लगता है, इस दौरान घर में ही उसके लिए काफी खतरे होते हैं। अगर ध्यान न दिया जाए, तो बच्चा मुसीबत में आ सकता है। यही वजह है कि पैरेंट्स बच्चे की सेफ्टी को लेकर परेशान रहते हैं। आज हम बत करेंगे कुछ ऐसे उपायों पर जिन्हें करके आप अपने घर को बेबी प्रूफ बना सकते हैं और अपने बच्चे को हर तरह के खतरे से दूर कर सकते हैं।
इन बातों पर करें अमल
- नुकीली चीजों को बच्चे की पहुंच से दूर रखें – बच्चों में समझने की शक्ति कम होती है। वह सही गलत नहीं समझ पाते। ऐसे में जरूरी है कि पैरेंट्स घर में मौजूद नुकीली चीजों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें। अगर बच्चे के हाथ में ऐसी चीजें आ गईं, तो वह खुद को नुकसान पहुंचा सकता है।
- गेट में सुधार – घर में अगर छोटा बच्चा है, तो आप घर के सभी दरवाजों को भी ठीक करा लें। सबसे पहले तो गेट को लूज करवाएं, ताकि अचानक गेट बंद होने से बच्चे को चोट न लगे। इसके अलावा गेट व चौखट के किनारों पर टेप के सहारे रबड़ लगा दें, ताकि खेलने के दौरान अगर बच्चा उससे टकराए भी, तो उसे चोट न लगे।
- बिना डोरियों वाले पर्दे चुनें – अगर घर में डोरियों वाले पर्दे हैं, तो इसे बदल दें। दरअसल बच्चा डोरी को खींचकर खेलने लगता है। यह डोरी बच्चे के गर्दन में भी फंस सकती है। ऐसे में यह खतरनाक हो सकता है। इससे बचने के लिए बेहतर होगा की डोरी वाले पर्दे हटा दें। अगर नहीं हटा सकते, तो डोरियों को ऊंचाई पर बांध दे, जिससे बच्चा वहां तक न पहुंच सके।
- बिजली के सॉकेट खुले न छोड़ें – कई बार बच्चे बिजली के सॉकेट में अपनी उंगली डाल देते हैं, जिससे उन्हें करंट लग सकता है। बच्चे को इससे बचाने के लिए जरूरी है कि नीचे वाले सभी सॉकेट में टेप लगा दें। इसके अलावा घर में बाहर लगे बिजली के तारों को भी लगातार चेक करते रहें, अगर कहीं भी तार कट हो तो उसे तुरंत बदल दें। यही नहीं कोशिश करें कि बिजली के उपकरण जब चालू हों या पावर से कनेक्ट हों, तो उसके आसपास बच्चों को न जाने दें। बिजली उपकरण के इस्तेमाल के बाद उसके प्लग को निकाल दें।
- दवाइयों व अन्य चीजों से दूर रखें – घर में किसी भी प्रकार की दवाई को ऐसी जगह न रखें जहां बच्चा पहुंच सके। कुल मिलाकर ऐसी चीज बाहर न रखें। इसके अलावा रैट किलर, फिनाइल, केमिकल व साबुन जैसी चीजें भी बच्चे की पहुंच से दूर रखें। बच्चा इन्हें अपने मुंह में ले सकता है और केमिकल होने की वजह से ये उसके लिए खतरनाक हो सकता है।
- टॉयलेट के दरवाजे बंद रखें – घर के सभी टॉयलेट्स के दरवाजे हमेशा लॉक करके रखें। कई बार बच्चे चलते-चलते टॉयलेट में घुस जाते हैं और गंदे पानी में खेलने लगते हैं। यह बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। वह इससे बीमार पड़ सकता है।
- बालकनी की ग्रिल ऊंची हो – बच्चे को घर में कभी भी अकेले न छोड़ें, अगर किसी मजबूरी में छोड़ भी रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि आपकी बालकनी की ग्रिल ऊंची हो, वह सही से कवर्ड हो। हो सकता है कि बच्चा बालकनी तक पहुंच जाए और चढ़ने की कोशिश करे। अगर उसकी ऊंचाई अधिक होगी तो बच्चा सेफ रहेगा। इस बात का भी ध्यान रखें कि बालकनी के पास चढ़ने का कोई सामान न हो। वैसे बालकनी वाले गेट में ताला लगाकर रखना ज्यादा बेहतर होगा।
- पालतू कुत्ते से दूर रखें – वैसे तो पालतू जानवर मालिकों को बहुत कम काटते हैं, लेकिन बच्चों के केस में ऐसा नहीं है। कई बार बच्चा खेलते खेलते कुत्ते की आंख में उंगली मार देता है या उसकी पूंछ खींच देता है। इससे कुत्ता धैर्य खोकर उस पर हमला भी कर सकता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिका में हर साल 1.55 लाख बच्चों को पालतू कुत्ते काटते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप कुत्ते से बच्चे को दूर ही रखें।
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| Apr 28, 2018
khuiiiiio

| Apr 27, 2018
Hii mam Mari beti 1 year ki h uske chunmunye ho rhe h vo rat ko roti rheti h koi upay btaiye

| Apr 27, 2018
Hii mam Mari beti 1 year ki h uske chunmunye ho rhe h vo rat ko roti rheti h koi upay btaiye