5 गलत पश्चिमी सभ्यता की आदतें, जो सीख रहे हैं हम

बच्चे गीली माटी की तरह होते हैं। उन्हें जैसा रूप हम देना चाहें, वे वैसे बन सकते हैं। लेकिन पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव में आकर आज हम सब अपनी संस्कृति और परंपराओं को भुला चुके हैं और विदेशी देशों की रीतियों व आदतों को अपना रहे हैं। इन सबका हमारी परवरिश पर कैसे गलत असर पड़ रहा है, आइए जानें।
जंक फूड- वेस्टर्न कल्चर से प्रभावित होकर हम सभी ने पिज्जा, बर्गर, नूडल्स जैसे आदि जंक फूड्स को अपनी डेली लाइफ में शामिल कर लिया है। इसके चलते हमारे बच्चे भी ये देखकर प्रभावित हो रहे हैं और उसी खाने में अपनी रुचि दिखा रहे हैं जो उनके माता-पिता खाते हैं। इससे बच्चों की सेहत पर फर्क पड़ता है और वो शारीरिक रूप से कमज़ोर हो जाते हैं।
बच्चों के सामने शराब/सिगरेट का सेवन- कई बार हम बच्चों को छोटा समझकर उनके सामने कोई भी गतिविधि करने से कतराते नहीं हैं। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि बच्चे उस चीज़ को सबसे पहले ग्रहण करते हैं जो उनके सामने होती हैं। इसलिए बच्चों को ऐसी गलत आदतों से बचाने के लिए उनके समक्ष शराब/सिगरेट न पिएं। इसके अलावा सिगरेट का धुँआ भी बच्चों के लिए ठीक नहीं होता।
बच्चों के सामने इंटिमेट होना- पति-पत्नी कई बार रोमांस में इतने ज़्यादा डूब जाते हैं कि वो यह भी नहीं सोचते कि सामने उनके बच्चे खड़े हुए हैं। पश्चिमी देशों में बनी फिल्मों से प्रेरणा लेकर वह एक-दूसरे के प्रति इंटिमेट होते हैं जो बच्चों के दिमाग पर गहरा असर डालती है और उस चीज़ के प्रति उनकी उत्सुकता को बढ़ाती है।
देर रात तक जागना- Early to bed and Early to Rise; सेहतमंद रहने का ये फॉर्मूला भी हम कहीं न कहीं भुला चुके हैं जो केवल हमारी ही नहीं बल्कि हमारे बच्चों की भी ज़िंदगी पर बुरा असर डाल रहा है। देर रात तक पार्टीज़ या टी.वी देखने की आदत पश्चिमी सभ्यता की ही देन है जो बच्चों की परवरिश पर बुरा असर डालती है।
संयुक्त परिवार का टूटना- मानो या न मानो लेकिन एकल परिवार के चलन के चलते बच्चे रिश्तों के महत्व को नहीं समझते जिसका ख़ामियाज़ा उनके माता-पिता को बूढ़े होने पर भुगतना पड़ता है।
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