फोड़े और फुंसियों से बचाव व उसके उपचार

Parentune Support के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Feb 02, 2021

शरीर के किसी भी हिस्से पर फोड़े व फुंसी का होना आम बात है, पर जरूरत से ज्यादा और बार-बार फोड़ा-फुंसी होना स्वास्थ्य में खराबी को दर्शाता है। इसके अलावा ज्यादा समय तक फोड़ा रहने पर उस हिस्से में दाग भी बन जाता है। फोड़े-फुंसी की समस्या बच्चों में ज्यादा होती है। यहां हम बताएंगे कुछ ऐसे उपाय जिनकी मदद से आप बच्चों को इस समस्या से दूर रखने के साथ ही इस दिक्कत से निजात भी दिला सकते हैं।
फोड़े-फुंसी होने के कारण
दरअसल यह खून में खराबी होने के कारण होते हैं। जब खून में गंदगी बन जाती है, तो इससे फुंसी व फोड़े निकलने लगते हैं। इसके अलावा पेट साफ न रहने व पसीना कम निकलने के कारण भई फोड़े व फुंसी हो सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
फोड़े व फुंसी शरीर में न हों इसके लिए आपको कई बातों का ध्यान रखना होगा। जैसे रोजाना बच्चे के शरीर की सफाई पर ध्यान दें, उन्हें साफ पानी से नहलाएं। नहाने के पानी में एंटीसेप्टिक और डेटॉल का इस्तेमाल करें। इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा पानी बच्चे को पीने के लिए दें। उन्हें भोजन में ताजे फल व सलाद खिलाएं।
फोड़े-फुंसी के घरेलू उपचार
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नीम – नीम की पत्तियों को पीसकर लेप बनाएं और फोड़-फुंसी की जगह पर लगा दें। इस विधि से बहुत जल्द दिक्कत दूर हो जाएगी।
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बरगद के पत्ते – वट वृक्ष या बरगद के पत्तों को गर्म करके फोड़े वाली जगह पर बांधने से वह पककर फूट जाता है और उसकी कील भी निकल जाती है।
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दही - इसके इस्तेमाल से भी फोड़े व फुंसी को ठीक किया जा सकता है। दही को फोड़े पर कुछ समय के लिए लगाकर छोड़ दें। ऐसा करने से जिस फोड़े का मुंह नहीं बन रहा होगा, वह भी पककर सूख जाएगा।
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देसी घी – थोड़ी सी साफ रुई देसी घी में भिगोएं। अब उसे हथेली से दबाकर एक्स्ट्रा घी को निकाल लें। इसके बाद तवा गर्म करके उस पर रुई के फाहे को भी गर्म करें। जब रुई का फाहा हने लायक गर्म हो जाए, तो उसे बच्चे के फोड़े पर रखकर पट्टी बांध दें। सुबह-शाम इस विधि को करने से फोड़ा फूट जाएगा। यही विधि रुई के साथ सरसों का तेल लगाकर भी की जा सकती है। इससे भी आराम मिलेगा।
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नींबू - नींबू में मौजूद विटामिन-सी खून को साफ करता है। ऐसे में नींबू का सेवन करने से फोड़े-फुंसी की दिक्कत नहीं आती। अगर बच्चे को फोड़ा है, तो नींबू की छाल पीसकर लगाने से भी फोड़ा खत्म होता है।
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मुल्तानी मिट्टी – मुल्तानी मिट्टी का लेप बनाकर बच्चे के फोड़े वाले स्थान पर हफ्ते में एक बार लगाएं। लेप को 1-2 घंटे बाद धो दें। ऐसा करने से भी काफी आराम मिलेगा।
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खास फल – बच्चे को अमरूद, केला, जामुन व आंवला खिलाएं। इससे उसका पेट व खून साफ होगा। पेट व खून साफ होने से फोड़े-फुंसी की शिकायत भी दूर हो जाएगी।
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अखरोट – सुबह 3-4 अखरोट रोजाना खिलाने से भी फोड़े व फुंसी में आराम मिलेगा।
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सेंधा नमक – सेंधा नमक को पानी में मिलाकर उससे बच्चे को नहाएं। ऐसा करने से फोड़ा ठीक होता है।
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हल्दी – हल्दी का पेस्ट बनाकर उसे फोड़े-फुंसी पर लगाने से भी फोड़ा जल्दी ठीक होता है।
- प्याज – प्याज में पाए जाने वाले एंटीसेप्टिक गुण भी फोड़े को ठीक करते हैं। प्याज के टुकड़े को बच्चे के फोड़े पर रखें और एक कपड़े से उसे बांध दें। इस उपाय को करने से भी फोड़ा ठीक होगा।
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इस ब्लॉग को पेरेंट्यून विशेषज्ञ पैनल के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा जांचा और सत्यापित किया गया है। हमारे पैनल में निओनेटोलाजिस्ट, गायनोकोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, चाइल्ड काउंसलर, एजुकेशन एंड लर्निंग एक्सपर्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, लर्निंग डिसेबिलिटी एक्सपर्ट और डेवलपमेंटल पीड शामिल हैं।

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