क्या रयान हादसे से हमने कोई सीख ली?

Parentune Support के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Nov 29, 2017

गुरुग्राम के रयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को हुई 7 साल के छात्र प्रद्युमन की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस वारदात के बाद प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े किए। अलग-अलग जगहों पर पैरेंट्स सड़कों पर उतरे और स्कूलों में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के लिए आंदोलन भी किया, लेकिन वक्त के साथ अब फिर सबकुछ पहले जैसा सामान्य हो गया है। रयान के बाद भी स्कूल में व स्कूल बस हादसों के कई मामले सामने आए हैं। अब सवाल ये उठता है कि क्या सच में हमने रयान स्कूल में हुए हादसे के बाद कोई सबक लिया, क्या सच में पैरेंट्स व स्कूल बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हुए, इन सब सवालों का जवाब न में है।
दरअसल कुछ दिन तक तो दबाव में स्कूल मैनेजमेंट ने भी सख्ती दिखाई और पैरेंट्स ने भी जागरूकता दिखाई, लेकिन वक्त के साथ सब पुराने ढर्रे पर आ गया। यही वजह है कि अब भी किसी स्कूल में बच्चों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आ रहा है, तो किसी स्कूल की बस से छात्र की मौत की खबर सुनने को मिलती है। अगर हमने सबक लिया होता तो शायद इस तरह की खबर हमें सुनने को नहीं मिलती।
कैसे करें बच्चे की सुरक्षा को सुनिश्चित
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दरअसल रयान स्कूल के बाद भी अन्य स्कूलों में हो रहे हादसे बताते हैं कि स्कूलों में सब कुछ ठीक नहीं है। ऐसे में एक पैरेंट्स के नाते आपको खुद बच्चे की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। आपको एक्टिव होना होगा, ताकि आपका बच्चा स्कूल में महफूज रह सके। हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप बच्चे की सुरक्षा को काफी हद तक सुनिश्चित कर सकते हैं।
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अक्सर आप बच्चे का दाखिला उस स्कूल में कराते हैं, जिसका बहुत नाम होता है। आप न तो स्कूल का जायजा लेते हैं न उसके बारे में कुछ पता करते हैं। पैरेंट्स के नाते आपको सिर्फ स्कूल की बिल्डिंग व नाम देखकर ही बच्चे का दाखिला नहीं कराना चाहिए। एडमिशन से पहले आप खुद स्कूल जाइए और वहां का माहौल, वहां की सुरक्षा व्यवस्था, स्कूल मैनेजमेंट का व्यवहार ये सब चेक कीजिए। इसके बाद ही बच्चे का दाखिला कराइए।
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अगर आपका बच्चा स्कूल जाता है, तो आप बीच-बीच में उसके स्कूल जाते रहिए, इससे आपको स्कूल में क्या चल रहा है, अगर कोई कमी है, तो वे सब दिखाई देंगी और आप इस मुद्दे को स्कूल मैनेजमेंट के सामने उठा सकती हैं।
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इसके अलावा जब बच्चा स्कूल से घर आ जाए, तो उससे भी स्कूल के बारे में पूछते रहिए, इसका फायदा ये होगा कि अगर स्कूल में उसके साथ कुछ गलत हो रहा होगा, तो वह आपको तुरंत बता देगा और आप समय रहते बच्चे को सुरक्षित कर सकते हैं।
- अगर बच्चा स्कूल बस से आवाजाही करता है, तो आपको बस पर भी नजर रखने की जरूरत है। कई बार देखने में आता है कि स्कूल बस में नियम फॉलो नहीं होते। ड्राइवर चलती बस से बच्चे को उतार देता है। कई बार बीच रोड पर ही बच्चे को उतार देता है, इन सब वजहों से अक्सर हादसों की खबर हमें सुनने को मिलती है। ऐसे में जरूरी है कि आप स्कूल बस पर भी नजर रखें और किसी तरह की लापरवाही दिखने पर फौरन इसकी शिकायत स्कूल मैनेजमेंट से करें।
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इस ब्लॉग को पेरेंट्यून विशेषज्ञ पैनल के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा जांचा और सत्यापित किया गया है। हमारे पैनल में निओनेटोलाजिस्ट, गायनोकोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, चाइल्ड काउंसलर, एजुकेशन एंड लर्निंग एक्सपर्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, लर्निंग डिसेबिलिटी एक्सपर्ट और डेवलपमेंटल पीड शामिल हैं।

| Nov 29, 2017
Ager school management hi na sune to kisko boke koi complain karne se kuch nhi hota , har school ko bus fee se matlb hota hai baccha padhe na padhe school jaye n. Jaye ussey koi matlb nhi , ye sab bus pese kmaane ka jariya hai bus or kuch nahi. Or ek parents k bolne se kuch nh hota sabko aage aana parega otherwise ek bacche ko hi target krk preshan kar k school se nikaal denge.

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