प्रेगनेंसी के दौरान बदलती हैं आपकी त्वचा ! ऐसे करें देखभाल

Sukanya के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Apr 13, 2021

जब आपके शरीर में एक नन्हीं सी जान पल रही होती है, तब आपके शरीर में कई बदलाव आते हैं. मॉर्निंग सिकनेस, गैस की समस्या, सीने में जलन, जैसी कई समस्याएं भी प्रेगनेंसी का हिस्सा होती हैं। इसी के साथ आपकी त्वचा और बालों में भी कई बदलाव आते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान आपकी त्वचा और बालों में आने वाले बदलाव और उन्हें स्वस्थ बनाये रखने के लिए कुछ उपायों को आजमाएं।
गर्भवास्था में त्वचा और बालों में आने वाले बदलाव और उन्हें स्वस्थ रखने के कुछ उपाय
पिम्पल की समस्या:
- आपकी त्वचा पर प्रेगनेंसी के साथ चमक तो आती ही है लेकिन पिम्पल होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है। किशोरावस्था की तरह कई महिलाओं को प्रेगनेंसी में भी पिम्पल होने लगते हैं।
- ऐसा हार्मोन का स्तर घटने-बढ़ने के कारण होता है। प्रेगनेंसी के शुरूआती महीनों में ऐसा होने की सम्भावना ज़्यादा रहती है। अगर आपको पीरियड से पहले या पीरियड के दौरान पिम्पल होते हैं, तो बहुत संभव है कि प्रेगनेंसी के दौरान भी होंगे।
- इससे बचने के लिए लैक्टिक एसिड और टी ट्री ऑइल का इस्तेमाल करें।
बालों का ज्यादा घना हो जाना
- Estrogen हार्मोन के कारण प्रेगनेंसी में बाल ज़्यादा बढ़ते हैं और कम टूटते हैं. इसलिए आपके बाल इन दिनों घने लगने लगते हैं। इस दौरान आपके शरीर के बाल भी ज़्यादा बढ़ते हैं, जिसके कारण आपको जल्दी-जल्दी थ्रेडिंग वैक्सिंग आदि कराने की ज़रूरत पड़ सकती है।
- इस दौरान आपको ब्लीच जैसे केमिकलों के इस्तेमाल से बचना चाहिए और लेज़र जैसे ट्रीटमेंट भी नहीं करवाने चाहियें।
दाग-धब्बे की समस्या
- इस दौरान आपकी त्वचा पर झाइयाँ और दाग-धब्बे भी हो सकते हैं। Estrogen हार्मोन के बढ़ने से त्वचा में melanin बढ़ जाता है, जिसके कारण आपके तिल, निप्पल आदि भी ज़्यादा गहरे रंग के दिखने लगते हैं। धूप में निकलने से ये समस्या और बढ़ सकती है।
- कुछ महिलाओं की डिलीवरी के बाद ये धब्बे अपने-आप हलके हो जाते हैं पर कुछ के साथ ऐसा नहीं होता. बाहर निकलें तो कम से कम SPF 30 का सन स्क्रीन लगाना न भूलें।
स्ट्रेच मार्क्स हो जाना
90% महिलाओं को पेट और स्तनों पर इस दौरान स्ट्रेच मार्क्स होते हैं. कुछ महिलाओं को जाँघों, कूल्हों, और हाथों पर भी स्ट्रेच मार्क्स होते हैं. ये कभी नहीं जाते, लेकिन समय के साथ हल्के ज़रूर हो जाते हैं।
नसों का उभारना
कई महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान नसों के उभर आने की समस्या होती है. ऐसा पैरों, चेहरे, गर्दन और हाथों पर आमतौर पर होता है. कुछ महिलाओं को नसों में सूजन और चेहरे के लाल होने जैसी समस्याएँ भी होती हैं।
ये समस्या प्रेगनेंसी ख़त्म होने के बाद खुद ही ठीक हो जाती है, इसलिए इसके लिए किसी इलाज की ज़रूरत नहीं पड़ती।
संवेदनशील त्वचा
कुछ महिलाओं की त्वचा प्रेगनेंसी में रूखी त्वचा और संवेदनशील हो जाती है. इसे घर पर ही उपचार कर के ठीक किया जा सकता है. नारियल के तेल से त्वचा की नियमित रूप से मालिश करें।
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इस ब्लॉग को पेरेंट्यून विशेषज्ञ पैनल के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा जांचा और सत्यापित किया गया है। हमारे पैनल में निओनेटोलाजिस्ट, गायनोकोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, चाइल्ड काउंसलर, एजुकेशन एंड लर्निंग एक्सपर्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, लर्निंग डिसेबिलिटी एक्सपर्ट और डेवलपमेंटल पीड शामिल हैं।
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