स्मॉग से बच्चे को कैसे बचाएं? बच्चों का ध्यान कैसे रखें और क्या हो सकते हैं इसके असर?

Parentune Support के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Dec 10, 2018

दिल्ली-एनसीआर के अलावा भारत के कई राज्यों में आजकल प्रदूषण ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। सबसे ज्यादा दिक्कत दिल्ली व उसके आसपास के दूसरे शहरों में हो रही है। यहां हर शहर स्मॉग(Smog) की चादर से ढ़का हुआ है। स्मॉग को लेकर लोगों में कंफ्यूजन की स्थिति रहती है। कई लोग सिर्फ इसे कोहरा समझते हैं, जो ठीक नहीं है। ऐसे में ये जरूरी है कि पहले हम ये समझें कि आखिर स्मॉग क्या है।
क्या है स्मॉग? /What is Smog
दरअसल स्मॉग शब्द स्मोक(Smoke) और फॉग(Fog) से मिलकर बना है। खतरनाक गैसों व कोहरे के मेल से स्मॉग बनता है। गाड़ियों और फैक्ट्रियों से निकले धुएं में मौजूद राख, सल्फर, नाइट्रोजन, कार्बन डाई ऑक्साइड और अन्य खतरनाक गैसें जब कोहरे के संपर्क में आती हैं, तो स्मॉग बनता है। इसका असर कई दिनों तक रह सकता है। तेज हवा चलने या बारिश के बाद ही स्मॉग का असर खत्म होता है। जहां गर्मियों में वातावरण में पहुंचने वाला स्मोक ऊपर की ओर चला जाता है, वहीं ठंड में ऐसा नहीं हो पाता और धुएं और धुंध का एक जहरीला मिश्रण बन जाता है, जो सांस के साथ शरीर के अंदर पहुंचकर काफी नुकसान पहुंचाता है। वैसे तो स्मॉग का नुकसान सभी को हता है, लेकिन बच्चों के लिए यह ज्यादा खतरनाक है। दरअसल 5 साल से नीचे के बच्चों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है। ऐसे में स्मॉग से बच्चों को बचाना काफी जरूरी है। हम यहां आपको बताएंगे कि आखिर कैसे आप अपने बच्चे को इस खतरे से बचा सकते हैं।
स्मॉग के दौरान बच्चों का ध्यान कैसे रखें?
दरअसल 5 साल से नीचे के बच्चों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है। ऐसे में स्मॉग से बच्चों को बचाना काफी जरूरी है। हम यहां आपको बताएंगे कि आखिर कैसे आप अपने बच्चे को इस खतरे से बचा सकते हैं।
- बच्चे जब बाहर से खेलकर आएं, तो उनके मुंह को अच्छे से साफ करें।
- धूल भरे और ज्यादा ट्रैफिक वाले बाजार में अपने बच्चे को लेकर न जाएं।
- बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी पिलाते रहें, इससे उसका शरीर हाइड्रेट रहेगा और इनडोर पल्यूशन से होने वाला नुकसान भी कम होगा।
- छोटे बच्चों में इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, इसलिए उन्हें स्मॉग से ज्यादा खतरा होता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चे को सर्दियों में सुबह सैर के लिए न ले जाएं।
- अगर आपका बच्चा स्कूल जाता है, तो वहां अटेंडेंट से रिक्वेस्ट कर सकते हैं कि बच्चे को मैदान में न खिलाकर इनडोर गेम्स खिलाया जाए।
- बहुत जरूरी होने पर ही बच्चे को घर से बाहर निकालें।
- दो पहिया वाहन पर बच्चे को लेकर बाहर न निकलें। अगर ले जाना जरूरी है तो मुंह पर पतले रुमाल को बांध दें, ताकि नाक व मुंह से स्मॉग शरीर में न जाए।
- अगर बच्चे को कार से लेकर बाहर जा रहे हैं, तो कार के शीशे बंद रखें और एसी चलाएं।
क्या हैं स्मोग के लक्षण बच्चों में?
वैसे तो स्मॉग का नुकसान सभी को होता है, लेकिन बच्चों के लिए यह ज्यादा खतरनाक है। इस तरह पकड़ सकते हैं स्मॉग का असर बच्चों में। पूरा ब्लॉग पढ़ें...
- सांस लेने में तकलीफ या सीढ़ियों पर चढ़ते समय हांफने लगना
- गले में लगातार दर्द रहना
- 2 हफ्ते से ज्यादा दिनों तक खांसी आना
- सीने में दर्द या घुटन होना
- 1 हफ्ते तक नाक में पानी आना या छींकें आना
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