अपने बच्चे को लिखना कैसे सीखाएं?

Prasoon Pankaj के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Apr 23, 2020
हर पैरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा जल्दी से पढ़ना व लिखना सीखे। इसके लिए वह 2 साल से ही बच्चों को प्ले स्कूल भेजने लगते हैं। अच्छे माहौल की वजह से बच्चा प्ले स्कूल में तो खुशी-खुशी जाता है, लेकिन लिखना वह नहीं सीख पाता। ऐसे में पैरेंट्स इस बात से परेशान रहते हैं कि आखिर उनका बच्चा कब लिखना शुरू करेगा। आज इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे अपने बच्चे को लिखना सिखाएं।
बच्चे को लिखना सीखाने में ये उपाय होंगे कारगर / Effective tips in learning to write a child in hindi
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मोटिवेट करें – जिंदगी में किसी भी काम के लिए बच्चे को मोटिवेट यानी प्रोत्साहित करना बहुत जरूरी है। इसी से बच्चे के अंदर कॉन्फिडेंस आता है। लिखने की कला सिखाने के लिए भी यह बहुत जरूरी है। जब कभी बच्चा जरा सा पेन चलाए या कुछ भी ड्रॉ करे तो उसे प्रोत्साहित करें। उसे कभी ये कहकर हतोत्साहित न करें कि तुम्हें तो कुछ नहीं आता। अगर आप बच्चे को मोटिवेट करेंगे तो वह जरूर अच्छा करेगा। बच्चे को जबरन लिखने को न कहें। इससे वह और भागेगा।
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पेंसिल व पेन पकड़ना सिखाएं – बच्चे को पेंसिल या पेन दें इसके बाद उन्हें दिखाएं कि उसे कैसे पकड़ना है। उसे उंगली व अंगूठे के बीच पेन पकड़ने की सलाह दें। अगर उसका ग्रिप मजबूत हो जाएगा, तो लिखने में दिक्कत नहीं होगी।
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इंट्रेस्ट पैदा करें – बच्चे में इंट्रेस्ट पैदा करना बहुत जरूरी है। बिना रूचि के वह कोई काम नहीं करेगा। आजकल बाजार में कई तरह के स्टाइलिश अल्फाबेट, काउंटिंग वर्ड्स उपलब्ध हैं। बाजार से मैग्नेटिक अल्फाबेट लेकर आएं और उसे अलमारी या फ्रिज पर लगा दें। फिर धीरे-धीरे बच्चे को उसकी पहचान कराएं। इसके बाद उसे पेंसिल देकर टॉफी व अन्य चीजों का लालच देते हुए उन शब्दों को लिखने के लिए कहें।
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बच्चे के सामने खुद भी लिखें – बच्चे अक्सर बड़ों की नकल करते हैं। वह बड़ों को जो करते देखते हैं उसे दोहराने लगते हैं। ऐसे में आप बच्चे को दिखाते हुए कुछ लिखने लगें। आपको देखकर वह भी लिखने की जिद करेगा। जब वह ऐसा करे, तो उसे पेंसिल व कागज देते हुए लिखने को कहें।
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बच्चे को रंग लाकर दें - बच्चे रंग काफी पसंद करते हैं। ऐसे में आप रंगों की मदद से भी उनमें लिखने की इच्छा जगा सकते हैं। उन्हें रंग लाकर दें और किसी भी पेपर पर उसे चलाने को कहें
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रफ कॉपी या स्लेट दें – अगर आपके बच्चे को पेन, पेंसिल व चॉक पकड़ना आ गया है, तो उसे रफ कॉपी या स्लेट लाकर दें। इसके बाद उसे उस पर कुछ भी चलाने को कहें। इससे उसकी लिखने की प्रैक्टिस होगी।
- ट्रेस करने का तरीका अपनाएं – बच्चा जब पेन या पेंसिल पकड़ना सीख जाए तो उसे पेज या स्लेट पर डॉट-डॉट के माध्यम से कुछ अक्षर या गिनती लिखकर दें। इसके बाद उसे उस डॉट को मिलाने के लिए कहें। इससे वह आसानी से लिखना सीख जाएगा। इसके अलावा किसी तस्वीर या आकार को भी ट्रेस यानी उस पर पेंसिल चलाने को कहें। यह भी लिखने की कला विकसित करने में कारगर साबित होगा।
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इस ब्लॉग को पेरेंट्यून विशेषज्ञ पैनल के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा जांचा और सत्यापित किया गया है। हमारे पैनल में निओनेटोलाजिस्ट, गायनोकोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, चाइल्ड काउंसलर, एजुकेशन एंड लर्निंग एक्सपर्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, लर्निंग डिसेबिलिटी एक्सपर्ट और डेवलपमेंटल पीड शामिल हैं।




| Feb 20, 2019
बच्चों के लिए लेखन की शुरुआत आड़ी-तिरछी रेखाएँ और चित्र बनाने से होती है। जिसे प्र-लेखन भी कहते हैं। बच्चों से उनके चित्रों के बारे में बात करें। उनसे उन चित्रों के अर्थ व नाम जानें। बच्चों द्वारा बताए गए नाम उनके सामने अक्षरों में वे सब लिखें। इस तरह वे समझ सकेंगे कि जो उन्होंने बनाया है वह अक्षरों के रूप में ऐसा दिखता है। ये ज्ञान उन्हें लेखन के लिए प्रेरित करेगा। बच्चों के लिए लेखन की मज़ेदार शुरुआत लेखन सीखाने का कारगर तरीका है।
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