कैसे सुलाए अपने बच्चे को ? जानिये कुछ असरदार उपाय

बच्चे के जन्म के बाद माँ-बाप पर बहुत सी जिम्मेदारीयां आ जाती हैं। उसका खान-पान, देख-रेख और इन्हीं में से एक जिम्मेदारी है रात को उसके साथ जाग कर उसकी देखभाल करना। नवजात शिशु की नींद 24 घंटों में से लगभग 10 से 18 घंटे तक की होती है। साथ ही बच्चे को सोने और जागने के सही समय के बारे में पता नहीं होता और उसका कोई रूटीन भी नहीं होता।
क्या करें कि बच्चा आराम से सोयें
कमरे मे हल्कि रोशनी रखना : बच्चे दिन के समय में ज्यादा सोते हैं और रात को वह जागते हैं और इससे माता-पिता दोनों की नींद उड जाती है।देखा जाता है कि नवजात दिन की रौशनी में आराम से सोते हैं, लेकिन अँधेरे में उन्हें असहज महसूस होने लगता है। बच्चे के कमरे में हल्का प्रकाश रहने दें बिलकुल अँधेरा न रखें। ताकि बच्चे की आँख खुलने के बाद वह रोना न शुरू कर दे।
चेक कर लें कि कहीं वह भूखा तो नहीं है: बच्चो का पेट बहुत छोटा होता है और वह थोड़ी-थोड़ी देर में थोड़ा-थोड़ा दूध पीते हैं। ऐसे में, उन्हें जल्दी जल्दी भूख लग जाती है और वह भूख लगने पर वह रात को भी रोने लगते हैं।
कोशिश करें कि नवजात को दिन में न सोने दें उसे थोड़ा जगा कर रखें : इससे निसंदेह वह रात को आराम से सोएगा। वह लगातार 7-8 घंटे नहीं सो सकते बल्कि एक दो घंटे के बाद ही वह उठ जाते हैं इसके बाद अपना आहार लेकर फिर से सो जाते हैं।। जैसे-जैसे उनकी नींद का समय बढ़ता है और उम्र बढ़ती है, वह रात को सोना और दिन में जागना शुरू कर देते हैं।
निश्चित दिनचर्या का पालन करें: अगर आप सारे दिन बच्चे की दिनचर्या एक समान रखें तो रात को शिशु के सोने का समय तय करने और उसे सुलाने में ज्यादा मुश्किल नहीं होगी। वह आराम से सो जाएगा। अगर बच्चा हर दिन समान समय पर सोए, खाए-पीए, खेले और रात में भी उसे समान समय पर सुलाया जाए, तो पूरी संभावना रहती है कि बच्चा बिना किसी परेशानी के आसानी से सो जाएगा।
बच्चा को सुरक्षित महसूस करवाने के लिए कोई वस्तु दे दें : जैसे कि बच्चे का कंबल या कोई स्टफ्ड टॉय। बच्चा किसी कंबल या सॉफ्ट टॉय को पसंद करने लगे, इसका एक अच्छा तरीका यह है कि आप उसे थोड़ी देर अपने पास रखें, ताकि उसमें आपकी खूशबू बस जाए। बच्चो की सूंघने की क्षमता बहुत तेज होती है, और यदि वह रात में चौंक कर उठ भी जाए, तो आपकी सुगंध उसे शांत कर सकती है।
सीने से लगाना : अगर आप बच्चे को अपने पलंग पर ही सुलाती हैं, तो उसे आराम और राहत दें, ताकि वह समझ सके कि अब सोने का समय है। बच्चे के साथ लेट जाएं और उसे प्यार से सीने से लगाएं। खुद भी कुछ देर आंखें बंद करके लेट जाएं, ताकि बच्चे को लगे कि आप भी सो गई हैं। शांत रहें, ताकि बच्चा जान सके कि अब सोने का समय है।
दिन के समय दूध पिलाते समय बच्चे से बातें करें और माहौल को उत्साहपूर्ण बनाए रखें : वहीं, रात में दूध पिलाने के समय एकदम शांति होनी चाहिए। इससे आपके बच्चे को अपने शरीर को उसी तरह ढालने में मदद मिलेगी और वह दिन व रात का अंतर समझ सकेगा।
बच्चे के सिर पर हल्की-हल्की उँगलियाँ फिरा दें इससे बच्चे को बहुत जल्दी नींद आ जाती है।
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