क्या काजल आपके बच्चे के लिए सही है?

हर माँ के लिए उसके शिशु की अच्छी सेहत और सुरक्षा सबसे ज्यादा अहमियत रखती है और शिशु को किसी भी तरह की तकलीफ से बचाने के लिए हम डाक्टरी सलाह के साथ-साथ पीढ़ियों से चले आ रहे पारम्परिक घरेलू नुस्खे भी अपनाते हैं।
शिशुओं को काजल लगाना भी ऐसे ही सदियों पुराने रिवाजों में से एक है पर क्या आप जानती हैं कि काजल लगाना आपके शिशु को नुकसान भी पंहुचा सकता है, खासकर यदि आप शिशु की आंखो में काजल लगाती हैं? [इसे भी जानें: क्या काजल आपके बच्चे के लिए सही है?]
शिशु की आंखो में काजल लगाने से होने वाला असर
बेशक, दादी-नानी की सलाह मानें तों काजल ही वह रामबाण औषधि है जो आपके शिशु को सारी बिमारियों और तकलीफ से बचाता है इसलिए चेहरे पर जितना ज्यादा काजल होगा खासतौर पर आखों में, शिशु का सुरक्षा कवच उतना ही मज़बूत होगा पर डाक्टरों की राय इसके बिल्कुल उलट है और आंखों में काजल लगाना शिशु के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।
आईए जानें शिशु की आंखो में काजल लगाने के असर-
- काजल के इस्तेमाल से नवजात शिशु की आंखों से लगातान पानी आने की शिकायत हो सकती है।
- आखों में खुजलाहट के साथ-साथ एलर्जी भी हो सकती है। शिशु की आंखो में काजल लगाने पर उसकी आखों के किनारे यदि ठीक से न साफ किए जाएं तो यह उन किनारों पर जमा हो जाता है जिससे संक्रमण होने का खतरा रहता है।
- बाजार में मिलने वाले ज्यादातर काजल में सीसे की बहुत ज्यादा मात्रा होती है, जो आपके शिशु के लिए खतरनाक हो सकती है क्योंकि लम्बे समय तक इसके इस्तेमाल से सीसा शिशु के शरीर में जाने लगता है जिससे शिशु की दिमाग, शारीकि अंग और अस्थि मज्जा (बोन मैरो) की बढ़त पर बुरा असर पड़ता है। शिशु के शरीर में सीसे की ज्यादा मात्रा उसकी दिमागी सूझ-बूझ को कमजोर करने, दौरे आने और एनीमिया जैसी तकलीफों की वजह बन सकती है।
- हमारी आखों के बीच का हिस्सा (पुतली या कॉर्निया) नाजुक होता है इसलिए आखों में धूल-मिट्टी और गंदगी जाने यह चीजें बड़ी जल्दी आखों पर असर करती हैं और यह शिशु की आंखों की रोशनी को भी प्रभावित कर सकता है।
- इसके अलावा मैली उंगुलियां या किसी और चीज से काजल लगाने से शिशु की आंखों को चोट लग सकती है जिसका असर उम्रभर रह सकता है।
सावधानियां
- आंखो में काजल लगाने से बचें। यदि काजल लगाने के बाद आंखों में जलन की शिकायत हो तो आखों में पानी के छींटे मारें।
- बाजार में मिलने वाले काजल के बजाय घर में बने काजल का इस्तेमाल करें। बाजार से काजल खरीदने पर ध्यान रहे कि यह किसी अच्छी कंपनी द्वारा बना हुआ हो जिससे इस बनाने में इस्तेमाल चीजों की जानकारी रहे।
- उंगलियों या किसी दूसरी चीज से काजल लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह शिशु की आंखों के अंदर न जाने पाए।
- रात के समय शिशु की आंखो से काजल को पोछकर और हल्के हाथ से धोकर निकाल दें।
हालांकि, घर के बड़े-बुजुर्ग आज भी यह मानते हैं कि काजल लगाना शिशु को दूसरों की नज़र लगने से तो बचाता ही है, इसे लगाने से शिशु की आंखें चमकदार, बड़ी और सुन्दर लगती हैं। ये मनगढंत बातें है और इन बातों को लेकर कोई भी डाक्टरी सबूत मौजूद नहीं है इसलिए बेहतर होगा कि शिशु की अच्छी सेहत और बीमारियों से सुरक्षा के लिए उसे समय पर सभी जरूरी टीकें लगवाएं, और शिशु की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें।
और आखिर में, अगर शिशु का काजल लगाना ही हो तो आप इसे उसकी आँखों के अलावा कहीं और जैसे पैर के तलवे, हथेली, कान के पीछे या माथे दांई या बांई ओर एक छोटा सा टीका लगाकर अपनी इच्छा पूरी कर सकती हैं और यह सुरक्षित भी है।
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