गर्भधारण से जुड़ी 11 गलतफ़हमियों का जानिए सच

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3 years ago

गर्भधारण से जुड़ी 11 गलतफ़हमियों का जानिए सच

बधाई हो!! आप गर्भवती हैं।

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आहा!!!

यह किसी महिला के जीवन में उसका सम्मान बढाने वाला पल होता है। वह पल जिसका सभी लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। पर जब हम सभी के लाड़-प्यार और गर्भधारण की खुशी में डूबे होते हंै तो कभी-कभी हमारे प्रिय लोंगो की बहुत सी बेकार की चिंता, शक, मनगढ़ंत बातें, और गर्भावस्था में हमें करने या न करने वाली बातों की सलाह की वजह से हमारी यह खुशी टूट जाती है। सभी लोग बस यही बात कर रहे होते हैं कि ‘हम क्या पहनें, क्या खायें, कहाँ जायें, कहाँ न जायें, ये करें-ये नहीं और जाने क्या-क्या, और उनकी ये बातें कई बार गर्भवती स्त्री को परेशान कर देती हैं कि उसे क्या करना चाहिये और क्या नहीं।

पर क्या आप इस तरह का तनाव उन नौ महिनों के समय चाहते हैं, बिल्कुल नहीं। तो पेरेन्ट्यून यहाँ आपकी मदद के लिए हाजिर है। हमने गर्भधारण से जुड़ी कुछ सबसे आम मनगढंत बातों का पता लगाया और अपने विशेषज्ञ से इसके पीछे का सच जानने के लिये बात की। नीचे दी गयी ये वो गलतफहमियां हैं जिनका पर्दाफाश करने के लिये स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रसूति विज्ञानी डा0 रिंकू सेनगुप्ता धर, सीताराम भारतीया ने हमारी मदद की।
 

1. केसर वाली या वनीला आईसक्रीम खाने ने आपके शिशु का रंग गोरा होगाः

गलतफहमी- यह बिल्कुल सच नहीं है क्योंकि किसी भी तरह के खाने से शिशु के रंग-रूप पर असर नहीं पड़ता। शिशु की रंग-रंगत पर पूरी तरह से उसकी एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी में आने वाले गुणों की छाप होती है।
 

2. आम, अन्नानास, तिल या पपीता खाने से गर्भ गिर सकता हैः

गलतफहमी- डा0 धर कहती हैं कि यह बिल्कुल गलत है। वो आगे कहती हैं कि इसका कोई डाक्टरी सबूत नहीं है कि इन चीजों को खाने से आपके शिशु को नुकसान हो सकता है। बल्कि यह एक अच्छी बात हो सकती है। एसा करने से आप कैमिकल से पके इन फलों जैसे आम या किसी और ऐसे फल को खाने से बच जाती हैं क्योंकि इन्हें खाने से आपके पेट में तकलीफ हो सकती है। सबसे अच्छा है कि आप फल बड़ी सावधानी से खरीदें (खेत में उगने और पकने वाले) और उन्हें खाने पहले अच्छी तरह से धोयें जिससे आप नुकसान पंहुचान वाले रसायनों और कीटनाशक को खाने से बच जायें।
 

3. आपको बहुत सारा दूध पीना चाहियेः

गलतफहमी- दो गिलास दूध आपको कैल्शियम की भरपूर खुराक देने के लिये काफी है। बजाय इसके कि आप केवल दूध के भरोसे रहें, यह बहुत अच्छा है कि आप दूध से बनी हुई दूसरी चीजें खायें जैसे चीज् और घर में बना हुआ पनीर। इससे आपके शरीर में कई तरह की पोषक चीजें जायेंगी और एक जैसा खाना खाकर आप ऊबेंगी भी नहीं। याद रहे कि दूध की वजह से कभी-कभी आपके पेट में गैस या कोई और तकलीफ हो सकती है तो इस पर ध्यान दें और दूध की अपनी रोजमर्रा खुराक ठीक रखें।
 

4. चाय, काॅफी, शराब और सिगरेट पीने से बचेंः

वास्तविकता- यह बिल्कुल सही है कि सिगरेट पीने से आपके पेट में पलने वाले शिशु तक सेहतमंद खून का जाना रूक जाता है और ऐसा होने से उसे नुकसान पंहुचाता है लेकिन चाय और काॅफी के बारे में डा0 धर कहती हैं कि इसे कभी-कभार लिया जाये तो चलेगा और अगर आप अपने काॅफी के कप को नहीं छोड़ सकते तो इसे बिना कैफीन के लें। इसी तरह थोड़ी-मोड़ी शराब भी कभी-कभार पी जा सकती है।
 

5. दो लोगों का खाना खायें और मोटापा बढाने वाली चीज ज्यादा खायें, जैसे घीः

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गलतफहमी- यह बहुत जानी-मानी बात भी मनगढ़ंत है। शुरूआती महीनों में, पेट में पलने वाला शिशु मटर की फली के जितना छोटा होता है तो वास्तव में वह कितना खाना खा सकता है। डा0 धर कहती हैं कि ज्यादा खाने के बजाय आपको पूरी और सेहतमंद खुराक के साथ-साथ दिन में कई बार खाने पर ध्यान देना चाहिये जिससे आप ज्याद देर तक भूखे रहने से बचें। जरूरत से ज्यादा खाना केवल आपके वजन में अनचाहा इजाफा करेगा और यह बच्चे की सेहत के लिये भी ठीक नहीं होता। जहाँ तक घी खाने की बात है तो आपको अगर यह अच्छा लगता है तो आप इसे खाती रहिये पर इसे लेकर दबाब का एहसास हो और इसके ऊपर दूध पीने की भी कोई डाक्टरी वजह नहीं है। पर अगर आप शिशु का जन्म सर्जरी से होना है तो सबसे अच्छी सलाह यह है कि आप इससे बचें क्योंकि खाल की परत मोटी होने की वजह से पेट के अन्दर लगे हुये टांको के घाव भरने में काफी समय लगता है।
 

6. पीठ के बल लेटने से बचें

गलतफहमी- हालांकि पीठ के बल सो पाने से बिल्कुल नहीं बचा जा सकता तो आपको सलाह है कि गर्भवती होने पर अपने बांई तरफ करवट लेकर सोयें। डा0 धर कहती हैं कि अपने बांई या इसके दूसरी तरफ करवट लेकर सोने से खून का बहाव बढता है जिससे गर्भनाल पुष्ट होती है। यह शिशु के लिये फायदेमंद होता है। करवट लेकर सोना शरीर से गंदगी और दूसरे बेकार तरल को ज्यादा अच्छी तरह से बाहर निकालने में आपके गुर्दे की मदद करता है। वह बताती हैं कि यह आपके टखने, हाथ और पैरों की सूजन को कम करता है, तो अपनी मनपसंद तरफ करवट लेकर सोयें।
 

7. माइक्रोवेव ओवन के पास खड़ा होने और कम्प्यूटर के सामने बैठने से रेडिएशन होता है।

हांलाकि विज्ञान में इसके लिये कोइ सबूत नहीं है लेकिन फिर भी आपको इन चीजों में साथ ज्यादा देर तक रहने से बचना चाहिये। यह भी माना जाता है कि माइक्रोवेव में खाने-पीने की चीजों को गर्म करने पर उसके जरूरी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं तो पुरान रस्ते पर लौटें और खाना गर्म करने के लिये स्टोव का इस्तेमाल करें।
 

8. शारिरिक सम्बंध बनाने से गर्भ गिर सकता है।

गलतफहमी- चूंकि बच्चेदानी की मजबूत मांसपेशी और एमनिओेटिक खोल आपके शिशु की रक्षा करती हैं इसलिये शारिरिक सम्बंध से गर्भपात होना शायद नामुमकिन है। हालांकि कुछ पेचीदा मामले जैस गर्भनाल के नीचे होन पर आपकी डाक्टर शारिरिक सम्बंध बनाने के लिये मना कर सकती हैं। साथ ही संक्रमण से बचने और किसी चिकानाई वाली क्रीम के इस्तेमाल की सलाह दे सकती हैं। इसलिये यह जरूरी है आप पति के साथ डाक्टर से इस बारे में बात करें क्योंकि उन्हे ही आपके इलाज और शरीर की हालत की ठीक जानकारी होती है
 

9. गर्भधारण में ज्यादा से ज्यादा आराम करें और सीढ़ियां चढ़ने से बचें। 

गलतफहमी- डा0 रिंकू कहती है कि आप जितनी ज्यादा काम करेंगी उतना ही आपके और शिशु के लिये अच्छा है। दोपहर में 2 घंटे आराम करें, रात में 8 घंटे की नींद लें और थोड़ा-बहुत काम करें और अपने नौ महीनें आराम से गुजारें। इस समय में काम करते रहना बच्चे के पैदा हो जाने के बाद भी आपको चुस्त-दुरूस्त रखता है।
 

10. पेट का आकार और सुबह की सुस्ती शिशु का लड़की या लड़का होना तय करती है।

गलतफहमी- पैदा होने वाला शिशु लड़का या लड़की है इसका पता केवल अल्ट्रासाउण्ड से ही लग सकता है, इसके अलावा यह पता करने का और कोई तरीका नहीं है। सुबह की सुस्ती, पेट का आकार, पेट के अन्दर शिशु की पैर की ठोकरें, या गर्भधारण के समय माँ का रंगरूप और पीलापन आदि से शिशु के लड़का या लड़की होने का बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। और चाहे जो भी हो, अनजाने मिलने वाली खुशखबरी तो खास ही होती है, सही है न।
 

11. ऊबड़-खाबड़ सड़क और ग्रहण वाले दिन बाहर न जायें

गलतफहमी- शिशु एमनिओटिक थैली में सुरक्षित रहता है इसलिये उसे चोट लग पाना मुश्किल होता है पर अगर सड़क बहुत ज्यादा ऊबड़-खाबड है तो आपकी पीठ में मोच आ सकती है तो गाड़ी धीरे और आपनी सहूलियत के हिसाब से चलायें। डा0 धर कहती हैं कि इस बात का भी कोई डाक्टरी सबूत नहीं है कि ग्रहण के दिन बाहर निकलने पर गर्भ को नुकसान पहुंचता हो।

 

तो इन सभी बातों से साफ है कि किसी तरह का खतरा मोल लेने या दूसरों की बातों पर भरोसा करने के बजाय अपने डाक्टर का सलाह लेना या दिमाग का थोड़ा सा इस्तेमाल करना, हमेशा सही है इसलिये ज्यादा चिंता न करें अपने इन पलों का आनंद उठायें। 

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