गर्भावस्था में ‘वैरीकोज् वेन्स’ से बचाव के उपाय

नसों में सूजन आना वैरीकोज् वेन्स कहलाता है और ये नसें ऊपरी त्वचा के पास उभर कर दिखाई देने लगती है। वैरीकोज् वेन्स की वजह से आपको थोड़ी-बहुत परेशानी हो सकती है या आपको अपने पैरों में भारीपन और दर्द का अहसास भी हो सकता है। इसके अलावा इन सूजी हुई नसों के आस-पास की त्वचा में खुजली, झनझनाहट और जलन का अहसास भी होता है। दिन ढलते-ढलते यह लक्षण बदतर होने लगते हैं खासकर, यदि आप अपने पैरों पर ज्यादा देर तक खड़ी रहती हों।
ज्यादतर महिलाओं में वैरीकोज् वेन्स की परेशानी पहले-पहल गर्भावस्था के दौरान सामने आती है। जैसे-जैसे आपका गर्भाशय बढ़ता है, यह आपके शरीर के दाहिनी ओर की बड़ी नसों पर दबाब बनाता है (inferior vena cava नाम की नस जो हृदय तक दूषित खून को ले जाती है), जिसकी वजह से पैर की नसों पर दबाब बढ़ने लगता है। यदि आपके परिवार में किसी सदस्य को पहले कभी यह परेशानी रही हो तो इससे पीड़ित होने की ज्यादा आशंका है। पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में यह परेशानी बड़ी आम है और आपको यह है तो हर गर्भावस्था के साथ और आपकी उम्र बढ़ने के साथ इसकी तकलीफ बदतर होती जाएगी। गर्भावस्था में शारीरिक वजन ज्यादा होना, गर्भ में जुडवा या दो से ज्यादा बच्चे होना और ज्यादा देर तक खड़े रहना जैसी वजहें आपको इस वैरीकोज् वेन्स बीमारी के लिए ज्यादा संवेदी बनाती हैं
प्रसव के बाद इस बीमारी में सुधार आने लगता है, खासकर तब, यदि आपको गर्भावस्था के पहले से यह परेशानी न रही हो, पर अगर इसमे कोई सुधार न दिखाई दे तो इसके इलाज के कई तरीके हैं। आप इनसे छुटकारा भी पा सकती हैं या इनके असर को तो कम किया ही जा सकता है और मैं आपको ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रही हूँ जिनकी मदद से आप गर्भावस्था में वैरीकोज् वेन्स से पूरी तरह मुक्त भी हो सकते हैं या उनकी तकलीफ को कम कर सकते हैंः
1. रोज व्यायाम करें- यहांँ तक कि अपने घर के आसापास तेजी से चलना-फिरना भी शरीर में खून के बहाव को दुरूस्त करता है।
2. अपने शारीरिक वजन को गर्भावस्था के हर चरण के लिए तय सीमा के मुताबिक सीमित रखने की कोशिश करें।
3. जब भी मौका मिले अपने पैरों को हवा में उठाएं। कुर्सी या ऐसी ही किसी चीज पर बैठें तो पैरों को आराम से रखने के किसी स्टूल या डिब्बे का इस्तेमाल करें और जब लेटी हों तो पैरों को ऊपर रखने के लिए अपने पैरों के नीचे तकिया रखें।
4. बैठने के समय, पैर पर पैर रखकर या पंजे पर पंजा रखकर न बैठें।
5. लंबे समय तक बैठने या खड़े होने से बचें। अगर ऐसा करना पड़े तो बीच-बीच में कुछ देर तक बैठें या टहलें।
6. बांई ओर करवट लेकर सोएं। बांई ओर झुके रहने और एक तकिया अपनी पीठ के पीछे लगाएं और पैरों को उठाये रखने के भी तकिये का इस्तेमाल करें। चंूकि वेनाकावा नाम की नस शरीर में दांई ओर होती है इसलिए बांई करवट लेटना इस नस पर होने वाले गर्भाशय के दबाब को कम करता है और इससे आपके पैरों की नसों पर होने वाला दबाब भी कम जो जाता है।
7. ऐसे मोजे/जुराबें (compression stocking) इत्यादि पहने जो सूजन को बढ़ने से रोकें और वैरीकोज् वेन्स के आसपास की त्वचा के लिए फायदेमंद हों। इसके लिए सामान्य से दोहरे मोटाई वाले मोजे/जुराबें बेहतर काम करते हैं और यह दवाईयों की दुकानों पर आसानी से मिल जाते हैं। यह पैर के पंजों की जगह कसे रहते हैं और पैर पर ऊपर जाते हुए इनकी पकड़ ढ़ीली होती जाती है जिससे दिल में खून वापस जाने का प्रवाह अच्छा बना रहता है और इस वजह से ये जुराबें अनचाही सूजन को रोकती हैं और वैरीकोज् वेन्स से होने वाली तकलीफ को बढ़ने नहीं देतीं।
8. पैरों में खून के जमाव को रोकने के लिए, सुबह उठने के पहले बिस्तर मे लेटे-लेटे ही इन मोजों/जुराबों को पहन लें और पूरे दिन पहने रहें।
हालांकि, ज्यादा भारी जुराबें पहनने से आपको परेशानी हो सकती है, खासकर गर्म मौसम में पर यह बिगड़ी हुई वैरीकोज् वेन्स के दर्द को झेलने से कहीं बेहतर है।
तो मुझे उम्मीद है वैरीकोज् वेन्स की तकलीफ से बचने के लिए आप इन सरल उपायों को अपनाएंगी अपनी गर्भावस्था को पूरे आराम और आनंद से पूरा करेंगी।
क्या वैरीकोज् वेन्स से बचने के लिए रिद्धी द्वारा बताए गए सुझाव आपको उपयोगी लग? गर्भावस्था में आपने वैरीकोज् वेन्स से बचने के लिए क्या किया या क्या करेंगी? हमें इस बारे में जानना अच्छा लगेगा!!
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