सर्दी के मौसम में कैसी हो नवजात शिशु की ड्रेसिंग और पहनावा?

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दीप्ति  अंगरीश

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5 years ago

सर्दी के मौसम में कैसी हो नवजात शिशु की ड्रेसिंग और पहनावा?

नवजात शिशु को सर्दी के मौसम में किस तरह के कपड़े पहनाने चाहिए इसके लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। गर्मी के मौसम ने अलविदा कह दिया है और गुनगुनी सर्दी की शुरूआत हो गई है और इसके बाद फिर आएगी कड़ाके की ठंड। सर्दी का मौसम यूं तो बहुत लोगों को अच्छा लगता है और इसकी मुख्य वजह होती है सुहावना मौसम, जिसमें फैशनेबल कपड़े पहनने का मौका मिलता है और भरपूर व्यंजनों का लुत्फ साथ में। लेकिन इसके साथ ही अगर आप नई मां बनी हैं तो आपको अपने बेबी के लिए विशेष रूप से सतर्क भी रहना चाहिए। ध्यान रखिए कि आपका शिशु पहली बार सर्दी के इस मौसम को अनुभव कर रहा है। ऐसे में हम अपनी सूझबूझ, पैनी देखभाल और प्यार की गर्माहट से उनकी बेहतर केयर कर सकते हैं। तो चलिए इस ब्लॉग में मैं आपको बताती हूं कि सर्दी के मौसम में आपको अपने बेबी को किस तरह के और कितनी मात्रा में कपड़े पहनाने चाहिए। [ इसे भी पढ़ें - 6 तरीके बच्चे की सर्दी के मौसम में देखभाल के]

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शिशु को कितने लेयरिंग में कपड़े पहनाने चाहिए / Layering of Clothes to Keep Baby Warm in Winter

हम और आप बड़े हैं, तो मौसम की मार को झेल लेते हैं, लेकिन नवजात शिशु इसके लिए तैयार नहीं है। ये जानिए कि आपसे ज्यादा गोलू को ठंड लगती है। आप तो सर्दी का मजा लेते हैं सिर्फ एक या दो स्वेटर में लेकिन आप  यदि बेबी को भी इसी तरीके से कपड़े पहनाएंगे, तो वह बीमार हो सकता है। सर्दी में बेबी को फैंसी स्वेटर, जैकेट और वार्मर के अलावा चाहिए कुछ एक्सट्रा। यह एक्सट्रा है कपड़े पहनाने का तरीका, जिससे शिशु को सर्द हवाएं छूती नहीं हैं।

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  1.  कपड़े पहनने का स्टाइल बड़ों, बच्चों और नवजात का बिल्कुल अलग होता है। खासतौर से सर्दी के मौसम में। आप कड़ाके की ठंड में एक स्वेटर पहनेंगे, तो छोटे बच्चे को कम से कम 2 स्वेटर और नवजात शिशु को 3-4 स्वेटर पहनाएं।
     
  2.  शिशु को गर्म बिस्तर पर ही सुलाएं। इसके लिए बिस्तर पर फलालैन या ऊनी चादर बिछाएं। अब इसके ऊपर 4 प्लाई बेबी कंबल रखें। अब शिशु को इस पर लेटाएं और रजाई ओढ़ाएं। ऐसा करने से शिशु के सिर, हाथ, कान और पैर ढके रहते हैं। नतीजतन सर्द हवाएं शिशु को अपनी चपेट में नहीं लेती।ऑ
     
  3.  शिशु को 1-2 स्वेटर नहीं, बल्कि लेयरिंग में कपड़े पहनाएं। शिशु को 4-5 मोटे कपडे़ या पतले स्वेटर-पाजामा की लेयरिंग में कपड़े पहनाएं। ऐसा करने से हर कपड़े की गर्मी शिशु को सर्द मौसम में भी तरोताजा बनाए रखेगी।
     
  4.  सर्द मौसम में बच्चे व बुजुर्गों को सबसे ज्यादा सीने का हिस्सा प्रभावित करता है। ऐसे में छाती को ढकना नितांत आवश्यक है। शिशु की छाती को ढकने के लिए सबसे पहले हाॅजरी फैब्रिक की बनियान पहनाएं। इसके बाद वाॅर्मर पहनाएं और ऊपर से काॅटन की टीशर्ट पहनाएं। इस 3 लेयरिंग के बाद आधी बाजू का स्वेटर और अंत में पूरी बाजू का स्वेटर पहनाएं। कुल मिलाकर ठंड में नवजात को 4-5 गर्म कपड़े की लेयरिंग जरूर करें।
     
  5. यदि सर्द हवाएं चल रही हैं, तो शिशु को 4-5 लेयरिंग के बाद जैकेट पहनाएं। साथ ही मफलर से गला व कान ढक दें।
     
  6.  आप ठंड के अनुरूप ही शिशु की टांगे ढकें। मसलन जंप सूट या वेलवेट या फर वाली पजामी के नीचे वाॅर्मर तब पहनाएं जब कड़कड़ाती ठंड हो। कम ठंड में शिशु को पजामी के नीचे वाॅर्मर पहनाने की जरूरत नहीं है। वरना बच्चा बेचैन होकर रोएगा।
     
  7.  शिशु की छाती में 4-5 लेयरिंग करके कपड़े पहनाने के बाद फैंसी स्वेटर की जगह ढीली फोम वाली जैकेट या कोट पहनाएं। यह दिखने में बहुत फैंसी नहीं होती पर गर्माहट जर्बदस्त देती है।
     
  8. चूंकि नवजात शिशु लेटा रहता है तो उसे ठिठुरन अधिक लगती है। ऐसे में उसे कपड़ों की लेयरिंग के बाद पैरों में हाथ से बनी ऊनी जुराबें और हाथों में ऊनी मिटन्स पहनाएं। इस उम्र के बच्चे को दस्ताने नहीं पहनाएं। कारण छोटी-छोटी उंगुलियों में दस्ताने फिट नहीं आएंगे और बच्चे के हाथ ठंडे ही रहेंगे। भले ही उसे ऊनी दस्ताने क्यों ना पहनाएं हों। मिटन्स हाथों में फिट हो जाएगा और उंगलियां आपस में मिलेंगी तो गर्मी प्रदान करेंगी। नतीजतने बेबी के हाथ गर्म रहेंगे।
     
  9.  शिशु को सीधा गर्म कपड़ा नहीं पहनाएं। नवजात की त्वचा नाजुक और कोमल होती है। ऐसे में सीधा पहनाया गर्म कपड़ा नाजुक त्वचा पर रैशेज व एलर्जी कर सकता है।
     
  10.  शिशु के गर्म कपड़े मुलायम होने चाहिए। साथ ही उनमें किसी भी प्रकार की चुभन वाली वस्तु, जैसे जिप, टैग, कढ़ाई आदि नहीं होनी चाहिए। ये शिशु की संवेदनशील त्वचा के लिए घातक हो सकते हैं।
     
  11. पाजामा में इलास्टिक की जगह डोरी होनी चाहिए। इलास्टिक शिशु को चुभ सकता हैै।
     
  12. सर्दी हो या गर्मी नवजात शिशु को चुस्त कपड़े नहीं पहनाएं। कारण शिशु की हड्डियों का विकास नहीं हुआ होता। सो, चुस्त कपड़ों को पहनना व उतारना शिशु के लिए तकलीफादयक होता है।
     
  13. कंबल से शिशु का मुंह नहीं ढकें। अन्यथा शिशु को सांस लेने में तकलीफ होगी।

 

कैसा होना चाहिए शिशु का वार्डरोब / Essential Wardrobe for Newborn Babies

नवजात की अलमारी सर्दी के लिए खास तौर पर व्यवस्थित करें जहां सिर्फ नन्हें-मुन्नें के गर्म कपड़ों हों। यदि शिशु के लिए अलग से आलमारी खरीदने से आपका बजट गड़बड़ा रहा है, तो अपनी आलमारी में एक शेल्फ या एक बड़ा दराज शिशु के सर्दी के कपड़ों के लिए सुनिश्चित करें। इसमें हाॅजरी से बनी बनियान, थर्मल वियर, पूरी बाजू की टी शर्ट, पाजामी, फलालैन की चादर, ऊनी जुराब, ऊनी टोपी, फोम वाला बंद गले व खुले गले का स्वेटर या कोट, तौलिए, बिब, गर्म जंप सूट, हाथ से बुना स्वेटर, शाॅल  और जैकेट। सभी की संख्या 7 से 8 हो। कारण छोटे बच्चे कपड़े जल्दी-जल्दी गंदे करते हैं। साथ ही कम से कम 10-15 डायपर रखें।

 

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