जानिए शिशुु का घुटने के बल चलने के क्या हैं फायदे

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Supriya jaiswal

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5 months ago

जानिए शिशुु का घुटने के बल चलने के क्या हैं फायदे

 बच्चे के जन्म के लेने के बाद से प्रत्येक महीने में आपको बच्चे के शरीर में कुछ नया परिवर्तन देखने को मिलता है। बच्चे को बढ़ते देखना माां बाप के लिए बेहतरीन अनुभव होता है। ऐसे में जब बच्चे अपने घुटनों के बल चलना शुरू करता है तो हमारी खुशी का कोई ठिकाना नहीं होता है। घुटने के बल चलना बच्चे के विकास के लिए भी बहुत जरूरी होता है जिस तरह बच्चा धीरे-धीरे चलना शुरू करता है उसी तरह से उसके शरीर की लंबाई बढ़ने लगती है।  बच्चे के शरीर का विकास धीरे धीरे होता है, आमतौर पर बच्चे छह माह के होते होते बैठना शुरू कर देते हैं और फिर वह घुटनों के बल चलने लगते हैं। ऐसे में जब आपका नन्हा शिशु घुटनों के बल चलने लगता है तब वह अपने पैरों के साथ साथ अपने हाथ का भी इस्तेमाल करता है इससे उसके पैरों के साथ हाथ की हड्डियां और मांसपेशियां भी मज़बूत होते हैं। इस समय बच्चे को प्रोटीन और कैल्शियम युक्त आहार देना बेहद ज़रूरी होता है ताकि उसकी हड्डियों को मज़बूती मिले और मांसपेशियों का भी विकास तीव्र गति से होता रहे।  

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घुटने के बल चलता है शिशु तो ये सब होते हैं फायदे / Kneeling Is The Child, All These Are The Benefits

अब आप ये भी जान लीजिए कि घुटने के बल चलने से शिशु को किस तरह के फायदे होते हैं

  • .जब बच्चे घुटनों के बल चलना शुरू करते है तो उनके अंदर चीजो को जानने की इच्छा बढती है ,वो हर चीज को समझने की कोशिश करते है जिससे उनके अंदर की जिज्ञासा बढती है साथ ही साथ घुटनों के बल चलने पर उनका शरीर फुर्तीला बनता है।
     
  • बच्चे का घुटने के बल चलना उसके शरीरिक विकास के लिए अच्छा माना जाता है। इस तरह चलने से उसके शरीर की हड्डियां मजबूत और लचीली होती हैं। यही कारण है कि जब शिशु घुटने के बल चलना शुरू करें तो उसको प्रोटीन और कैल्शियम युक्त आहार खाने को दें।
     
  • जब शिशु घुटनों के बल चलना शुरू करता है तो वह कभी इधर- गिरता है तो कभी उधर। फिर वह धीरे-धीरे बैलेंस बनाना सीख लेता है। मगर ध्यान रहे कि जब भी बच्चा घुटने के बल चले तो उसके आस-पास ही रहें।
     
  • घुटनों पर चलने से शिशु के दिमाग का विकास होता है। यही समय होता है जब शिशु का दायां और बायां मस्तिष्क आपस में सामंजस्य बनाना सीखता है। इस समय शिशु एक साथ कई काम करता है। इसमे दिमाग के अलग-अलग हिस्सों का इस्तेमाल होता है। 
     
  • जब बच्चा जमीन पर चलना शुरू करता है तो वह किसी कीड़े को देख कर उससे बचने के लिए उसको मार देता है। तो कई बार वह कीड़े को देखकर अपना रास्ता बदल लेता है क्योंकि इस समय तक उसको यह बात पता चल जाती है कि कौन सी चीज उसके लिए खतरनाक है।

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