बच्चों के जल्दी चलना शुरू करने के ये हैं फायदे

बहुत से शिशु अपने पहले जन्मदिन तक चलना शुरु कर देते हैं। 15 महीने की उम्र तक अधिकांश बच्चे बिना सहायता के चलना शुरु कर देते हैं, हालांकि उनके कदम अक्सर असमान ही होते हैं। घुटनों के बल चलने वाले बच्चे नितंबों को घिसटने वाले बच्चे की तुलना में जल्दी चलना शुरु करते हैं|अगर आपके शिशु ने अभी तक चलना शुरु नहीं किया है, तो भी चिंतित न हों। कुछ बच्चे 17 या 18 महीनों के होने पर भी नहीं चलते हैं। बच्चो का चलना सीखना उनकी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है। यह उसकी आजादी की तरफ एक बड़ा कदम है। खड़ा होना सीखने के बाद अब बिना सहारे के डगमगाते हुए चलना और फिर पूरे विश्वास से दौड़ना, उछलना और कूदना शुरु करेगा। इस तरह वह धीरे-धीरे अब अपनी बाल्यावस्था को पीछे छोड़, आगे बढ़ रहा है।जब बच्चे जल्दी चलना शुरू करते है तो हमे आश्चर्य के साथ साथ बेहद खुशी भी होती है |
जानिए बच्चों के जल्दी चलना शुरू करने के फायदे/ Know the Benefits of Starting a Children's Walking in hindi
- इन बच्चो में आत्मविश्वास अधिक होने के संभावना होती है - आपका बच्चा आठ और 10 माह की उम्र में किसी फर्नीचर को पकड़कर खड़े होने के लिए खुद को उठाने का प्रयास शुरु करेगा। अगर आप उसे सोफे के साथ खड़ा करेंगी, तो वह सहारे के लिए सोफे को पकड़ने का प्रयास करेगा। अगले कुछ हफ्तों में जब आपका शिशु ठीक से खड़ा होना सीख लेता है, तो वह फर्नीचर को पकड़कर चलना शुरु करेगा। इसके बाद वह शायद इतना आत्मविश्वास हासिल कर लेगा कि वह सहारे को छोड़कर खुद खड़ा हो सके।यह सब उस बच्चे की उत्सुकता तो दर्शाता है की वह चीजो को जानने के लिए कितना जागरुक है। इस ब्लॉग को जरूर पढ़ें:- अपने बच्चे के अंदर जगाएँ आत्म विश्वास
- जल्दी चलने वाले बच्चे ज्यादा चौड़े और मजबूत होते है -आपका शिशु जैसे-जैसे पलटना बैठना और घुटनों चलना सीखता है, वैसे-वैसे उसकी मांसपेशियां भी मजबूत होती जाती हैं।इन गतिविधियों से शिशुओं की हड्डियों पर प्रभाव पड़ता है, जिससे वे देरी से चलना शुरू करने वाले बच्चों की तुलना में, ज्यादा चौड़े और मजबूत होते हैं। ये ब्लॉग भी बहुत काम का है, जरूर पढ़ें:- 8 कसरत आपके शिशु की मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने के लिए
- यह बच्चे संभवतः खेल खुद में ज्यादा रूचि रखते है - जब बच्चे जल्दी मसलन 18 महीने की आयु में ही चलना, दौड़ना व उछलना-कूदना आदि शुरू कर देते हैं,तो उनका खेल- कूद में मन ज्यादा लगता है क्युकी वो चीजो को पैर से मारने की कोशिश करते है,पार्क में अलग- अलग तरीको के झूलो और खेल खेलना पसंद करते है। इसको भी पढ़ें:- खेल-खेल में और खिलौनों की मदद से बच्चों को सीखाएं ज्ञान की बात
- बड़े होने पर हड्डियों में फ्रैक्चर होने की आशंका कम होती है - इन लोगों को आगे चलकर ऑस्टिपोरोसिस या हड्डियों में फ्रैक्चर आदि समस्याएं बाकि बच्चो के मुकाबले कम हो सकती हैं।ज्यादा सक्रिय होने से आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे चलने, दौड़ने, कूदने आदि के दौरान हमारी हड्डियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है और फिर उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियों की मजबूती भी बढ़ती है।
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