1. खेल-खेल में और खिलौनों की मदद ...

खेल-खेल में और खिलौनों की मदद से बच्चों को सीखाएं ज्ञान की बात

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Megha

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7 years ago

छोटे बच्चो का दिमागी विकास तेजी से होता है। इस समय बच्चे जो भी सीखते है, वो सारी उम्र बना रहता है। इसी उम्र में बच्चे हर चीज को देखकर उसके बारे में जानना चाहते है और उनके दिमाग में सवाल उठते रहते हैं। बच्चे अपने मां-बाप से ही घर पर बहुत कुछ सीखते हैं और इसलिए उन्हें बच्चों का प्रथम गुरु कहा जाता है। इस उम्र में आप जो भी सिखाना चाहेगी बच्चा आसानी से सीख लेगा इस समय पेरेंट्स को चाहिए, की वो बच्चे द्वारा पूछे गए हर सवाल का जवाब दे , ना कि उसे टाल दें। तो आज हम इस ब्लॉग में बता रहे हैं कि कैसे आप अपने  बच्चे को खेल खेल में और खिलोनो की मदद से भी बहुत कुछ सिखा सकती हैं।

 

  1. सुबह जल्दी उठकर सभी को गुड मोर्निग बोलना:- अपने बच्चे में सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। सुबह जल्दी उठाने के लिए उसे प्यार से  जगाने का प्रयास करें।  उसे उसका कोई पसंद वाला खिलौना दिखाकर जगाये। आपको भी अपने बच्चे के फेवरेट खिलौने के बारे में पता होगा। अगर बच्चो में जल्दी उठने की आदत पड़ गई तो वे  ताउम्र इस आदत को बना कर रख सकते हैं। सुबह जल्दी उठने से दिन भर ताजगी बनी रहती है। सुबह उठने के बाद आप बच्चे  से खुश होकर गुड मॉर्निंग कहे तो वे भी आपको रिप्लाई करेगा और इससे उसे सुबह खुश होकर उठाना अच्छा लगेगा और सभी को  गुड मोर्निंग बोलना सीखेगा। 
     
  2. खाने से पहले और बाद में हाथ धोने की आदत:-  बच्चे खेल कूद में लगे रहते हैं। ऐसे में बच्चो के हाथ गंदे हो जाते है और उनमे कई तरह के बैक्टीरिया लग जाते है। जब बच्चे इन्ही हाथो से खाना खाते है, तो उन्हें इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। इसीलिए बच्चो में ये आदत डालें की खाना खाने से पहले अपने हाथ जरुर धोएं, ताकि गंदगी पेट में ना जाए। इसके बाद बच्चों को मुंह धोने और कुल्ला करने की आदत भी डालें।
     
  3. बड़ो के पैर छूना और आप करके बातें करना:- बच्चे  को ये भी सिखाये की वो अपने से बड़ो के पैर छुएं और उनसे आप करके बातें करें। इसके लिए बेहतर तो यही होगा कि आप खुद अपने बच्चे से आप करके बातचीत करें। अगर घर में कोई उम्रदराज या वरिष्ठ व्यक्ति आते हैं तो सबसे पहले आप उनके पैर छुएं फिर बच्चे को भी ऐसा करने के लिए कहें। जब वो आपको ऐसा करते देखेगा तो उसके अंदर भी बड़ों का सम्मान करने की प्रवृति जग जाएगी।
     
  4. खुद खाना खाना सिखाये:- बच्चो को खाना खाते समय कुछ मनोरंजक कविताएं या गाना गाकर खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करें। आप अपने साथ बच्चे को भी बैठाकर खाना खिलाएं।  दूध या खाना पूरा ख़तम करने पर उसे शाबाशी गुड बेबी जैसे वर्ड बोले। 
     
  5. बच्चे की बेसिक शिक्षा:- बच्चों को उम्र के हिसाब से पढ़ाया जाए तो वह जल्दी कवर करते हैं। अगर बच्चा 1 से 3  साल की आयु के बीच है तो उन्हें पिक्चर वाली किताबें,  एल्फाबैट्स वाले गाने और वीडियो वाली कविताओं की मदद से सिखाने की कोशिश करें। बच्चे के साथ कहीं घूमने निकले हैं तो रास्ते में अपने आस-पास की चीजों के बारे में उसे बताते जाएं। बच्चे से ज्यादा से ज्यादा बातें करें।
     
  6. प्रार्थना करना सिखाये:- जब आप प्रार्थना कर रहे हो तो अपने साथ बच्चे को भी बैठाएं और प्रार्थना करना सिखाये। बच्चे घर की रौनक होते है। जब छोटे बच्चे घर में प्रार्थना करते है तो घर का माहौल अपने आप अच्छा हो जाता है। बच्चे के साथ परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ मिलकर प्रार्थना करनी चाहिए। प्रार्थना से आत्मविश्वास बढ़ता है।

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