क्या हैं बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षण, कारण और उपचार ?

डेंगू बुखार का नाम सुनते ही हम जैसे बड़े लोग भी सिहर उठते हैं और बच्चे तो इसकी चपेट में और जल्दी आ जाते हैं। बच्चे को बुखार होने पर आपके लिए ये तय करना मुश्किल हो जाता है कि ये सामान्य बुखार है या डेंगू बुखार। आज हम आपको इस ब्लॉग में डेंगू बुखार के लक्षण और कारणों के बारे में तो विस्तार से बताएंगे ही इसके साथ ही किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए उसके बारे में भी जानकारी देंगे।
जानिए क्या है डेंगू ? /What is Dengue Fever in Hindi?
जैसा कि आप जानते हैं कि मलेरिया की तरह डेंगू भी मच्छर के काटने से होता है। डेंगू का वायरस एडिस(Adis) मच्छर के काटने से शरीर में प्रवेश कर जाता है। एक और महत्वपूर्ण बात के बारे में आपको बताना चाहूंगा कि आमतौर पर रात के समय में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है लेकिन डेंगू के मच्छर सुबह और शाम ढ़लने से पहले सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। गर्मी के मौसम में जब आद्रता बढ़ जाती है और ठहरे हुए पानी में डेंगू के मच्छर आसानी से पनप जाते हैं। चिकनगुनिया और जीका जैसी गंभीर बीमारियों का कारक भी डेंगू के मच्छर होते हैं। गर्मी और बारिश के मौसम में डेंगू के खतरे को देखते हुए विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता होती है। अगर मां को गर्भावस्था के दौरान डेंगू के बुखार ने जकड़ लिया है तो फिर उसका असर होने वाले बच्चे पर भी नजर आ सकता है।
बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षण और कारण / Causes & Symptoms of Dengue in Kids in Hindi
डेंगू के बुखार को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। डेंगू के इलाज में कतई लापरवाही बरतने पर ये जानलेवा बीमारी का भी रूप ले सकता है इसलिए ये जरूरी है कि डेंगू के बुखार को और सामान्य बुखार के बीच के फर्क को समझ कर सही तरीके से बच्चे का इलाज कराया जाए। दरअसल सबसे बड़ी समस्या ये होती है कि डेंगू का बुखार शुरुआती दौर में वायरल बुखार की तरह ही नजर आते हैं और यही वजह है कि इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है। तो आइये सबसे पहले जानते हैं क्या हैं बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षण और कारण ?
- बच्चे को बहुत तेज बुखार हो जाना
- सिर में दर्द होना
- कभी-कभी शरीर का तापमान कम हो जाना
- बार-बार उल्टी होना
- कुछ भी खाने पर हजम नहीं होना
- चिड़चिड़ापन और बेचैनी का बढ़ जाना
- भूख का एहसास नहीं होना और कुछ भी खाने का मन नहीं करना
- मुंह के जायके का खराब हो जाना
- आंखों के पिछले हिस्से में दर्द करना
- नाक से पानी गिरना
- पूरे शरीर में दर्द होना
- मुंह के अंदर मसूड़ों से खून आना या नाक से खून गिरना
- गले में खराश होना
- प्लेटलेट्स में लगातार गिरावट आना
- चक्कर आना
- दुर्बलतापन महसूस करना
- बच्चे के शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर लाल रंग के चकत्ते का हो जाना
डेंगू का मच्छर अगर काट ले तो इसका असर तुरंत नजर नहीं आता है बल्कि 4 से 5 दिनों बाद डेंगू बुखार के लक्षण महसूस होते हैं। डेंगू के बुखार के ठीक हो जाने के बाद भी इसका असर बहुत दिनों तक बना रहता है और शारीरिक कमजोरी महसूस होती रहती है।
बच्चों में डेंगू फैलने के कारण / How Dengue Spreads in Kids in Hindi?
हम सभी बच्चों के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं, बच्चों को कुछ हो जाए तो हम बहुत परेशान हो जाते हैं। इन सावधानियों को अवश्य बरतें बच्चे को डेंगू से बचाने के लिए।
- आपने यह तो जान लिया कि डेंगू मुख्य रूप से मादा मच्छर के काटने से फैलता है और इसका प्रकोप गर्मी के आखिरी और बारिश के शुरुआती दिनों में सबसे ज्यादा होता है।
- डेंगू का मच्छर उन जगहों पर पनपता है जहां पर पानी ठहरा हुआ हो जैसे कि कूलर, पौधों के गमले या सडकों पर बने गड्ढ़े
- डेंगू के मरीज को अगर सामान्य मच्छर काट ले तो खून के माध्यम से डेंगू का वायरस मच्छर में प्रवेश कर जाता है। अब अगर ये डेंगू वायरस वाला मच्छर किसी स्वस्थ इंसान को काट ले तो डेंगू का वायरस उस व्यक्ति के शरीर में चला जाता है। इसलिए जरूरी ये नहीं कि सिर्फ मादा मच्छरों के काटने से ही डेंगू हो जाए।
- अगर किसी बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो डेंगू इनके सबसे अधिक प्रभावित कर सकता है।
डेंगू फीवर होने की स्थिति में किस तरह के उपाय आजमाएं ?
सबसे पहले तो आप इस बात का ध्यान रखें कि आपके बच्चे को पर्याप्त आराम मिल सके। डेंगू फीवर होने की स्थिति में नीचे दिए गए उपाय जरूर करें
- अगर आपके बच्चे को बुखार आए हुए 2 से 3 दिन हो गए हैं तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए। डॉक्टर ब्लड सैंपल की जांच करवा कर सुनिश्चित कर सकता है कि आपके बच्चे को डेंगू का बुखार है या सामान्य बुखार
- आप अपने बच्चे को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्था के सेवन कराएं
- तेल-मसालेदार वाले खाने से परहेज रखें और अपने बच्चे को हल्का और पौष्टिकता से भरपूर खाना दें।
- अगर आपका बच्चा स्तनपान पर निर्भर है तो अपने शिशु को बार-बार स्तनपान कराते रहें। सबसे जरूरी है कि बच्चे को डिहाइड्रेशन से बचाया जाए और मां का दूध बच्चे के शरीर की जरूरतों को पूरा करते हैं।
- 1 साल से ऊपर के बच्चे को ओआरएस यानि ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्ट्स पिलाते रहें।
- जब बहुत ज्यादा बुखार हो जाए तो कुछ देर के अंतराल पर बच्चे के माथे पर गीली पट्टियां डालते रहें।
- अपने घर में दिन के समय में भी मच्छरदानी का प्रयोग करें
- अपने घर और आसपास के इलाके को स्वच्छ बनाएं। इस बात का जरूर ध्यान रखें कि अपने घर या बाहर में कहीं भी जलजमाव ना हो।
- जहां कभी भी ठहरा हुआ पानी हो वहां मिट्टी के तेल की कुछ बूंदे जरूर डाल दें।
- अपने घर के बाहर में नीम की पत्तियां या नारियल की छाल को जलाने से भी मच्छर दूर भाग सकते हैं।
अपने बच्चे को फुल बाजू की शर्ट और पैंट पहनाए हुए रखें। संभव हो तो बच्चे को हल्के रंग के कपड़े पहनाएं क्योंकि रिसर्च के मुताबिक गहरे रंग के कपड़ों को देखकर मच्छर आकर्षित हो जाते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चे को किसी भी प्रकार की दवा ना खिलाएं। 2 दिन से ज्यादा बुखार होने पर अपने बच्चे को नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर के पास चेकअप कराने के लिए जरूर ले कर जाएं।
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